Delhi NCR Firecrackers Ban Update; Air Pollution | Supreme Court | दिल्ली-एनसीआर में एक साल तक पटाखे बैन: सुप्रीम कोर्ट ने कहा- सभी एयर प्यूरीफायर नहीं लगा सकते; इंजीनियर बोला- पटाखों से पर्यावरण साफ होता

Actionpunjab
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नई दिल्ली11 मिनट पहले

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सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली-एनसीआर में पटाखे बनाने, स्टोर करने और बेचने पर लगे प्रतिबंध को एक साल के लिए बढ़ा दिया। जस्टिस अभय एस ओका और जस्टिस उज्जल भुइयां की पीठ ने कहा- वायु प्रदूषण का स्तर काफी समय से खतरनाक बना हुआ है।

आबादी का एक बड़ा हिस्सा सड़कों पर काम करता है और प्रदूषण से सबसे ज्यादा प्रभावित है। पीठ ने कहा कि हर कोई अपने घर या ऑफिस में एयर प्यूरीफायर नहीं लगा सकता। जब तक कोर्ट इस बात से संतुष्ट नहीं हो जाता कि ग्रीन पटाखों से बहुत कम प्रदूषण होता है, तब तक पिछले आदेशों पर पुनर्विचार करने का सवाल ही नहीं उठता।

सुनवाई के दौरान निजी रूप से पेश इंजीनियर मुकेश जैन ने कहा कि पटाखे पर पाबंदी का फैसला ठीक नहीं है। पटाखे पर्यावरण साफ करते हैं। उन्होंने दलील दी कि पटाखे पर बैन अंतरराष्ट्रीय षडयंत्र का हिस्सा है।

सुप्रीम कोर्ट ने 12 दिसंबर, 2024 को दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर साल भर के लिए पूरी तरह से प्रतिबंध लगाने का निर्देश दिया था।

कोर्ट ने इंजीनियर को चेतावनी देकर छोड़ा सुनवाई के दौरान मुकेश जैन नाम के इंजीनियर निजी रूप में पेश हुए थे। उन्होंने मामले पर अपनी बात रखने की इजाजत मांगी थी। कोर्ट से अनुमति मिलने पर उन्होंने पटाखे पर बैन के फैसले का विरोध किया।

इस पर जस्टिस ओका ने पूछा कि क्या आप एक्सपर्ट हैं। मुकेश ने जवाब दिया- हां, मैं IIT से पढ़ा इंजीनियर हूं। मुकेश ने मशहूर पर्यावरणविद एम सी मेहता पर भी गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा- मेहता देश विरोधी संस्थाओं से फंड लेते हैं।

इस पर कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा कि इस व्यक्ति को यह नहीं पता कि एम सी मेहता कौन हैं और उन्होंने पर्यावरण के लिए कितना किया है। हम मुकेश जैन पर जुर्माना लगा सकते हैं, लेकिन इस बार चेतावनी देकर छोड़ रहे हैं।

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