Supreme Court’s order Commisioner to send notice to samay raina and 5 influencer on making fun of a handicapped person | दिव्यांग का मजाक उड़ाने का मामले, सुप्रीम कोर्ट का आदेश: समय रैना समेत 5 इन्फ्लूएंसर अगली सुनवाई में नहीं पहुंचे तो लिया जाएगा स्ट्रिक्ट एक्शन

Actionpunjab
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42 मिनट पहले

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5 मई को सुप्रीम कोर्ट में इंडियाज गॉट लेटेंट में दिव्यांग बच्चे का मजाक उड़ाने वाले केस की सुनवाई हुई है। समय रैना पर आरोप हैं कि उन्होंने अपने शो में रेयर बीमारी से पीड़ित बच्चे पर आपत्तिजनक कमेंट किया था। सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और एन. कोटिस्वर सिंह की बेंच ने मुंबई पुलिस कमिश्नर को आदेश दिया है कि वो मामले से जुड़े पांचों आरोपियों को अगली सुनवाई में पेश होने के लिए नोटिस जारी करें। ये नोटिस इंडियाज गॉट लेटेंट के होस्ट समय रैना समेत 5 इन्फ्लूएंसर्स को भेजा जाएगा। कोर्ट ने साफ कहा है कि अगर ये पांचों अगली सुनवाई में पेश नहीं हुए तो उनके खिलाफ सख्त एक्शन लिया जाएगा।

बेंच ने दिव्यांग और दुर्लभ विकारों से पीड़ित लोगों से संबंधित सोशल मीडिया कंटेंट को रेगुलेट करने के लिए एनजीओ क्योर एसएमए फाउंडेशन ऑफ इंडिया की याचिका पर अटॉर्नी जनरल आर. वेंकटरमणि से मदद मांगी है। कोर्ट का कहना है कि ऐसे लोगों का मजाक उड़ाने वाले इन्फ्लूएंसर्स हानिकारक और मनोबल गिराने वाले हैं। कोर्ट ने कहा है कि ऐसे लोगों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो, जिससे भविष्य में ऐसी चीजें दोबारा न हों।

सुनवाई के दौरान बेंच ने एनजीओ की तरफ से मौजूद रहीं सीनियर एडवोकेट अपराजिता सिंह से कहा, यह बहुत नुकसानदायक और मनोबल गिराने वाला है। आपको कानून के दायरे में कुछ सुधारात्मक और दंडात्मक कार्रवाई के बारे में सोचना चाहिए। अभिव्यक्ति की आजादी की आड़ में किसी को नीचा दिखाने की अनुमति नहीं दी जा सकती। सुनवाई के दौरान बेंच ने दिव्यांग और रेयर बीमारियों से पीड़ित लोगों से जुड़ सोशल मीडिया कंटेंट पर गाइडलाइन तैयार किए जाने की भी बात कही है।

क्या है पूरा मामला?

इंडियाज गॉट लेटेंट शो में रणवीर अलाहबादिया ने पेरेंट्स पर अश्लील कमेंट किया था, जिसके बाद उनके साथ-साथ शो से जुड़े सभी लोगों के खिलाफ शिकायत दर्ज हुई थी। ये मामला चल ही रहा था कि एनजीओ ने समय रैना पर स्टैंड-अप कॉमेडी शो में स्पाइनल मस्क्यूलर अट्रॉफी (SMA) से पीड़ित एक नेत्रहीन नवजात का मजाक उड़ाने का आरोप लगा दिया।

याचिका में फाउंडेशन ने कोर्ट को बताया था कि दस महीने पहले समय रैना ने दैट कॉमेडी क्लब में स्टैंडअप में कहा था- ‘देखो चैरिटी अच्छी बात है, करनी चाहिए। मैं एक चैरिटी देख रहा था, जिसमें एक दो महीने का बच्चा है, जिसे कुछ तो क्रेजी हो गया है। जिसके इलाज के लिए उसे 16 करोड़ रुपए का इंजेक्शन चाहिए।

समय ने शो में बैठी एक महिला से सवाल किया- मैम, आप बताइए…अगर आप वो मां होतीं और आपके बैंक में 16 करोड़ रुपए आ जाते। एक बार तो अपने पति को देखकर बोलती ना कि मंहगाई बढ़ रही है, क्योंकि कोई गांरटी नहीं है कि वो बच्चा उस इंजेक्शन के बाद भी बचेगा। मर भी सकता है। सोचो इंजेक्शन के बाद मर गया। उससे भी खराब सोचो कि 16 करोड़ के इंजेक्शन के बाद बच्चा बच गया, फिर बड़ा होकर बोले कि मैं पोएट बनना चाहता हूं।

फाउंडेशन की याचिका पर पहली सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने ऐसे कंटेंट को परेशान करने वाला बताया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- हम इन आरोपों से सचमुच परेशान हैं, हम ऐसे मामलों को रिकॉर्ड में रखते हैं। संबंधित व्यक्तियों को शामिल करके उपाय सुझाएंगे, फिर हम देखेंगे।

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