Israel Jordan Border; Kerala Thomas Gabriel Murder Case Update | जॉर्डन के सैनिकों ने भारतीय नागरिक को गोली मारी, मौत: अवैध रूप से इजराइल में घुस रहा था; 5 साल कुवैत में काम करके केरल लौटा था

Actionpunjab
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अम्मान25 मिनट पहले

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केरल के रहने वाले एनी थॉमस गेब्रियल 5 फरवरी को तमिलनाडु जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन वे इजराइल-जॉर्डन के बॉर्डर पहुंच गए। जहां 10 फरवरी को उनकी मौत हो गई। - Dainik Bhaskar

केरल के रहने वाले एनी थॉमस गेब्रियल 5 फरवरी को तमिलनाडु जाने की बात कहकर निकले थे, लेकिन वे इजराइल-जॉर्डन के बॉर्डर पहुंच गए। जहां 10 फरवरी को उनकी मौत हो गई।

इजराइल-जॉर्डन सीमा पर एक भारतीय नागरिक की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। उसकी पहचान केरल के थुंबा के रहने वाले एनी थॉमस गेब्रियल (47) के तौर पर हुई है। गेब्रियल चोरी से इजराइल की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था। तभी उसे जॉर्डन के सैनिक ने गोली मार दी।

जॉर्डन में स्थित भारतीय दूतावास ने इस घटना के बारे में जानकारी दी है। दूतावास ने कहा कि वे मृतक के परिवार के संपर्क में हैं और उसके शव को लाने की कोशिश में जुटे हैं। गेब्रियल के परिवार ने बताया है कि उन्हें 1 मार्च को भारतीय दूतावास की ओर से एक ईमेल मिला जिसमें एनी थॉमस गेब्रियल की मौत की पुष्टि की गई। इसमें बताया गया कि घटना 10 फरवरी की है।

गेब्रियल चोरी से इजराइल की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था, तभी जॉर्डन के सैनिकों ने उसे गोली मार दी।

गेब्रियल चोरी से इजराइल की सीमा में घुसने की कोशिश कर रहा था, तभी जॉर्डन के सैनिकों ने उसे गोली मार दी।

पांच साल कुवैत में काम करके लौटे थे गेब्रियल

गेब्रियल के साथ जॉर्डन जाने वाले उसके रिश्तेदार एडिसन ने बताया कि गेब्रियल पांच साल कुवैत में काम करने के बाद केरल लौटा था। दोनों 5 फरवरी को जॉर्डन जाने के लिए निकले थे। उन्हें उनका एक एजेंट दोस्त बिजु जलास जॉर्डन लेकर गया था। वहां पहुंचकर उन्होंने इजराइल का वीजा पाने की कोशिश की, लेकिन टूरिस्ट वीजा के लिए 10 लोगों का ग्रुप चाहिए था।

एडिसन ने कहा कि एक ब्रिटिश नागरिक को मिलाकर हम सिर्फ चार लोग थे। चारों लोग 3 महीने के टूरिस्ट वीजा पर जॉर्डन पहुंचे थे। जब हमें इजराइल का टूरिस्ट वीजा नहीं मिला तो ब्रिटिश नागरिक वापस लौट गया। उसने वादा किया कि वो अपने साथ और लोगों को लेकर आएगा।

इसके बाद गेब्रियल, एडिसन और बिजु ने एक गाइड की मदद से बॉर्डर पार करने की कोशिश की। 9 फरवरी को गेब्रियल ने घर पर फोन करके परिवार से कहा था कि हम इजराइल जा रहे हैं, मेरे लिए प्रार्थना करना। बॉर्डर पार करने की कोशिश के दौरान उन्हें जॉर्डन की सेना ने पकड़ लिया।

एडिसन ने कहा कि मैंने उन सैनिकों से रिक्वेस्ट की कि हमें घर पर फोन करने दें, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। जॉर्डन के सैनिकों को उनकी भाषा समझ नहीं आई, तो उन्होंने उन पर गोलियां चला दीं।

3 लाख रुपए खर्च करके जॉर्डन पहुंचे थे गेब्रियल

कुवैत से लौैटने के बाद गेब्रियल ने जॉर्डन जाने के लिए एक एजेंट से संपर्क किया। उन्होंने इसके लिए लगभग 3 लाख रुपए भी चुकाए। हालांकि उनके पासपोर्ट नंबर में एक अतिरिक्त अंक मिला जिसके बाद उन्हें वापस भेज दिया गया।

एजेंट ने भरोसा दिलाया कि अगली बार थॉमस को अन्य लोगों के साथ जॉर्डन भेजा जाएगा। इसके लिए गेब्रियल और एडिसन ने बिजु ने दोनों से वीजा और हवाई टिकट के लिए 3.10 लाख रुपए लिए।

उन्हें वादा किया गया था कि उन्हें इजराइल में नौकरी मिलेगी, जिसमें महीने के तीन लाख रुपए मिलेंगे। दोनों ने नौकरी पक्की होने के शुरुआती 8 महीने में एजेंट को हर महीने 50,000 रुपए हर महीने देने का समझौता किया था।

10 फरवरी को जब उन्हें इजराइल के लिए निकलना था, तो उनका एजेंट बिजु आखिरी समय में पीछे हट गया और किसी और को ग्रुप को इजराइल ले जाने की जिम्मेदारी दे दी। उनके साथ दो श्रीलंकाई युवक भी थे।

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