Private sector is important in the development of education in the last 10 years: Girish Agarwal | भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव: बीते 10 वर्ष में शिक्षा में हुए विकास में निजी सेक्टर अहम: गिरीश अग्रवाल – New Delhi News

Actionpunjab
5 Min Read


ईएंडवाई के अमिताभ झिंगन, एचडीएफसी क्रेडिला के अजय बोहोरा, ऑक्सिलो फिनसर्व के एमडी नीरज सक्सेना, भास्कर ग्रुप के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल।

भास्कर एजुकेशन कॉन्क्लेव में समूह के डायरेक्टर गिरीश अग्रवाल ने कहा कि आज एजुकेशन सेक्टर नॉट फॉर प्रॉफिट का कारोबार नहीं है जबकि सरकार इस सच्चाई को स्वीकार नहीं करती। सरकारी नियमों के मुताबिक शिक्षण संस्थान नॉट फॉर प्रॉफिट आधार पर चलेंगे तो नियमों को

.

उन्होंने कहा,‘बीते 10 वर्षों में शिक्षा जगत में हुए विकास में प्राइवेट सेक्टर की अहम भूमिका रही है। आज सभी को स्कूल-कॉलेज का इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर, प्लेसमेंट बेस्ट और मैस में थ्री स्टार फेसिलिटी चाहिए। ये सब नॉट फॉर प्रॉफिट से संभव नहीं है।’

एचडीएफसी क्रेडिला फाइनेंस सर्विसेज के को-फाउंडर अजय बोहोरा ने कहा ट्रस्ट व एनजीओ द्वारा चलाए जाने वाले शिक्षण संस्थान को बैंक कर्ज नहीं देते। इसलिए स्कूल, कॉलेज व यूनिवर्सिटी तो सरकारी नियम कानूनों से नॉट फॉर प्रॉफिट ही चल सकते हैं। पर संस्थाओं को ट्रस्ट के साथ सर्विसेज कंपनी भी बनानी चाहिए जो ट्रस्ट को जरूरी सेवाएं मुहैया कराए।

निजी शिक्षण संस्थान चलाने के दो-तीन मॉडल उभर रहे हैं, जैसे संस्थान के हॉस्टल अलग कंपनी चलाए तो उसे फंडिंग मिल सकती है, उसे ट्रस्ट के दायरे से बाहर रख सकते हैं। टेक्नोलॉजी के हिसाब से नए सिरे से क्लासरूम व लैब्स बनाने की जरूरत है। इनके लिए अलग कंपनी से डील हो सकती है। केंद्रीय जनजातीय मामलों के राज्यमंत्री दुर्गादास उइके ने कहा कि एनईपी पूरी तरह लागू होने के बाद बड़ा बदलाव आएगा, देश विश्वगुरु के तौर पर स्थापित हो सकेगा।

अनुवादिनी से गुणवत्ता वाली किताबें तैयार हो रहीं: सहस्रबुद्धे

नैक चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे ने कहा, ‘जर्मनी में पढ़ाई जर्मन भाषा में, स्पेन में स्पेनिश में हो सकती है तो भारत में अपनी भाषा में पढ़ाई क्यों नहीं करनी चाहिए। एआईसीटीई ने एआई एप अनुवादिनी बनाया है। यह अंग्रेजी में लिखी किताबों का भारतीय भाषाओं में गुणवत्ता वाला अनुवाद कर रहा है।

सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली ने साल में दो बार बोर्ड परीक्षा को महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा शैक्षिक सत्र के दौरान 1200 लर्निंग ऑवर्स होने चाहिए। हर विषय के लिए 210 स्टडी ऑवर्स मिलने चाहिए, जो फिलहाल नहीं मिल पा रहे हैं।’

नैक के चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू और सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली

नैक के चेयरमैन अनिल सहस्रबुद्धे, राज्यसभा सांसद सतनाम सिंह संधू और सीबीएसई के पूर्व चेयरमैन अशोक गांगुली

आउटकम के बेंचमार्क के आधार पर छात्रों को कर्ज ऑक्सिलो फिनसर्व प्रा. लि. के एमडी नीरज सक्सेना ने कहा कि पारंपरिक बैंकिंग सिस्टम से छात्रों को लोन मिलना बहुत मुश्किल है क्योंकि कर्जदाताओं को आशंका रहती है कि जिनकी कोई आय ही नहीं है तो वे पैसा कैसे लौटा पाएंगे।

यदि पढ़ने पर भी नौकरी नहीं लगी तो क्या होगा। पर अब छात्रों के भविष्य के आउटकम के बेंचमार्क के आधार पर लोन दिए जा रहे हैं। बोहोरा ने कहा कि एनईपी में 2035 तक जीईआर लक्ष्य मौजूदा स्तर 27% से बढ़ाकर 50% रखा गया है। इस समय उच्च शिक्षा में 4.3 करोड़ छात्र हैं, नामांकन बढ़ेंगे तो यह यह बहुत बड़ी संख्या होगी।

इंफ्रा को मॉनिटाइज करके निवेश जुटा सकते हैं संस्थान ईएंडवाई के ग्लोबल एजुकेशन लीडर अमिताभ झिंगन ने एसेट बेस्ड फाइनेंस का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि स्कूल-कॉलेज इंफ्रास्ट्रक्चर को मोनिटाइज करके निवेश जुटा सकते हैं, विस्तार करने के साथ गुणवत्ता सुधार सकते हैं। गुणवत्ता बढ़ेगी तो आउटकम भी अच्छा आएगा। यानी ज्यादा से ज्यादा छात्र दाखिला लेंगे।

ब्रांड कल्चरिस्ट रूपेश कश्यप ने कहा कि हमें शिक्षण संस्थानों को ब्रांड के रूप में तैयार करना चाहिए। इनकी ऐसी छाप रहे कि लोगो देखते या नाम सुनते ही विशेषताएं जेहन में उभर आएं। ब्रांडिंग पर पारुल यूनिवर्सिटी के प्रेसिडेंट देवांशु पटेल ने प्रस्तुति दी।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *