Delhi ED questioned Former Indian cricketer Yuvraj Singh on Online Betting Case | Delhi ED | Former Indian cricketer Yuvraj Singh | Online Betting Case | Delhi | पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह दिल्ली ED ऑफिस पहुंचे: सट्टेबाजी एप से जुड़े मामले में हो रही पूछताछ, पहले कई खिलाड़ी जांच में हुए शामिल – Jalandhar News

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दिल्ली में ईडी के ऑफिस पहुंचे पूर्व क्रिकेटर युवराज सिंह।

पूर्व भारतीय क्रिकेटर युवराज सिंह से प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मंगलवार को ऑनलाइन सट्टेबाजी एप से जुड़े मामले में दिल्ली के ईडी ऑफिस पहुंचे। जहां उनसे अधिकारियों द्वारा पूछताछ की जा रही है। युवराज सिंह को जांच एजेंसी ने दिल्ली स्थित दफ्तर में पेश होने

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यह पूछताछ अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफार्मों के संचालन और करोड़ों रुपए की कथित कर चोरी को लेकर हो रही कार्रवाई का हिस्सा है। युवराज सिंह से पहले क्रिकेटर रॉबिन उथप्पा से लगभग 8 घंटे तक सवाल-जवाब किया जा चुका है।

ED का कहना है कि जांच जारी है और सभी पहलुओं को परखा जा रहा है। फिलहाल युवराज सिंह की पूछताछ से मिली जानकारी को आगे की जांच में शामिल किया जाएगा।

अन्य नेताओं से भी हो सकती है पूछताछ

वहीं अभिनेता सोनू सूद को भी नोटिस जारी हुआ था। इस मामले में एजेंसी अब तक क्रिकेटर सुरेश रैना, शिखर धवन, अभिनेत्री और पूर्व सांसद मिमी चक्रवर्ती और बंगाली अभिनेता अंकुश हाजरा से पूछताछ कर चुकी है। सूत्रों के अनुसार आने वाले दिनों में और भी बड़े नाम जांच के घेरे में आ सकते हैं।

1xBet एक अंतरराष्ट्रीय ऑनलाइन सट्टेबाजी प्लेटफॉर्म है जो भारत में अवैध रूप से सक्रिय बताया जा रहा है। एजेंसियों को शक है कि इस एप के जरिए निवेशकों से भारी भरकम राशि ठगी गई और बड़े पैमाने पर कर चोरी हुई। इस पर डेटा सुरक्षा उल्लंघन और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप भी लगे हैं।

सरकार द्वारा बेटिंग एप पर लगाया गया था बैन

फैंटेसी स्पोर्ट्स जैसे ड्रीम-11, रमी, पोकर वगैरह सब ऑनलाइन बेटिंग एप बैन हो गए हैं। यह फैसला भारत सरकार के हाल ही में पास किए गए ऑनलाइन गेमिंग बिल 2025 के बाद लिया गया है। इस बिल के तहत ऑनलाइन बेटिंग एप पर पूरी तरह पाबंदी है।

2017 में सुप्रीम कोर्ट ने ड्रीम-11 जैसे फैंटेसी खेलों को स्किल्स का खेल बताया था। हालांकि बेटिंग एप कभी भी भारत में लीगल नहीं थे। ऑनलाइन बेटिंग एप से आर्थिक नुकसान हो रहा सरकार का कहना है कि ऑनलाइन बेटिंग एप की वजह से लोगों को मानसिक और आर्थिक नुकसान हो रहा है।

कुछ लोग गेमिंग की लत में इतना डूब गए कि अपनी जिंदगी की बचत तक हार गए और कुछ मामलों में तो आत्महत्या की खबरें भी सामने आईं। इसके अलावा मनी लॉन्ड्रिंग और नेशनल सिक्योरिटी को लेकर भी चिंताएं हैं। सरकार इसे रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहती है।

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