Shriyade Mati Kala Board President Prahlad Rai Tak said that 10 thousand clay idols are made in Pali every day. | पाली में बोले श्रीयादे माटी कला बोर्ड अध्यक्ष: पाली में रोजाना 10 हजार मिट्‌टी के सिकोरे की जरूरत लेकिन उत्पादन नहीं होता – Pali (Marwar) News

Actionpunjab
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श्रीयादे माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष प्रहलाद राय टांक।

मिट्‌टी से बर्तन बनाने का काम करने वाले कारीगर सालों से पत्थर के चाक पर काम कर रहे है और पैरों से मिट्टी गूंथ रहे है। सालों पुरानी इस पद्धति से उन्हें मिट्‌टी के आइटम बनाने में समय ज्यादा लग रहा है और प्रोडक्शन में कम हो रहा है। सरकार अब ऐसे कामगारों

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उन्होंने कहा कि अकेले पाली की बात करे तो यहा चाय पीने के काम आने वाले सिकोरे की खासी डिमांड है। रोजाना के करीब 10 हजार सिकोरे चाहिए लेकिन पाली में इनका इतना उत्पादन नहीं है क्योंकि लोगों ने अपने आप को इतना अपडेट नहीं किया। सरकार ऐसे कामगारों को संबल देने के लिए इलेक्ट्रिक पोटर व्हील पगमिल मिट्‌टी गुथने की मशीन निशुल्क दे रही है। ताकि उन्हें संबल मिल सके।

ऑनलाइन आवेदन करने पर 40 हजार की मशीन मिलती है फ्री में उन्होंने बताया कि राज्य सरकार बजट घोषणा 2024-25 को पूरा करने के लिए माटी कला प्रशिक्षित कामगारों व दस्तकारों को इलेक्ट्रिक पोटर व्हील पगमिल मिट्‌टी गुथने की मशीन निशुल्क वितरित कर रही है। इसके लिए कोई भी आवेदन कर सकता है। सलेक्ट होने पर उसे 10 दिन का प्रशिक्षण दिया जाएगा ताकि वह इस मशीन से कौन कौन से उत्पाद बना सके इसकी उसे जानकारी हो। और जो प्रशिक्षण लेगा उसे यही यह मशीन दी जाएगी। उन्होंने बताया कि इस मशीन के कामगार खिलौने, कुल्लड़, कप-प्लेट, गिलास, मिट‌टी के डोने आदि बर्तन बना सकते है।

एल्यूमीनियम के बर्तन दे रहे बीमारी उन्होंने कहा कि पहले मिट‌टी के बर्तन हमारी जीवनशैली में शामिल थे लेकिन जल्द टूटने के कारण धीरे-धीरे इनका स्थान स्टील और एल्यूमीनियम के बर्तनों ले लिया। जबकि एल्यूमीनियम के बर्तनों में खाना बनाने से कई तरह के रोग लगते है। लेकिन अब धीरे-धीरे लोग वापस मिट्‌टी के बर्तनों के उपयोग करने की तरफ लौट रहे है। खासकर गर्म चाय तो लोग मिट‌टी के सिकोरे में ही पीना चाहते है।

उत्पादन बढ़ेगा तो करवाएंगे स्टॉल उपलब्ध उन्होंने बताया कि मिट्‌टी के बर्तनों का उत्पादन बढ़ेगा तो ऐसे कामगारों के उत्पादों को ब्रिकी के लिए मेले में स्टॉल उपलब्ध करवाएंगे। साथ ही चाय की दुकानों को भी पूर्णयता पाबंद करेंगे कि वे भी मिट्‌टी के सिकोरे में ग्राहकों को चाय दे।

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