जयपुर के एसजे कॉलेज में हिंदी की सहायक व्याख्याता और शहर के सामाजिक संगठनों से जुड़ी कवयित्री पारुल जैन की प्रथम काव्य पुस्तक ‘पल्लवी’ का लोकार्पण अपेक्स सर्कल स्थित एक होटल में साहित्यकारों की उपस्थिति में किया गया है। इस अवसर पर मुख्य मेहमान वरिष्ठ
.
समारोह की अध्यक्षता जयपुर के वरिष्ठ रचनाकार नन्द भारद्वाज ने की। कार्यक्रम के अध्यक्ष नंद भारद्वाज ने पल्लवी को कवयित्री के बेबाकी से कहे गए दिल की धड़कनों का साकार रूप बताया।
शुभ संयोग मानते हुए शुभकामनाएं दी
मुख्य अतिथि डॉ . दुर्गा प्रसाद अग्रवाल ने 1925 में प्रकाशित सुमित्रा नंदन पंत की कृति ‘पल्लव ‘के ठीक एक शताब्दी बाद ‘ पल्लवी ‘ के प्रकाशन को कवयित्री के लिए शुभ संयोग मानते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य के लिए शुभकामनाएं दी। विशिष्ट अतिथि प्रियंका गुप्ता साहा ने कृति ‘ पल्लवी ‘ की ‘हम भी पूरे काले हैं ‘ कविता का उल्लेख करते हुए लेखिका की इस भावना की सत्यता को स्वीकार किया कि सामाजिक व्यवस्थाओं के पीछे केवल सरकारें दोषी नहीं जनता की भी पूरी भागीदारी है।
विशिष्ट अतिथि ऊषा श्री ने कवियित्री की प्रथम कृति पल्लवी की सभी रचनाओं की भूरि भूरि प्रशंसा की। माननीय अतिथि नरेंद्र शर्मा ‘कुसुम ‘ ने ‘पल्लवी ‘में संकलित सभी कविताओं को एक जागरूक महिला के विचारों से ओत-प्रोत कृति बताया जो केवल घर परिवार ही नहीं चलाती साथ ही सामाजिक विसंगतियों के प्रति अपना आक्रोश भी प्रकट करती हैं। माननीय अतिथि सुधींद्र गेमावत जी ने कृति ‘ पल्लवी ‘ की सराहना की।