Vaishakh Purnima on 12th May, significance of vaishakh purnima in hindi, Vaishakh Purnima rituals in hindi | 12 मई को वैशाख पूर्णिमा: सोमवार को बुद्ध पूर्णिमा, पीपल को चढ़ाएं जल-दूध, पितरों के लिए करें धूप-ध्यान

Actionpunjab
4 Min Read


4 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

सोमवार, 12 मई को वैशाख मास की पूर्णिमा है, इस तिथि पर भगवान बुद्ध की जयंती भी मनाई जाती है, इसलिए इसे बुद्ध पूर्णिमा भी कहते हैं। शुक्रवार को वैशाख खत्म होगा और शनिवार से ज्येष्ठ मास शुरू हो जाएगा। वैशाख पूर्णिमा पर पीपल की विशेष पूजा करने की परंपरा है। इस तिथि पर भगवान विष्णु ने कूर्म अवतार लिया था, इस दिन वैशाख मास के स्नान भी खत्म हो जाएंगे। जानिए वैशाख पूर्णिमा से जुड़ी कुछ खास परंपराएं…

पूर्णिमा पर करें पीपल पूजन

ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के अनुसार, वैशाख पूर्णिमा के दिन पीपल की पूजा का विशेष महत्व है। पीपल वृक्ष को भगवान विष्णु का प्रतीक माना गया है। श्रीकृष्ण ने गीता में कहा है, “वृक्षों में मैं पीपल हूं।” इस तिथि पर पीपल को जल, गाय का दूध, चंदन, अबीर-गुलाल, फूल अर्पित करें और धूप-दीप जलाकर आरती करें। ये पूजा सभी देवी-देवताओं की आराधना के समान पुण्य फल देती है।

पितृ पूजन से मिलती है आत्मिक शांति

पूर्णिमा की दोपहर पितृों के लिए किया गया धूप-ध्यान अत्यंत शुभ माना जाता है। गाय के गोबर से बने कंडे जलाकर, जब उनमें से धुआं बंद हो जाए तो गुड़ और घी की आहुति दें। हाथ में जल लेकर, अंगूठे की ओर से पितरों को अर्पण करें और उनका ध्यान करें। यह कर्म परिवार में सुख-शांति और पितृ दोष से मुक्ति दिलाता है।

सूर्यास्त के बाद करें तुलसी पूजन

शाम के समय तुलसी के समीप दीपक जलाना अत्यंत शुभ होता है। तुलसी देवी को विष्णु प्रिया कहा गया है, अतः इस दिन विष्णु जी की पूजा के साथ तुलसी पूजन भी करना चाहिए।

भगवान विष्णु और महालक्ष्मी का अभिषेक

इस शुभ तिथि पर भगवान विष्णु और देवी महालक्ष्मी का दक्षिणावर्ती शंख से केसर मिश्रित दूध द्वारा अभिषेक करें। इसके बाद शुद्ध जल से स्नान, फूलों से श्रृंगार, चंदन तिलक और तुलसी सहित मिठाई का भोग लगाएं। “ऊँ नमो भगवते वासुदेवाय” मंत्र का जप इस दिन अत्यंत प्रभावशाली होता है।

गुरु ग्रह और शिव पूजन

इस दिन गुरु ग्रह की शांति के लिए शिवलिंग की पूजा करें। बिल्वपत्र, धतूरा और पीले फूल अर्पित करें। बेसन के लड्डू का भोग विशेष फलदायी माना गया है। यह पूजा ज्ञान, संतान सुख और करियर में सफलता प्रदान करती है।

पूर्णिमा पर दान-पुण्य करने का है विशेष महत्व

वैशाख पूर्णिमा पर दान का विशेष महत्व बताया गया है। जरूरतमंदों को अन्न, धन, वस्त्र, छाता, जूते-चप्पल का दान करें। गौशाला में जाकर गायों को हरा चारा खिलाएं। इस दिन किया गया दान कई गुना फल देता है और जीवन में समृद्धि लाता है।

बुद्ध पूर्णिमा केवल एक धार्मिक दिन नहीं, बल्कि आत्मिक उन्नति, पितृ तृप्ति, दान-पुण्य और पर्यावरण पूजन का शुभ योग है। ये तिथि हमें जीवन में धैर्य, संयम, और श्रद्धा के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है।

खबरें और भी हैं…
Share This Article
Leave a comment

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *