मनु कुमार सिंह | प्रतापगढ़4 मिनट पहले
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प्रतापगढ़ में पशुपालन विभाग के टेंडर में बड़े घोटाले का मामला सामने आया है। गोशालाओं में साइलेज आपूर्ति के लिए निकाले गए 7.42 करोड़ रुपये के टेंडर में फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल किया गया है।
विभाग ने 24 मार्च 2025 को एक लाख 6 हजार कुंतल साइलेज की सप्लाई के लिए टेंडर निकाला था। इसमें चार कंपनियों ने हिस्सा लिया। तीन कंपनियां तकनीकी बिड में क्वालीफाई हुईं। एक कंपनी को दस्तावेजों की कमी के कारण रिजेक्ट कर दिया गया।
शौर्य ट्रेडिंग कंपनी ने डीएम को शिकायती पत्र दिया है। उनका आरोप है कि राकेश इंटरप्राइजेज ने फर्जी अनुभव प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया है। लालगंज के बीडीओ द्वारा जारी किया गया अनुभव प्रमाण पत्र फर्जी बताया गया है।
शिकायत में बताया गया है कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में शिव इंटरप्राइजेज को जिले की सभी गोशालाओं में भूसा-साइलेज सप्लाई का काम मिला था। ऐसे में दूसरी फर्म को अनुभव प्रमाण पत्र जारी करना संदेह पैदा करता है।

विभागीय अधिकारियों पर गिर सकती है गाज
मामले में जांच शुरू हो गई है. ऐसे में गड़बड़ी मिली तो कई विभागीय अफसरों पर इसकी गाज कर सकती है। बीडीओ लालगंज द्वारा जारी एक्सपीरिएंस सर्टीफिकेट पर पहाड़पुर ग्राम पंचायत के ग्राम पंचायत अधिकारी ने भी साइन किया है। टेंडर प्रक्रिया में चयन के लिए गठित कमेटी ने इसी सर्टीफिकेट के आधार पर तकनीकी रूप से कंपनी को क्वालीफाई भी करवा दिया। इस चयन टीम की अध्यक्ष मुख्य विकास अधिकारी इसके आलावा मुख्य पशु चिकित्साधिकारी, वरिष्ठ कोषाधिकारी, जिला कृषि अधिकारी, उप जिलाधिकारी सदर शामिल थे। आरोप है कि इन सभी अधिकारियो को गलत सूचना देकर गुमराह करके टेंडर हथियाने की कोशिश की गई।

डीएम ने दिए जांच के आदेश मामला सामने आने के बाद भास्कर ने प्रतापगढ़ के डीएम शिव सहाय अवस्थी से बात किया। डीएम ने कहा कि मामला संज्ञान में आया है जांच करवाई जा रही है। प्रथम दृष्टया डीएम ने भी ये माना कि पूरे जिले में अगर एक कम्पनी को काम दिया गया था तो किसी दूसरी कंपनी को अनुभव प्रमाण पत्र देना गलत है। पूरे मामले की जांच कराई जा रही है जो भी दोषी मिलेगा सख्त कार्रवाई की जाएगी।