Solar eclipse on 21th September, Surya graha and religious rituals in hindi, sarvpitru moksha amwasya | 21 सितंबर को सूर्य ग्रहण: भारत में नहीं दिखेगा सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या का सूर्य ग्रहण, इसलिए इसका सूतक भी नहीं रहेगा

Actionpunjab
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11 घंटे पहले

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21 सितंबर (सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या) को सूर्य ग्रहण है। ये ग्रहण भारत में नहीं दिखेगा। इसलिए देश में इसका सूतक भी नहीं रहेगा। जिन जगहों पर ये ग्रहण दिखेगा, वहां ग्रहण शुरू होने से 12 घंटे पहले सूतक शुरू हो जाएगा और ग्रहण खत्म होने तक रहेगा। ये सूर्य ग्रहण भारतीय समयानुसार 21 सितंबर की रात 11 बजे से शुरू होगा और रात 3.24 बजे खत्म होगा। ये सूर्य ग्रहण होगा, न्यूजीलैंड, पश्चिमी अंटार्कटिका के आसपास के क्षेत्रों में दिखाई देगा।

वैसे तो सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना है, लेकिन शास्त्रों में ग्रहण की मान्यताएं राहु और केतु से जुड़ी हैं। माना जाता है कि राहु सूर्य-चंद्र को ग्रसता है, इस कारण ग्रहण होते हैं। दूसरी ओर वैज्ञानिक वजह ये है कि जब सूर्य और पृथ्वी की बीच में चंद्र आ जाता है, और ये तीनों ग्रह एक सीधी लाइन में होते हैं, तब चंद्र पृथ्वी तक सूर्य की रोशनी आने से रोक देता है। पृथ्वी पर चंद्र की छाया पड़ने लगती है, इसे ही सूर्य ग्रहण कहते हैं।

सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या पर करें ये शुभ काम

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, चूंकि ये भारत में ये ग्रहण दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल के नियम यहां लागू नहीं होंगे। सर्व पितृ मोक्ष अमावस्या से जुड़े धर्म-कर्म पूरे दिन किए जा सकेंगे। इस दिन पितृ पक्ष खत्म होता है। इस अमावस्या पर पितरों के लिए धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए।

इस दिन अनाज, वस्त्र या धन का दान करना शुभ माना जाता है। गौशाला में गायों के देखभाल के लिए धन का दान करें, गायों को हरी घास खिलाएं। बच्चों को पढ़ाई की चीजें दान करें।

अमावस्या पर गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा जैसी पवित्र नदियों में स्नान करने की भी परंपरा है। अगर नदी में स्नान नहीं कर पा रहे हैं तो घर पर पानी में गंगाजल मिलाकर स्नान कर सकते हैं। स्नान के बाद दान-पुण्य जरूर करना चाहिए।

भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक करें। पीपल को जल चढ़ाएं और परिक्रमा करें। हनुमान जी के सामने दीपक जलाकर हनुमान चालीसा का पाठ करें। शिवलिंग पर जल चढ़ाएं और ऊँ नम: शिवाय मंत्र का जप करें। श्रीकृष्ण का अभिषेक करें और माखन मिश्री का भोग लगाएं। कृं कृष्णाय नम: मंत्र का जप करें।

22 सितंबर से शुरू होगी नवरात्रि

मां दुर्गा की पूजा का महा उत्सव शारदीय नवरात्रि 22 सितंबर से शुरू हो रहा है। 1 अक्टूबर को दुर्गा नवमी के साथ नवरात्रि का समापन होगा। इस बार ये पर्व 9 नहीं, 10 दिनों का होगा। ये अद्भुत संयोग लगभग 9 साल बाद बन रहा है। इससे पहले 2016 में भी नवरात्रि 10 दिनों की थी।

इस साल नवरात्रि की चतुर्थी तिथि दो दिन रहेगी, इस कारण देवी पूजा के लिए भक्तों को एक अतिरिक्त दिन मिलेगा और भक्त 10 दिनों तक नवरात्रि मना पाएंगे। पंचांग के अनुसार, 25 और 26 सितंबर को दोनों दिन चतुर्थी तिथि रहेगी। नवरात्रि की समाप्ति के बाद इस बार दशहरा 2 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

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