प्रदेश में नगरपालिकाओं, परिषद या निगम सीमा में शामिल की गई ग्राम पंचायतों को लेकर लंबे समय से सरपंचों में चल रही ऊहापोह की स्थिति को आखिरकार पंचायती राज विभाग ने खत्म कर दिया। इसके लिए मंगलवार को विभाग की अोर से अधिसूचना कर स्पष्ट कर दिया गया है कि न
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पंचायती राज विभाग की ओर से जारी अधिसूचना के अनुसार ऐसी ग्राम पंचायतें, जो नगरपालिका, नगर परिषद अथवा नगर निगम के सीमा क्षेत्र में शामिल कर दिया गया था, उन्हें वापस ग्राम पंचायत घोषित कर दिया गया है। इसके साथ ही, इनमें से ऐसी ग्राम पंचायतें, जिनके सरपंच, वार्ड पंच का कार्यकाल पांच साल पूरा नहीं हुआ है, वे इसमें शेष रही अवधि तक उसी पद पर अपना कार्य कर सकेंगे। दूसरी ओर, जिन जनप्रतिनिधियों ने अपने पांच साल का कार्यकाल पूर्ण कर लिया है, उन्हीं पूर्व सरपंच को प्रशासक की जिम्मेदारी सौंपी गई है। ये प्रशासक अपनी ग्राम पंचायत का संचालन प्रशासकीय समिति के सहयोग से करेंगे।
इसी तरह, अधिसूचना के माध्यम से पंचायती राज विभाग ने पंचायत समितियों और जिला परिषद के सदस्यों के बीच चल रही असमंजस को भी खत्म किया है। इसमें ऐसे जिला परिषद या पंचायत समिति सदस्य, जिनके वार्ड का कुछ हिस्सा नगरपालिका, परिषद या निगम में शामिल किया गया है, तो पहले की ही तरह अब भी उनका काम उसी पद के अनुरूप जारी रहेगा। वहीं जिनका पूरे वार्ड क्षेत्र को नगरपालिका, परिषद या निगम में शामिल कर दिया गया है, तो इसके साथ उनके पद भी खत्म मान लिए गए हैं।