फर्जी जमानतदारों के जरिये रिहा साइबर अपराधी अंकित भारद्वाज की जमानत कोर्ट ने निरस्त कर दी है। साइबर क्राइम थाना की प्रभावी पैरवी के चलते जमानत निरस्त कराया गया। साइबर धोखाधड़ी के आरोपी उत्तराखंड के देहरादून रायपुर निवासी अंकित भारद्वाज को पिछले साल 1
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सत्र न्यायालय से 2 अगस्त 2024 को अंकित को जमानत मिल गई। जांच में सामने आया कि अंकित की ओर से पेश किए गए दो जमानतदार फर्जी हैं। लोहता के केराकतपुर निवासी इकबाल और अब्दुल इस्लाम का सत्यापन लोहता पुलिस ने किया तो वह सब फर्जी मिले।
पुलिस ने बताया कि जांच में धमरिया के सुहेल के सहयोग से जमानतदारों के आधार कार्ड नकली थे और उन्हें स्कैनर की मदद से बनाया गया था। पूरी जमानती प्रक्रिया में कूट रचना कर धोखाधड़ी की गई। इसके बाद धमरिया के अली हुसैन, सकील अहमद, अंकित भारद्वाज निवासी रायपुर, देहरादून और सुहेल के खिलाफ धोखाधड़ी समेत अन्य आरोपों में केस दर्ज किया गया है।
साइबर क्राइम थाना के प्रभारी निरीक्षक राजीव कुमार सिंह ने बताया कि लगातार पैरवी व आवश्यक साक्ष्य कोर्ट में पेश किया गया। इस आधार पर आरोपी अंकित भारद्वाज की जमानत निरस्त कर दी गई। आरोपियों के खिलाफ केस के बाद उनकी तलाश की जा रही है।