Mohan Bhagwat Vs Pakistan; PM Narendra Modi | Pahalgam Attack | भागवत बोले- भारत पड़ोसी को नुकसान नहीं पहुंचाता: कहा- कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी कर लो, राजा का कर्तव्य लोगों की रक्षा करना

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नई दिल्ली1 घंटे पहले

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मोहन भागवत ने स्वामी विज्ञानंद की किताब 'हिंदू मेनिफेस्टो' का विमोचन किया। - Dainik Bhaskar

मोहन भागवत ने स्वामी विज्ञानंद की किताब ‘हिंदू मेनिफेस्टो’ का विमोचन किया।

आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने शनिवार को एक बार फिर पहलगाम हमले पर बयान दिया। उन्होंने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा, ‘अहिंसा हमारा स्वभाव है, हमारा मूल्य है, लेकिन कुछ लोग नहीं बदलेंगे, चाहे कुछ भी कर लो, वे दुनिया को परेशान करते रहेंगे, तो उनका क्या करें।’

उन्होंने कहा, ‘राजा का कर्तव्य प्रजा की रक्षा करना है, राजा को अपना कर्तव्य निभाना चाहिए।’ भागवत ने यह बात नई दिल्ली में पीएम संग्रहालय में स्वामी विज्ञानंद की पुस्तक ‘हिंदू मेनिफेस्टो’ के विमोचन के दौरान कही। इस दौरान पहलगाम आतंकी हमले में मारे गए 26 लोगों के लिए 2 मिनट का मौन भी रखा गया।

भागवत के बयान की बड़ी बातें…

  • ‘दुनिया को हमें बहुत सिखाना है और हमारे पास बहुत है। हमारी अहिंसा लोगों को बदलने के लिए है। उन्हें अहिंसक बनाने के लिए है। कुछ लोग तो बन गए, लेकिन कुछ नहीं बने। वे इतने बिगड़े हैं कि कुछ भी करो वे नहीं बदलेंगे। बल्कि दुनिया में और उपद्रव करेंगे।’
  • ‘मैंने रावण का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि हम तो किसी के दुश्मन नहीं, द्वेष हमारा स्वभाव नहीं है। रावण का वध भी उसके कल्याण के लिए हुआ था। उसके पास अच्छा आदमी बनने के लिए जो जरूरी होता है वह सब था।’
  • ‘उसने जिस शरीर और मन-बुद्धि को स्वीकार किया, उसने अच्छाई को उसके अंदर जाने नहीं दिया। उसको अच्छा बनाने का एक ही उपाय है कि उस शरीर को समाप्त किया जाए। इसलिए भगवान ने उसका संहार किया।’
  • ‘हमारे यहां देखा जाता है कि शत्रु अच्छा है या बुरा, यह देखा जाता है। इसे बैलेंस किया जाता है। इसलिए गीता में अहिंसा का उपदेश है, ताकि अर्जुन लड़े और मारे क्योंकि उस समय ऐसे लोग सामने थे कि उनका कोई और इलाज नहीं था।’

किताब के बारे में बोले भागवत- यह लंबी स्टडी के बाद बनी है

भागवत ने कहा- यह किताब ‘हिंदू मेनिफेस्टो’ चर्चा के लिए है, आम सहमति बनाने के लिए है। यह एक प्रस्ताव है, इसे बहुत स्टडी के बाद बनाया गया है। इसमें बताया है कि आज आम सहमति की जरूरत है, क्योंकि दुनिया को एक नया रास्ता चाहिए। दुनिया दो रास्तों के बारे में सोचती है, उन्होंने दोनों रास्तों पर कदम रखा और तीसरा रास्ता चाहिए था, जो भारत के पास है। दुनिया को रास्ता दिखाना भारत की जिम्मेदारी है। यह परंपरा के रूप में भारत के पास है।

नई दिल्ली के पीएम संग्रहालय में स्वामी विज्ञानंद की पुस्तक 'हिंदू मेनिफेस्टो' के विमोचन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, स्वामी विज्ञानंद और डीयू वीसी योगेश सिंह, स्वामी कृष्णशाह।

नई दिल्ली के पीएम संग्रहालय में स्वामी विज्ञानंद की पुस्तक ‘हिंदू मेनिफेस्टो’ के विमोचन के दौरान राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ प्रमुख मोहन भागवत, स्वामी विज्ञानंद और डीयू वीसी योगेश सिंह, स्वामी कृष्णशाह।

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भागवत बोले- धर्म पूछकर हत्या करना निंदनीय: हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा

राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (RSS) प्रमुख मोहन भागवत ने गुरुवार को पहलगाम में हुए आतंकी हमले की निंदा की। उन्होंने कहा कि आतंकवादियों ने लोगों से उनका धर्म पूछने के बाद हत्या की। हिंदू कभी ऐसा नहीं करेगा। मोहन भागवत ने आगे कहा कि यह लड़ाई धर्म और अधर्म के बीच की है। हमारा देश कितना शक्तिशाली है यह दिखाने का समय आ गया है। भागवत ने ये बातें मुंबई में एक कार्यक्रम में कहीं। पढ़ें पूरी खबर…

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