Rajasthan Rainfall Damage; Ajmer Flood Situation | Baat Khari Hai | सड़क के गड्‌ढों की ‘केक सेरेमनी’ और ‘कुआं पूजन’: अफसर बोले-इंडिया में ‘जाम’ से हल नहीं निकलते; ठुमके से बाइक गिरा देता ‘साड़ी-बॉय’ – Rajasthan News

Actionpunjab
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आज बात खरी है में पढ़िए- राजस्थान में बारिश के बाद हालात कैसे हैं? उदयपुर में सड़कों पर ऐसे गड्ढे हो गए कि केक काटकर बर्थ-डे मना दिया गया। इधर, अजमेर में पानी में डूबते घरों से जान बचाकर निकल रहे लोगों को एक अफसर कागज संभालकर रखने की नसीहत दे रहे हैं। राजस्थान की राजनीति और ब्यूरोक्रेसी की खरी-खरी सुनिए…

1. केक काटकर मनाया गड्‌ढे का बर्थ-डे, इधर, ‘कुआं पूजन’ की नौबत

उदयपुर झीलों का शहर है। यहां सड़क पर गड्‌ढे हैं और गड्ढों में झीलें। अफसरों ने कानों पर पैचवर्क कर लिया है। किसी की नहीं सुन रहे हैं। शहर के हिरणमगरी से सटे मनवाखेड़ा में पिछले साल सड़क पर एक गड्ढे का जन्म हुआ था। नगर निगम और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के अफसरों की मेहरबानी से गड्ढा खूब फला-फूला।

जब एक साल तक अफसरों ने सुनवाई नहीं की तो कॉलोनी के लोगों ने गड्ढे को गोद ले लिया। अब गड्ढे का केक काटकर जन्मदिन मनाया गया है। बाकायदा केक पर ‘गड्ढों का एक वर्ष पूर्ण’ लिखा गया। केक कटा, सब में बंटा। होनहार लोगों के इस ‘इनोवेशन’ ने अफसरों को पानी-पानी कर दिया है। वैसे, राजधानी जयपुर भी पीछे नहीं। यहां सड़क पर गड्ढे नहीं होते। सीधे कुएं बनते हैं। उदयपुर वालों से प्रेरित होकर राजधानी में ‘कुआं पूजन’ की तैयारी चल रही है।

उदयपुर में गड्‌ढे के पास केक काटते कॉलोनी के लोग और जयपुर के गवर्नमेंट हॉस्टल इलाके में रोड पर बना गड्‌ढा।

उदयपुर में गड्‌ढे के पास केक काटते कॉलोनी के लोग और जयपुर के गवर्नमेंट हॉस्टल इलाके में रोड पर बना गड्‌ढा।

2. गमछे वाले नेताजी की रट

गमछे वाले नेताजी डरे हुए हैं। पिछली सरकार में फर्जीवाड़े की आंच उन तक भी पहुंची थी। जिस तरह से सूबे के मुखिया अंगुली नचा-नचाकर बड़े मगरमच्छों तक पहुंचने की बात कह रहे हैं, उसे देखते हुए डरना लाजिमी है। डर से बचने का एक ही तरीका है। शोर मचाना शुरू कर दो। नेताजी इसी तरकीब का इस्तेमाल कर रहे हैं।

सोशल मीडिया पर गमछे से भी तेज गति से उनका वीडियो घूम रहा है। नेताजी कह रहे हैं- वो कहते हैं दिव्यांग फर्जी हैं, तलाक कोटा में लगी महिलाएं फर्जी हैं, टीचर फर्जी हैं, थानेदार फर्जी हैं। इतने फर्जी कर्मचारी हैं तो दो साल में पकड़ते। प्रदेश की साख को बट्‌टा लग गया। लगता है नेताजी आजकल आईना नहीं देखते। खैर, उन्हीं की पोस्ट पर लोग कह रहे हैं- उल्टा चोर कोतवाल को डांटे।

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई।

पीसीसी चीफ गोविंद सिंह डोटासरा ने सरकार पर आरोपों की झड़ी लगाई।

3. अजमेर में बारिश के पानी में डूबती जनता और अफसर का ‘कागज प्रेम’

जनता को यह चाहिए कि जब वह बाढ़ में डूब रही हो तो माथे पर आधार-कार्ड चिपका ले, ताकि मुआवजा देने के लिए फिर रही टीमें उसे पहचान लें और कागज के आधार पर सही सामग्री उचित हाथों में पहुंच जाए। अजमेर के सीनियर अफसर की बातों से तो ऐसा ही लगता है। यहां रात में तालाब की पाल टूटी और कई मकानों में पानी-कीचड़ भर गया। लोग परेशान। कई घंटों तक मदद नहीं पहुंची तो जाम लगाने पहुंचे।

ऐसे में प्रशासन के सीनियर अफसर एडीएम साहब ने मोर्चा संभाला। लोगों को ज्ञान रूपी राशन बांटा। बोले- ‘इंडिया में तो जाम से किसी समस्या का हल नहीं मिलता। दूसरे देशों की मैं जानता नहीं। अफसरों के पीछे घूमने से कुछ नहीं मिलेगा। अपने-अपने घर जाओ और कागज संभाल कर रखो। टीम आएगी तो दिखा देना कहां-कितना नुकसान हुआ है।’ भाईसाहब, ऐसे अनुभवी अफसर हर जिले को मिलने चाहिए।

4. चलते-चलते

पूरा देश वायरल की चपेट में है। नहीं..नहीं। यह चीन से आए किसी वायरस के कारण नहीं है। न ही मादा एनाफिलीज (मलेरिया फैलाने वाला मच्छर) का इसमें कोई रोल है। यह वायरल तो वह है जो युवा होनहारों को रील बनाने के लिए उकसाता है। भरतपुर में साड़ी लपेटकर एक लड़का रोड पर आ गया। काला चश्मा लगाए हुए था।

पूरे बाजार को उसने ठुमकों से हिला डाला। बिना म्यूजिक जो नाचा है। भैया कई दुपहिया चालक तो उसके ठुमके की चपेट में आते-आते बचे। दूर खड़ा पुलिस वाला अलग ही भावना में बह गया। सोचता रहा कि कौन सी धारा लगाऊं। शायद वेट कर रहा था कि मामला आपत्तिजनक के स्तर को छुए या ठुमके से ही कोई गैर इरादतन अपराध हो जाए। लेकिन जब ऐसा कुछ नहीं हुआ तो हिम्मत कर वर्दीधारी नजदीक आए। प्रेम से बोले- हो गया भैया? अब निकल लो।

वीडियो देखने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें। कल फिर मुलाकात होगी…

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