भीलूड़ा गांव स्थित प्राचीन श्रीरघुनाथजी मंदिर में रामनवमी के पावन पर्व पर श्रद्धा और भव्यता के साथ रामनवमी मेले का आयोजन हुआ।
डूंगरपुर के वागड़ अयोध्या के नाम से प्रसिद्ध भीलूड़ा गांव स्थित प्राचीन श्रीरघुनाथजी मंदिर में रामनवमी के पावन पर्व पर श्रद्धा और भव्यता के साथ रामनवमी मेले का आयोजन हुआ। आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। भगवान श्रीराम के दर्शन
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रामनवमी के दिन अलसुबह ब्रह्म मुहूर्त में मंदिर में विशेष आरती के साथ दिनभर चलने वाले कार्यक्रमों की शुरुआत हुई। मंदिर परिसर श्रद्धा, भक्ति और उल्लास से सराबोर हो गया। रामभक्तों ने भजन-कीर्तन के माध्यम से वातावरण को भक्तिमय बना दिया। स्थानीय भजन मंडलियों के साथ-साथ दूर-दराज से आए कलाकारों ने भी अपने भजनों से श्रोताओं को भाव-विभोर कर दिया।
रघुनाथ मंदिर की विशेषता यह है कि यहां भगवान श्रीराम की प्राचीन प्रतिमा में एक पैर का अंगूठा नहीं है, जो इस मंदिर को अन्य मंदिरों से विशिष्ट बनाता है। साथ ही प्रतिमा में कमर में हल्का झुकाव दिखाई देता है। जिससे श्रीराम की मूर्ति में श्रीकृष्ण की छवि के भी दर्शन होते हैं। यह अद्वितीय प्रतिमा भक्तों के बीच विशेष आकर्षण का केंद्र बनी रहती है। मंदिर परिसर में रघुकुल परिवार की भव्य झांकी सजाई गई। जिसके दर्शन कर श्रद्धालुओं ने मन्नतें मांगी। मान्यता है कि इस झांकी के दर्शन मात्र से भक्तों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं। मंदिर समिति द्वारा मंदिर को रंग-बिरंगी रोशनी और पुष्पों से सजाया गया, जिससे मंदिर का दृश्य अत्यंत मनोहारी लग रहा था।
रामनवमी मेले के दौरान मंदिर परिसर में विभिन्न धार्मिक अनुष्ठान जैसे सुंदरकांड पाठ, हवन, रामचरितमानस पाठ आदि का आयोजन भी किया गया। आस पास के गांवों से आए श्रद्धालु पूरे दिन मंदिर में मौजूद रहकर पूजा-अर्चना और भजन-कीर्तन में लीन रहे। कई श्रद्धालुओं ने उपवास रखकर भगवान श्रीराम की आराधना की। लक्ष्मण निधि ट्रस्ट की ओर से आयोजित इस मेले में सनातन धर्म समिति, विष्णु मंडल और प्रशासन की ओर से मेले की संभाली जा रही है। जिसमें सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा और पार्किंग की व्यवस्था की गई, ताकि श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा का सामना नहीं करना पड़े।