Kartik month till 5th November, significance of kartika month in hindi, laxmi puja date, diwali puja tips in hindi | कार्तिक मास 5 नवंबर तक: कार्तिक में भगवान गणेश, कार्तिकेय स्वामी, यमराज, महालक्ष्मी और गोवर्धन पर्वत की पूजा करने की परंपरा

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7 घंटे पहले

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कार्तिक मास शुरू हो गया है। ये हिन्दी पंचांग का आठवां महीना है और ये 5 नवंबर तक रहेगा। इस महीने में धन तेरस, रूप चौदस, दीपावली जैसे पर्वों के साथ ही लगभग कई और भी बड़े व्रत-उत्सव मनाए जाते हैं। इस वजह से कार्तिक को उत्सवों का महीना कहते हैं।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, कार्तिक मास में भगवान गणेश, कार्तिकेय स्वामी, धनवंतरि, यमराज, महालक्ष्मी, विष्णु जी, गोवर्धन पर्वत, छठ माता और सूर्य देव की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस महीने में इन देवी-देवताओं से जुड़े व्रत-पर्व मनाए जाते हैं। जानिए कार्तिक मास से जुड़ी खास बातें…

  • 10 अक्टूबर को करवा चौथ है। ये सुहागिन महिलाओं के लिए महाव्रत की तरह है। इस व्रत से महिलाओं को अखंड सौभाग्य मिलता है, ऐसी मान्यता है। ये व्रत निर्जला है यानी इसमें अन्न के साथ ही जल का भी त्याग करते हैं।
  • 18 अक्टूबर को धनतेरस है, इस दिन भगवान धनवंतरि और यमराज की पूजा की जाती है। माना जाता है कि इस पर्व पर घर की दक्षिण दिशा में यमराज के निमित्त दीप जलाने से अकाल मृत्यु का भय दूर होता है।
  • 19 अक्टूबर को रूप चौदस (नरक चतुर्दशी) है। इस तिथि पर भी यमराज के निमित्त दीप जलाने की परंपरा है।
  • 20 अक्टूबर को दीपावली पर महालक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर देवता की पूजा की जाती है। 21 अक्टूबर को भी कार्तिक मास की अमावस्या रहेगी। ये स्नान-दान करने की अमावस्या है।
  • 22 अक्टूबर को गोवर्धन पूजा की जाएगी। गोवर्धन पर्वत की पूजा करके अन्नकूट महोत्सव मनाया जाता है। कई भक्त वृंदावन, मथुरा और गोकुल जाकर गोवर्धन की परिक्रमा करते हैं।
  • 23 अक्टूबर को भाई दूज पर यमराज और यमुनाजी की कथा सुनने और बहन द्वारा भाई को तिलक करने की परंपरा है।
  • 27 अक्टूबर को छठ पूजा है। इस पर्व में सूर्य देव और छठ माता की पूजा की जाती है।
  • 30 अक्टूबर को अक्षय नवमी है। इस दिन आंवले के वृक्ष की पूजा करने की परंपरा है।
  • 1 नवंबर को देव उठनी एकादशी है। इस तिथि पर भगवान विष्णु चार महीने की योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन तुलसी और शालीग्राम जी का विवाह करने की भी परंपरा है।
  • 5 नवंबर को कार्तिक पूर्णिमा है, इसे देव दीपावली कहा जाता है। इस दिन भी घर में दीप जलाने की परंपरा है।

कार्तिक मास को अनुशासन और तप का काल माना गया है। शास्त्रों के अनुसार, इस मास में ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करना, संध्या वंदन, जप-तप, व्रत और पूजा करना अत्यंत फलदायक होता है। ठंड का मौसम शुरू हो जाता है, इसलिए जीवनशैली में बदलाव जरूरी हो जाता है।

कार्तिक मास में खान-पान में विशेष सावधानी बरतनी चाहिए- जैसे अधिक तेल, मसाले और भारी भोजन से परहेज करें। तुलसी पत्र, आंवला, गिलोय, अदरक जैसे स्वास्थ्यवर्धक तत्वों का सेवन करें। नियमित योग और प्राणायाम से शारीरिक ऊर्जा और मानसिक शांति बनी रहती है।

नदी स्नान और दीप दान करने की परंपरा

कार्तिक मास में पवित्र नदियों में स्नान करना अत्यंत पुण्यकारी माना गया है। विशेष रूप से गंगा, यमुना, नर्मदा, शिप्रा, कावेरी और सिंधु जैसी नदियों में स्नान कर दीप दान करने की परंपरा है। माना जाता है कि इससे जाने-अनजाने में किए गए पाप समाप्त हो जाते हैं और भक्त की आत्मा को मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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