Pitru Paksha till 21 September, significance of pitru paksha in hindi, Pitru Paksha rituals in hindi | पितृ पक्ष 21 सितंबर तक: किसी मृत व्यक्ति की संतान न हो तो पत्नी कर सकती है श्राद्ध, पत्नी भी न हो तो कुटुंब लोग कर सकते हैं धूप-ध्यान

Actionpunjab
2 Min Read


23 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

अभी पितृ पक्ष चल रहा है। ये घर-परिवार के पितर देवता को याद करने और उनके लिए धूप-ध्यान करने का उत्सव है। पितृ पक्ष 21 सितंबर तक चलेगा। इस पक्ष में मृत व्यक्ति की मृत्यु तिथि के अनुसार श्राद्ध, पिंडदान, तर्पण किया जाता है। आमतौर पर संतान ही अपने माता-पिता और कुटुंब के अन्य पितरों के लिए धूप-ध्यान करती है, लेकिन किसी मृत व्यक्ति की संतान न हो तो उसकी पत्नी को धूप-ध्यान करना चाहिए।

उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पौराणिक कथा है कि देवी सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान, दान तर्पण आदि शुभ काम किए थे। श्रीराम, लक्ष्मण और सीता पितृ पक्ष में राजा दशरथ के लिए पिंडदान करने गया तीर्थ क्षेत्र में गए थे।

उस समय श्रीराम-लक्ष्मण किसी काम से कहीं गए थे, तब सीता फल्गु नदी के किनारे पर श्रीराम और लक्ष्मण का इंतजार कर रही थी। उस समय देवी सीता को राजा दशरथ की आत्मा ने दर्शन दिए और कहा था कि तुम ही मेरे लिए पिंडदान कर दो।

अपने ससुर की आज्ञा मानकर देवी सीता ने राजा दशरथ के लिए पिंडदान, तर्पण आदि शुभ कर्म किए थे। फल्गु नदी के किनारे पर अपने पुत्र की वधु के हाथो हुए पिंडदान से राजा दशरथ की आत्मा तृप्त हुई थी और उन्होंने सीता को आशीर्वाद दिया था। इस कथा के अनुसार महिलाओं को भी अपने कुटुंब के पूर्वजों के लिए धूप-ध्यान जरूर करना चाहिए।

किसी मृत व्यक्ति की संतान न हो तो पत्नी कर सकती है श्राद्ध

किसी मृत व्यक्ति की कोई संतान न हो तो मृत्यु तिथि पर उसकी पत्नी को पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण के साथ ही दान-पुण्य करना चाहिए। बहू अपने मृत सास-ससुर के लिए भी श्राद्ध कर्म कर सकती है।

अगर किसी मृत व्यक्ति की कोई संतान नहीं है और उसकी पत्नी, माता-पिता भी नहीं हैं तो उसके कुटुंब के अन्य लोग पिंडदान, श्राद्ध और तर्पण कर सकते हैं।

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *