Punjab Kisan Andolan; Shambhu Khanauri Border | Pandher-Dallewal | शंभू-खनौरी बॉर्डर से किसानों को हटाने की इनसाइड स्टोरी: 72 घंटे पहले प्लानिंग, टकराव टालने को मीटिंग का दिन, पंधेर-डल्लेवाल की गैरमौजूदगी में एक्शन – Patiala News

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चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग के बाद पंजाब पुलिस ने किसान नेताओं को हिरासत में लेने और बॉर्डर खाली कराने की कार्रवाई की।

शंभू और खनौरी बॉर्डर को 13 महीने बाद पंजाब पुलिस ने खाली करा लिया। अब दोनों बॉर्डर से सीमेंट की बैरिकेडिंग हटाने का काम चल रहा है। शाम तक वाहनों की आवाजाही शुरू होने की संभावना है। सबसे बड़ा सवाल यही है कि पंजाब पुलिस ने 19 मार्च को ही बॉर्डर खाली करा

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पुलिस सूत्रों के मुताबिक, टकराव से बचने के लिए पंजाब पुलिस ने 72 घंटे पहले ही योजना बना ली थी। इसलिए पुलिस ने किसान नेताओं और केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग वाला दिन चुना। पुलिस को पता था कि किसान आंदोलन के बड़े चेहरे सरवण सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग के लिए चंडीगढ़ आएंगे। इस वजह से दोनों बॉर्डर्स से किसानों को हटाने में ज्यादा दिक्कत नहीं आएगी।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के तहत जगह खाली कराने व रिपोर्ट सबमिट करने के निर्देश के बाद पंजाब सरकार ने पुलिस को हर हाल में टकराव रोकने के आदेश दिए थे। किसान आंदोलन को लेकर मान सरकार की आलोचना हो रही थी। बड़े कारोबारियों को करोड़ों का नुकसान हो रहा था।

पुलिस ने पहले योजना बनाई। फिर 18 मार्च को DGP गौरव यादव और स्पेशल DGP लॉ एंड ऑर्डर अर्पित शुक्ला की अध्यक्षता में हाईलेवल मीटिंग हुई। योजना के तहत कमांडो बटालियन के साथ 1,500 पुलिसकर्मी और अधिकारी तैनात किए गए।

एक्शन से पहले CM मान दिल्ली गए पुलिस के एक्शन से पहले मुख्यमंत्री भगवंत मान दिल्ली निकल गए। वहां उन्हें परिसीमन के मुद्दे पर तमिलनाडु के नेताओं से बैठक करनी थी। पुलिस को आदेश यही थे कि जैसे ही किसान नेता मोहाली में प्रवेश करें, उन्हें हिरासत में ले लिया जाए, लेकिन उन्हें पुलिस स्टेशनों में नहीं, बल्कि बड़े ट्रेनिंग सेंटर में रखें।

अगर कार्रवाई के समय खनौरी और शंभू बॉर्डर पर बड़े किसान नेता मौजूद होते तो खूनी झड़प हो सकती थी। ऐसे में योजना यही थी कि जब पंधेर और डल्लेवाल मोर्चे से दूर होंगे, तभी कार्रवाई की जाए।

रात 1 बजे पुलिस दोनों बॉर्डर पर पहुंची 18-19 फरवरी की रात करीब 1 बजे तक संगरूर समेत अन्य स्थानों पर वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की अगुआई में फोर्स को तैनात कर दिया गया। सुबह 4 बजे किसान नेताओं को इसकी भनक लग चुकी थी, लेकिन वे बैठक की तैयारियों में व्यस्त थे। मोबाइल नेटवर्क भी बंद किए गए।

19 फरवरी दोपहर को चंडीगढ़ में केंद्र के साथ किसान नेताओं की बैठक चल रही थी, तब राज्य पुलिस और खुफिया एजेंसियां लगातार योजना को लागू करने में जुटी थीं। जैसे ही मीटिंग के बाद किसान नेता निकले तो उन्हें हिरासत में लेने की प्रक्रिया शुरू की गई।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने संगरूर में हिरासत में लिया था।

किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल को पंजाब पुलिस ने संगरूर में हिरासत में लिया था।

पंधेर ने पहले कहा था- अचानक पुलिस फोर्स बढ़ाई बुधवार को चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों से मीटिंग से पहले किसान मजदूर मोर्चा के संयोजक सरवण सिंह पंधेर ने कहा था कि पंजाब पुलिस ने अचानक शंभू और खनौरी बॉर्डर पर पुलिस फोर्स बढ़ा दी है। पता नहीं सरकार ने ऐसा हमारी सुरक्षा के लिए किया है या कोई और बात है। हम इस मुद्दे को मीटिंग में उठाएंगे।

ये तस्वीर 19 मार्च की है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की सातवें दौर की वार्ता हुई थी।

ये तस्वीर 19 मार्च की है। चंडीगढ़ में केंद्रीय मंत्रियों और किसान नेताओं की सातवें दौर की वार्ता हुई थी।

सिलसिलेवार अब पूरा मामला पढ़िए…

चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र के बीच मीटिंग बुधवार को चंडीगढ़ में किसान नेताओं और केंद्र सरकार के प्रतिनिधियों के बीच सातवें दौर की बातचीत हुई। इस बैठक में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान, पीयूष गोयल और प्रह्लाद जोशी शामिल थे। सुबह 11 बजे शुरू हुई बैठक 4 घंटे चली, लेकिन कोई हल नहीं निकला।

बैठक में किसान संगठन न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी के कानून की मांग पर अड़े रहे। केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि किसानों की ओर से जो सूची साझा की गई है, उससे कुछ मुद्दे उठ सकते हैं। वे कृषि से जुड़े सभी मंत्रालयों से इस बारे में चर्चा करना चाहते हैं, जिसमें समय लग सकता है। इस पर 4 मई को दोबारा वार्ता करने पर सहमति बनी।

बैठक में पंजाब सरकार ने किसानों से बॉर्डर खाली करने को कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया। इसके बाद बैठक से लौट रहे सरवण सिंह पंधेर को मोहाली में एयरपोर्ट रोड पर पुलिस ने घेर लिया। वहीं जगजीत सिंह डल्लेवाल एंबुलेंस में खनौरी बॉर्डर लौट रहे थे, जिन्हें पुलिस ने संगरूर में घेर लिया।

किसान नेताओं को हिरासत में लेती पंजाब पुलिस और उसके विरोध में पुलिस से भिड़ते किसान।

किसान नेताओं को हिरासत में लेती पंजाब पुलिस और उसके विरोध में पुलिस से भिड़ते किसान।

पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की पुलिस डल्लेवाल को एंबुलेंस समेत हिरासत में लेकर चली गई। साथ ही किसान नेता काका सिंह कोटड़ा, अभिमन्यु कोहाड़, मनजीत राय और ओंकार सिंह को भी हिरासत में लिया गया।

किसान नेताओं को हिरासत में लेने पर किसान आक्रोशित हो गए। संगरूर में पुलिस और किसानों के बीच धक्का-मुक्की हुई। किसानों ने पुलिस के बैरिकेड तोड़ने का प्रयास किया। हालांकि पंजाब पुलिस पहले से ही तैयार थी और भारी बल की मौजूदगी के कारण सभी किसानों को हिरासत में ले लिया गया।

शंभू और खनौरी बॉर्डर खाली कराए, अस्थायी निर्माण तोड़े इसके बाद शाम लगभग 8 बजे पंजाब पुलिस ने दोनों बॉर्डरों को खाली कराना शुरू कर दिया। बॉर्डरों पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया। किसानों को वहां से हटाकर उनके अस्थायी शेड और तंबुओं को बुलडोजर से तोड़ा गया।

शंभू बॉर्डर पर किसानों के मेन मंच पर लगे पोस्टरों को हटाते पुलिस कर्मचारी।

शंभू बॉर्डर पर किसानों के मेन मंच पर लगे पोस्टरों को हटाते पुलिस कर्मचारी।

SSP बोले- किसानों ने अच्छा सहयोग किया पटियाला के SSP नानक सिंह ने कहा कि ड्यूटी मजिस्ट्रेट की मौजूदगी में पुलिस ने उन्हें चेतावनी देने के बाद इलाके को खाली करा दिया। कुछ लोगों ने घर जाने की इच्छा जताई। इसलिए उन्हें बस में बैठाकर घर भेज दिया गया। हमें कोई बल प्रयोग करने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि कोई विरोध नहीं हुआ। किसानों ने अच्छा सहयोग किया।

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किसान आंदोलन के चलते पंजाब-हरियाणा के शंभू और खनौरी बॉर्डर पर की गई बैरिकेडिंग हटाई जा रही है। हरियाणा पुलिस गुरुवार सुबह से इसे हटा रही है। किसानों को दिल्ली जाने से रोकने के लिए सीमेंट की यह बैरिकेडिंग की गई थी। पढ़ें पूरी खबर

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