CP’s 12 questions to the woman police officer who carried out the encounter | एनकाउंटर करने वाली महिला पुलिस से CP के 12 सवाल: ACP और महिला टीम ने कहा- सर बदमाश कहीं भी भागता तो पीछा नहीं छोड़तीं – Ghaziabad News

Actionpunjab
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एनकाउंटर करने वाली महिला पुलिस टीम के साथ पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड, साथ में एसीपी उपासना पांडे

गाजियाबाद में महिला पुलिस द्वारा मंगलवार को हिस्ट्रीशीटर जितेंद्र को एनकाउंटर में गोली मारकर अरेस्ट किया। आज बुधवार को पुलिस कमिश्नर जे. रविंदर गौड ने एनकाउंटर का सुपर विजन करने वाली एसीपी नंदग्राम उपासना पांडे, महिला थाने की एसओ रितु त्यागी, एसआई वि

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8 मिनट महिला पुलिस टीम से बात की

पुलिस कमिश्नर: आपकी पूरी टीम ने अच्छा काम किया है। क्या पहले कभी कोई एनकाउंटर किया गया है?

एसओ रितु त्यागी: सर, नहीं मैने पहले कोई एनकाउंटर नहीं किया। मैं पिछले डेढृ साल से गाजियाबाद में महिला थाना प्रभारी हूं, रात के वक्त जब स्कूटी सवार ने भागते समय तमंचे से फायर किया तो मेरे द्वारा सरेंडर करने के लिए कहा, जब अपराधी नहीं रुका तो मेरे द्वारा पहला फायर किया गया। टीम ने दूसरा फायर फिर किया। जिसमें बदमाश पैर में गोली लगकर गिर गया।

पुलिस कमिश्नर: कितना समय पुलिस में हो गया?

महिला एसओ: सर मैं 1998 में पुलिस विभाग में कांस्टेबल भर्ती हुई, फिर हेड बनी। 2016 में दरोगा बनीं। मेरठ समेत कई जिलों में रही हूं। रात में चेकिंग के वक्त जब अपराधी ने फायर किया तो उसे पकड़ने के लिए पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की।

पुलिस कमिश्नर: रात में आप भी चेकिंग में थी?

एसपी उपासना पांडे: सर रात में मेरे पूरे सर्किल व महिला थाना प्रभारी द्वारा चेकिंग की जा रही थी। जिसमें यह निर्देश दिए गए कि संदिग्ध लोगों को ही रोका जाए। मैं खुद भी चेकिंग में थी। तभी सूचना मिली की एक स्कूटी सवार अपराधी द्वारा महिला पुलिस पर फायर किया गया। मैं तत्काल फोर्स के साथ पहुंची। तब तक महिला पुलिस ने इस अपराधी को एनकाउंटर में पकड़ लिया।

पुलिस कमिश्नर: आप कब से पुलिस में हैं?

महिला दरोगा विनिता: सर मैं रायबरेली की रहने वाली हूं, 2013 बैच की सब इंस्पेक्टर हूं। इससे पहले बहराइच व नोएडा में तैनात रह चुकी हूं। जब अपराधी द्वारा हम पर फायर किया गया तो रिवाल्वर से मेरे द्वारा भी गोली चलाई गई। यह अपराधी अचानक जमीन पर गिर पड़ा। मैं नोएडा में एक एनकाउंटर की घटना में शामिल रहीं हूं। जिसके बाद हमने घायल हालत में पकड़ा, तमंचा और अन्य बरामद हुआ। अचानक माफी मांगने लगा कि मेम मैं सच सच बताता हूं, मैं लूट और चोरी करता हूं। विजयनगर थाने में मेरी हिस्ट्रीशीट खुली हुई है।

पुलिस कमिश्नर: कभी एनकाउंटर में शामिल रहीं

एसआई राजेश्वरी: सर मुझे पुलिस में 25 साल हो गए। हम चेकिंग कर रहे थे, जब वह स्कूटी छोड़कर भागा उसने तमंचा निकाला तो तभी हम पीछे हट गए। हमें पता था कि तमंचे से यह एक फायर करेगा। उसके बाद हमारी टीम ने उस पर फायरिंग की। जिसके बाद पकड़ा। घायल को उसे कंधों पर लाया गया। हमारी दोनों महिला कांस्टेबलों ने कहा था कि इसे हम भागकर भी पकड़ लेंगे।

पुलिस कमिश्नर: आप हेड कांस्टेबल हैं?

हेड कांस्टेबल नीतू सिंह: सर मैं 2011 में कांस्टेबल भर्ती हुईं, मैं भर्ती होने से पहले भी 5 किमी तक रेस लगाकर पुलिस की तैयारी करती थी। मेरे पति भी आर्मी में हैं। जैसे ही वह गोली चलाकर भागने लगा, एसओ मेम ने फायर किया। मैं पीछा करने के लिए भागीं। तब तक वह जमीन पर गिर पड़ा था। जिसके बाद अपराधी को पकड़ा गया।

पुलिस कमिश्नर: रात में एनकाउंटर से डर तो नहीं लगा

हेड कांस्टेबल ममता ने बताया कि ट्रेनिंग हमारी और पुरुष पुलिसकर्मियों की समान होती है। सभी वैपन हमें चलाने सिखाए जाते हैं। जब अपराधी का पीछा किया तो उसने एक फायर किया हमारी टीम द्वारा 2 फायर किए गए। यदि आगे भी कोई बदमाश पुलिस पर इस तरह गोली चलायेगा तो पुलिस जवाबी कार्रवाई करेगी।

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