इस्लामाबाद6 घंटे पहले
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पाकिस्तानी वायुसेना के हमले में मारे गए लोगों की यह फुटेज सोशल मीडिया पर वायरल है।
पाकिस्तानी वायुसेना ने रविवार रात 2 बजे अपने ही देशवासियों पर चीन के J-17 विमानों से 8 लेजर-गाइडेड बम गिराए। पाकिस्तानी वायुसेना ने यह हमला खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के तिराह घाटी के एक गांव पर किया।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस हवाई हमले में करीब 30 लोग मारे गए, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं। हालांकि, न्यूज एजेंसी PTI ने 24 लोगों के मारे जाने की बात कही है। इस हमले से जुड़े कुछ वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हैं, लेकिन उनकी पुष्टि नहीं हो पाई है।
सेना का कहना है कि इन हमलों का टारगेट तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) का बम बनाने वाला ठिकाना था। लोकल पुलिस ने मीडिया को बताया कि TTP के दो कमांडर, अमान गुल और मसूद खान बम बनाकर मस्जिदों में छिपा रहे थे।

सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो में दावा किया गया है कि पाकिस्तानी एयरफोर्स के हमले में करीब 30 लोगों की मौत हुई है। हालांकि इन वीडियोज की पुष्टि नहीं हुई है।
आरोप- सेना पुख्ता जानकारी के बिना हमले कर रही
इलाके के लोगों का कहना है कि सरकार और सेना पुख्ता जानकारी के बिना हमले कर रही है, जिससे आम लोग मर रहे हैं। पाकिस्तान के मानवाधिकार आयोग (HRCP) ने इस घटना की तुरंत और निष्पक्ष जांच की मांग की है।
HRCP ने अपने बयान में कहा- सरकार का काम है कि वह हर नागरिक की जान की रक्षा करे, लेकिन वह ऐसा करने में बार-बार नाकाम रही है।
डॉन न्यूज ने एक पुलिस अधिकारी के हवाले से बताया कि जेट विमानों ने चार घरों पर हमला किया, जो पूरी तरह से तबाह हो गए। हालांकि, यह साफ नहीं है कि यह हमला किसने किया।
खैबर के सांसद मोहम्मद इकबाल खान अफरीदी ने कहा कि जेट्स की बमबारी में नागरिक मारे गए हैं। उन्होंने लोगों से घटनास्थल पर जाकर विरोध करने को कहा।
तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP): पाकिस्तान का विद्रोही संगठन
- 2001 में अमेरिका ने अफगानिस्तान पर हमला किया, तो कई लड़ाके पाकिस्तान के कबाइली इलाकों में छिप गए।
- 2007 में बेतुल्लाह मेहसूद ने 13 विद्रोही गुटों को मिलाकर तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) बनाया।
- इसमें बड़ी संख्या में पाकिस्तानी सेना के विरोधी गुट के लोग शामिल थे।
- इनकी लड़ाई पाकिस्तान की सेना और सरकार के खिलाफ है।
- इस संगठन से जुड़े कई समर्थक पाकिस्तानी सेना में मौजूद हैं।
- अमेरिका ने पाकिस्तान को चेताया है कि TTP एटमी हथियारों तक पहुंच सकता है।

पाकिस्तान और TTP में लड़ाई क्यों?
- 2001 में अमेरिका के अफगानिस्तान पर हमले के बाद पाकिस्तान ने अमेरिका का साथ दिया। इससे TTP नाराज हो गया, वे इसे इस्लाम के खिलाफ मानता था।
- TTP का मानना है कि पाकिस्तान सरकार सच्चा इस्लाम नहीं मानती है, इसलिए वो उसके खिलाफ हमला करता है।
- TTP का अफगान तालिबान के साथ गहरा जुड़ाव है। दोनों समूह एक-दूसरे को समर्थन देते हैं।
- 2021 में अफगान तालिबान के सत्ता में आने के बाद पाकिस्तान ने TTP को निशाना बनाकर अफगानिस्तान में हमले किए।
- TTP पश्तून समुदाय की गरीबी, बेरोजगारी और सरकार की अनदेखी जैसी शिकायतों का फायदा उठाता है।
2022 से TTP ने पाकिस्तान पर हमले तेज किए
पाकिस्तान अक्सर आरोप लगाता है कि पाकिस्तानी तालिबान अफगानिस्तान के जमीन का इस्तेमाल करके उस पर आतंकी हमले करता है। हालांकि पाकिस्तान के इन आरोपों को अफगानिस्तान खारिज करता रहा है।
अफगानिस्तान में 2021 के तालिबान की वापसी के साथ ही पाकिस्तानी तालिबान (TTP) मजबूत हुआ है। TTP ने नवंबर 2022 में पाकिस्तान के साथ सीजफायर को एकतरफा तौर पर खत्म कर दिया था। इसके बाद उसने पाकिस्तान पर हमले तेज कर दिए हैं।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स में पाकिस्तान दूसरे नंबर पर
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स 2025 के मुताबिक, बुर्किना फासो के बाद पाकिस्तान दुनिया का दूसरा सबसे आतंक प्रभावित देश बन चुका है, जबकि 2024 में यह चौथे स्थान पर था।
- TTP के हमलों में 90% की वृद्धि हुई है।
- बलूच आर्मी (BLA) के हमलों में 60% बढ़ोतरी हुई है।
- इस्लामिक स्टेट- खुरासान (IS-K) ने अब पाकिस्तानी शहरों को भी निशाना बनाना शुरू कर दिया है।
रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा और बलूचिस्तान सबसे ज्यादा आतंक प्रभावित इलाके हैं। देश भर की कुल आतंकी घटनाओं में से 90% इसी इलाके में हुईं।
रिपोर्ट में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान को लगातार दूसरे साल पाकिस्तान का सबसे खतरनाक आतंकवादी संगठन बताया गया। 2024 में इस ग्रुप ने 482 हमले किए, जिसकी वजह से 558 मौतें हुई थीं, जो 2023 के मुकाबले 91% ज्यादा हैं।
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