जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने धर्म पूछकर और पहचान देखकर पर्यटकों को निशाना बनाया। इस घटना ने यूपी व देश में एक बार फिर हिंदू-मुस्लिम विवाद को हवा दे दी है। हालांकि जम्मू-कश्मीर के सामाजिक संगठन और लोग भी इस घटना की निंदा करते हुए सड़क पर उतरे
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राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पहलगाम की घटना से देर-सवेर हिंदू-मुस्लिम वोट के ध्रुवीकरण की राजनीति शुरू होगी। सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’ और ‘बटेंगे तो कटेंगे’ के नारे को हवा मिलेगी।

सीएम योगी ने पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी के घर पहुंचकर श्रद्धांजलि दी।
पहलगाम में आतंकी घटना के बाद सबसे पहले छत्तीसगढ़ भाजपा की ओर से ‘X’ पर पोस्ट कर कहा गया- ‘धर्म पूछा जाति नहीं’। कांग्रेस नेता रॉबर्ट वाड्रा ने कहा कि ‘यह सरकार हिंदुओं की बात करती है। अल्पसंख्यक असहज और परेशान महसूस करते हैं। उन्होंने कहा कि घटना का विश्लेषण करेंगे तो पता चलेगा कि आतंकी लोगों की पहचान देख रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि हमारे देश में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच विभाजन रेखा खींच दी गई है।’
सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने भी गुरुवार को कहा, आतंकी का कोई धर्म नहीं होता। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में केंद्र की भाजपा सरकार ने सब कुछ अपने हिसाब से किया है। केंद्र सरकार इतने लोगों की असामयिक मौत से पल्ला नहीं झाड़ सकती। कुल मिलाकर दोनों तरफ से ही ध्रुवीकरण के संकेत मिलने लगे हैं।

प्रतापगढ़ में विहिप ने पाकिस्तान के खिलाफ नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
विहिप के जरिए संघ सक्रिय
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ यानी RSS ने भी पहलगाम घटना की निंदा की है। संघ का कहना है कि ‘जम्मू कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुआ नृशंस आतंकी हमला अत्यंत निंदनीय एवं संतापजनक है। यह हमला देश की एकता व अखंडता पर प्रहार करने का दुःसाहस है। सभी राजनीतिक दल व संस्थाओं को सारे मतभेदों से ऊपर उठकर इसकी भर्त्सना करनी चाहिए। सरकार इस हमले के लिए जिम्मेदार लोगों को दंडित करने के लिए शीघ्र ही उचित कदम उठाए।’
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि संघ ने पहले चरण में विहिप के जरिए विरोध प्रदर्शन किया है। आने वाले दिनों में केंद्र सरकार की ओर से आतंकी संगठनों के खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई अवश्य होनी चाहिए। आतंकी संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होते ही RSS और भाजपा इसे मुद्दा बनाकर जनता के बीच रखेंगे। उस मुद्दे के केंद्र में भी ‘एक रहेंगे तो नेक रहेंगे’, ‘बटेंगे तो कटेंगे’ ही होगा।

तस्वीर हरदोई की है। आतंकी हमले के विरोध में यहां लोगों में गुस्सा देखा गया। कई संगठनों ने प्रदर्शन किया।
विहिप करेगा सभी जिलों में धरना-प्रदर्शन
विहिप के प्रांतीय अध्यक्ष कन्हैयालाल अग्रवाल का कहना है कि जब आतंकियों का बस नहीं चला, केंद्र सरकार ने चारों तरफ से रास्ते बंद कर दिए तो इनकी हताशा चरम पर पहुंच गई। इसी हताशा में आतंकियों ने पहलगाम में पर्यटकों पर गोलियां चलाईं। उन्होंने कहा कि विहिप की ओर से सभी जिलों में घटना के विरोध में धरना प्रदर्शन कर जिलाधिकारी को पीएम नरेंद्र मोदी के नाम ज्ञापन देकर आतंकियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की जाएगी।
सर्जिकल स्ट्राइक जैसी कार्रवाई जरुरी
राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्ट का मानना है कि पुलवामा हमले के बाद भी देश की जनभावना इसी तरह आहत और आक्रोशित हुई थी। उस दौरान केंद्र सरकार ने सर्जिकल स्ट्राइक कर पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया था। पाक के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक से देश की जनता में उत्साह बना था। उनका मानना है कि पहलगाम हमले के बाद भी उसी तरह देश के बहुसंख्यक समाज की भावना आहत हुई है। जनता में आक्रोश है। सामाजिक संगठन, व्यापारिक संगठन सड़कों पर उतरकर अपना रोष प्रकट कर रहे हैं।

पहलगाम घटना से बढ़ेगा ध्रुवीकरण
वरिष्ठ पत्रकार रतनमणि लाल का कहना है कि पहलगाम की घटना से हिंदू-मुस्लिम वोटों का ध्रुवीकरण बढ़ेगा। दोनों कम्युनिटी के बीच दरार बढ़ने और भरोसा कम होने की संभावना बढ़ गई है। इस भरोसे की कमी का फायदा राजनीतिक दल उठाते हैं।
कुछ दलों को कहना है कि हिंदुओं के साथ गलत हुआ, उनका मजहब पूछकर मारा गया। वहीं, कांग्रेस के नेता कह रहे हैं कि मुस्लिमों के साथ देश में जो व्यवहार हो रहा है, उसके कारण ऐसी घटना घटित हुई है। जैसे-जैसे हिंदू और मुसलमानों के पक्ष में बहस बढ़ेगी वैसे-वैसे राजनीतिक दलों को फायदा होगा।

भाजपा के लिए ज्यादा चुनौती
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पहलगाम की घटना के बाद देश में हिंदुओं की जनभावना जिस तरह आक्रोशित है। हिंदू-मुस्लिम का विवाद जिस तरह बढ़ा है, उससे भाजपा को फायदा होगा। लेकिन यह भाजपा के लिए भी बड़ी चुनौती है।
भाजपा उन हिंदुओं का प्रतिनिधित्व करती है, जो भाजपा पर भरोसा कर पहलगाम गए। उन्होंने कश्मीर में सरकार की दलील को स्वीकार किया कि वहां सब कुछ सामान्य है। गुजरात, राजस्थान में जनता जिस तरह केंद्र सरकार के मंत्रियों के सामने रोष प्रकट कर रही है, उससे लगता है कि भाजपा को हिंदू समाज का भरोसा जीतने के लिए कठिन परिश्रम करना होगा।
राजनीति नहीं आतंकवाद के खात्मे पर बात करें
वरिष्ठ पत्रकार आनंद राय का कहना है कि पहलगाम में पर्यटकों को बचाते हुए एक मुस्लिम की भी मौत हुई है। यह 30-35 साल बाद हुआ है जब कश्मीर में भी सभी कौम के लोग सड़क पर उतर कर हमले की निंदा कर रहे हैं। उनका कहना है कि मानवता और इंसानियत को कौम में नहीं बांटना चाहिए।

योगी के बाद मोदी भी बोले- मिट्टी में मिला देंगे
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधुबनी (बिहार) में आयोजित रैली में कहा, ये हमला सिर्फ निहत्थे पर्यटकों पर नहीं हुआ है। देश के दुश्मनों ने भारत की आस्था पर हमला करने का दुस्साहस किया। हमला करने वाले आतंकियों और साजिश रचने वालों को कल्पना से बड़ी सजा मिलेगा। सजा मिलकर रहेगी। आतंकियों की बची-खुची जमीन को भी मिट्टी में मिलाने का समय आ गया है। पीएम मोदी के मिट्टी में मिलाने वाले बयान के बाद सियासी हल्कों में सीएम योगी के विधानसभा में दिए उस बयान की चर्चा शुरू हो गई, जिसमें उन्होंने माफिया अतीक को मिट्टी में मिलाने को कहा था।
साइड इफेक्ट ये भी: राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि पहलगाम की घटना के बाद देश का गुस्सा देखते हुए मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने वक्फ बिल के खिलाफ आंदोलन कुछ दिनों के लिए स्थगित कर दिया है।
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पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए कानपुर के शुभम द्विवेदी का राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। चाचा नरेंद्र ने मुखाग्नि दी। पिता बगल में खड़े होकर रोते रहे। गुरुवार सुबह 11 बजे जब घर से ड्योढ़ी घाट के लिए शव यात्रा निकली तो पत्नी ऐशन्या चीख पड़ीं। पत्नी ने दो दिन से अपने पति की शर्ट पहन रखी थी। उन्होंने वह शर्ट उतारी, उसे सीने से लगाया, फिर फूट-फूटकर रोने लगीं। यह देखकर वहां मौजूद लोगों की आंखें भर आईं। पढ़ें पूरी खबर