हादसे के बाद मौके पर खड़ी क्षतिग्रस्त हुई गाड़ियां और आसपास इकट्ठा हुए लोग। इनसेट में मृतक रिची की फाइल फोटो
पंजाब के जालंधर में 4 गाड़ियों की भीषण टक्कर में पूर्व सांसद व वरिष्ठ अकाली नेता मोहिंदर सिंह केपी के बेटे रिच्ची केपी (36) की मौत हो गई। इसके अलावा 2 कार सवारों को भी गंभीर चोटें लगी हैं। ये हादसा शहर के पॉश एरिया मॉडल टाउन के माता रानी चौक के पास हु
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रिच्ची माडल टाउन के माता रानी चौक के पास अपनी फॉर्च्यूनर गाड़ी (पीबी-08-एटी-0001) में जा रहा था। रिच्ची के सिर पर गंभीर चोट और गर्दन का मनका टूट गया था। सिर में चोट लगने के बाद उनका काफी खून बह गया था। जिससे जान नहीं बचाई जा सकी।

बेकाबू क्रेटा गाड़ी की वजह से हुआ हादसा केपी के रिश्तेदार अमरीक सिंह ने बताया कि यह हादसा बेकाबू क्रेटा कार की वजह से हुआ। क्रेटा ने पहले पहले दो गाड़ियों को टक्कर मारी, फिर रिच्ची की फॉर्च्यूनर से टकराया। इसके बाद बाकी गाड़ियों में बैठे लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया, मगर रिच्ची की मौत हो गई। पुलिस ने क्षतिग्रस्त हुए वाहनों को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है।

पूर्व सांसद के बेटे रिच्ची की क्षतिग्रस्त हुई गाड़ी।
वकालत की पढ़ाई की थी, पुलिस CCTV तलाश रही रिच्ची केपी के दोस्त सेवक सिंह ने कहा- रिच्ची तेज गाड़ी नहीं चलाता था और वह शांत स्वभाव का व्यक्ति था। उसने वकालत की पढ़ाई कर रखी थी। वह ज्यादा रात तक घर से बाहर नहीं रहता था। क्राइम सीन से आसपास करीब 50 फीट के एरिया में कारों के क्षतिग्रस्त हुए पुर्जे पड़े हुए थे। रिच्ची के घर पर इस वक्त लोगों को जमावड़ा लगा हुआ है। देर रात से ही लोग केपी से संवेदना व्यक्त करने के लिए पहुंच रहे थे। पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज खंगालनी शुरू कर दी है। जिसके आधार पर हादसे की असल वजह क्लियर हो पाएगी।

रिच्ची की क्षतिग्रस्त हुई गाड़ी का नंबर।

अब पढ़ें कौन है मोहिंदर सिंह केपी
मोहिंदर सिंह केपी पंजाब के प्रमुख दलित नेताओं में से एक रहे हैं, जिनका राजनीतिक करियर वर्षों से लगातार सुर्खियों में रहा है। 1956 में जन्मे केपी, पंजाब के दोआबा क्षेत्र से आते हैं। उनके पिता दर्शन सिंह केपी जालंधर से पांच बार विधायक रहे, जिनकी 1992 में आतंकवादियों ने हत्या कर दी थी।
केपी ने अपनी शिक्षा चंडीगढ़ के पंजाब विश्वविद्यालय से बीए और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की। उन्होंने जालंधर से तीन बार विधायक चुने गए। जिसमें साल 1985, 1992 और 2002 शामिल हैं। कांग्रेस की प्रदेश सरकार में उन्होंने 1992 और 1995 में विभिन्न कैबिनेट पोर्टफोलियो संभालने को मिले।
वे 2009 में कांग्रेस से लोकसभा चुनाव जीतकर जालंधर सांसद बने। लेकिन 2014 के आम चुनाव में होशियारपुर से उम्मीदवार बने लेकिन हार गए। इसके बाद 2017 के विधानसभा चुनाव में आदमपुर सीट से भी उन्हें हार का सामना करना पड़ा।
अप्रैल 2024 में केपी ने कांग्रेस छोड़कर शिअद में शामिल हो गए और जालंधर लोकसभा सीट से शिअद उम्मीदवार घोषित हुए। हालांकि वह चुनाव हार गए।