Kaputhala, Ludhiana, Youth Released, Malaysian Jail | MP Seechewal Efforts | कपूरथला में सांसद से मिला मलेशियाई जेल से रिहा युवक: संत सीचेवाल की मदद से आया वापस, बोला- वहां नरक जैसे हालात थे – Kapurthala News

Actionpunjab
3 Min Read


कपूरथला में राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के साथ जगदीप सिंह।

लुधियाना के जगदीप सिंह की मलेशिया की जेल से रिहाई हो गई है। रिहाई के बाद बुधवार को जगदीप सिंह कपूरथला में राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल से मिलने पहुंचा। जगदीप अपनी विधवा मां के पास सुरक्षित लौट आया है। जगदीप ने निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी म

.

उसने बताया कि 2019 में वह मलेशिया घूमने गया था। इसी दौरान पंजाब में एक सड़क हादसे में उसके पिता की मृत्यु हो गई। उसके भाई की टांग भी टूट गई। घर की स्थिति को देखते हुए उसने मलेशिया में ही रहने का निर्णय लिया।

राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल का आशीर्वाद लेते हुए जगदीप सिंह।

राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल का आशीर्वाद लेते हुए जगदीप सिंह।

कंपनी में पड़े छापे के दौरान गिरफ्तार

वीजा बढ़वाने के लिए जगदीप ने एक एजेंट को 2000 मलेशियन रिंगिट (करीब 38 हजार रुपए) दिए। लेकिन एजेंट ने वीजा का नवीनीकरण नहीं कराया। कंपनी में पड़े छापे के दौरान पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। थाने में पता चला कि उसका वीजा एक्सपायर हो चुका है। उसे 6 महीने की सजा सुनाई गई और डिटेंशन कैंप में भेज दिया गया। वहां नरक जैसे हालात थे।

राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह से बातचीत करते हुए जगदीप सिंह।

राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह से बातचीत करते हुए जगदीप सिंह।

सांसद सीचेवाल ने भारतीय दूतावास का किया धन्यवाद

जगदीप के भाई ने बताया कि परिवार पूरी तरह टूट गया था। प्रदीप सिंह खालसा और अर्शदीप सिंह ने 2 अप्रैल को संत सीचेवाल से संपर्क किया। संत सीचेवाल की त्वरित कार्रवाई से जगदीप 10 अप्रैल को घर लौट आया। संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास का धन्यवाद किया। उन्होंने कहा कि इन संस्थाओं ने एक विधवा मां को उसका बेटा वापस दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

विधवा मां का इकलौता सहारा

जगदीप ने बताया कि जब उसे गिरफ्तार किया गया, उसकी सारी उम्मीदें टूट गई थी। क्योंकि उसे छह महीने की सज़ा सुना दी गई थी। उसने कहा कि पिता की मौत और भाई के घायल हो जाने के बाद पूरे परिवार की जिम्मेदारी उसी पर थी और वह अपनी विधवा मां का इकलौता सहारा था। जेल में उसका फोन छीन लिया गया था और उसे काफी अत्याचार सहने पड़े।

वहां जेल में बंदी की दाढ़ी और बाल तक काट दिए जाते थे, लेकिन इधर से संत सीचेवाल द्वारा की गई मदद के कारण उसके साथ ऐसा कुछ नहीं हुआ।

Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *