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53 मिनट पहलेलेखक: आशीष तिवारी
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पीवीआर आईनॉक्स ने मैडॉक फिल्मस के खिलाफ 60 करोड़ रुपए का मुकदमा दायर किया है। मैडॉक फिल्मस ने भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण हालात का हवाला देकर फिल्म ‘भूल चुक माफ’ को सिनेमाघरों के बजाए ओटीटी पर रिलीज करने का फैसला किया था।
अब पीवीआर आईनॉक्स प्रोडक्शन हाउस के इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट पहुंच गया है। उन्होंने ओटीटी रिलीज पर रोक लगाने की मांग की है। मैडॉक पर थिएट्रिकल एग्रीमेंट का उल्लंघन करने का गंभीर आरोप लगाया है।

फिल्म क्रिटिक सुमित कडेल ने दैनिक भास्कर से बातचीत में पूरे मामले की जानकारी दी है। सुमित ने कहा- ‘देखिए, दो दिन पहले जब ये खबर आई थी कि फिल्म ओटीटी पर रिलीज होगी, मैंने तब भी ट्वीट किया था। लेकिन फिल्म की एडवांस सेल बहुत ज्यादा खराब थी। मैडॉक की घोषणा के बाद भी आईनॉक्स ने गुरुवार तक फिल्म की एडवांस बुकिंग ओपन रखी थी। आईनॉक्स पीवीआर और सिनेपॉलिस ने मात्र चार हजार टिकटें बेची थीं। उनके अनुसार फिल्म की ओपनिंग ज्यादा से ज्यादा दो-तीन करोड़ होती। आखिरी समय में एडवांस बुकिंग ओपन होने के बाद मैडॉक ने फिल्म को पोस्टपोन किया, जो कि बहुत गलत है।
मैडॉक ने पीवीआर आईनॉक्स और अपनी बाकी एग्जीबिटर्स पार्टनर को बताया तक नहीं इसलिए आईनॉक्स ने केस किया है। ये बिल्कुल जायज है। थियेटर रिलीज को लेकर कॉन्ट्रैक्ट साइन किया जाता है, आप कॉन्ट्रैक्ट को तोड़ नहीं सकते हैं। मैडॉक को अपनी मल्टीप्लेक्स को कॉन्फिडेंस में लेकर उन्हें पूरी बात बतानी चाहिए थी। वो कह सकते थे कि हम ओटीटी पर ना लेकर दो हफ्ते बाद या जब हालात सुधरेंगे तब थियेटर में लाएंगे। फिल्म को सीधे ओटीटी पर लाना बताता है कि उनकी नीयत कुछ और थी। जो स्टेटमेंट दिया है वो कुछ और है।’

फिल्म क्रिटिक सुमित कडेल।
नेशनल सेंटीमेंट का इस्तेमाल करना गलत है
सुमित कहते हैं- मैडॉक की जो फिल्में आती हैं, उसमे पीवीआर आईनॉक्स ऑफिशियल पार्टनर रह चुका है। आईनॉक्स के डायरेक्टर अजय बिजली और मैडॉक के दिनेश विजन ने WAVES 2025 में स्टेज भी शेयर किया था। वो आपके पार्टनर हैं और तब जब ऐसा होगा तो आगे जो फिल्में आएंगी, वो भी ऐसा करेंगी। ये पूरा मामला ही ब्रीच ऑफ कॉन्ट्रैक्ट का है। पूरे मामले में घालमेल दिख रहा है और इससे भी ज्यादा बुरा है कि आपने नेशनल सेंटीमेंट का इस्तेमाल किया।
अगर ऐसा था, तब पहलगाम अटैक के बाद आपने फिल्म का प्रमोशन क्यों किया? पहलगाम अटैक के बाद लगातार 14 दिनों तक इन्होंने फिल्म का प्रमोशन किया है। फिल्म के स्टार कास्ट लगातार इंटरव्यू दे रहे थे, डांस कर रहे थे। इनके लिए सब कुछ नॉर्मल था। आपको एडवांस बुकिंग नहीं खोलनी चाहिए थी। जब एडवांस बुकिंग खराब हो गई फिर आपने फिल्म को थियेटर में रिलीज करने से पोस्टपोन कर दिया।

अपना रिकॉर्ड सुधारने के लिए मॉक ड्रिल का बहाना
दैनिक भास्कर से बातचीत के दौरान सुमित ने कुछ जरूरी सवाल भी खड़े किए हैं। उन्होंने कहा-मैडॉक ने भारत-पाकिस्तान का बहाना बनाया है। ऑपरेशन सिंदूर 7 मई को हुआ था। आपकी फिल्म 9 मई रिलीज हो रही थी। आपने सात मई को ही क्यों नहीं अनाउंस किया? आपने फिल्म रिलीज के 12 घंटे पहले बिना पार्टनर को बताए खुद फैसला कर लिया। पीवीआर आईनॉक्स में शो लिस्टिंग हो चुकी थी। सीधे तौर पर कहें तो इन्हें अपना ट्रैक रिकॉर्ड सुधारना था। इनकी फिल्म ‘स्काई फोर्स’ के कलेक्शन का सच पूरी इंडस्ट्री जानती है। ‘छावा’ के समय भी ऐसा हुआ था। मैडॉक को लगा कि अगर तीसरी फिल्म भी फ्लॉप हो जाएगी तो ट्रैक रिकॉर्ड खराब हो जाएगा इसलिए इसे ओटीटी पर लाते हैं।
मैडॉक के पास पूरा अधिकार है कि वो अपने प्रोडक्ट को ओटीटी पर रिलीज करें। लेकिन उससे पहले उन्हें अपने मल्टीप्लेक्स और बाकी पार्टनर को कॉन्फिडेंस में लेना चाहिए था। मुझे ये भी सुनने में आया कि दिल्ली में फिल्म की स्क्रीनिंग हुई थी। आपने स्क्रीनिंग, प्रमोशन, एडवांस बुकिंग वो सारे काम किए हैं, जो एक फिल्म के रिलीज से पहले होती है। अब आप मॉक ड्रिल का बहाना बना रहे हैं।
नुकसान नहीं एग्रीमेंट तोड़ने के खिलाफ पहुंचा कोर्ट
भास्कर के सूत्रों के मुताबिक, पीवीआर आईनैक्स बनाम मैडॉक मामला 9 मई को बॉम्बे हाईकोर्ट पहुंचा था। मैडॉक पर आरोप है कि उन्होंने बिना बताए 16 मई को ओटीटी पर रिलीज की घोषणा की है। इस वजह से पीवीआर आईनॉक्स डिजिटल रिलीज को रोकने के लिए हाईकोर्ट पहुंचा है। ऐसे में अब सवाल उठा रहा है कि अगर फिल्म को ओटीटी रिलीज ही करना था तो थिएट्रेकिल एग्रीमेंट और प्रमोशन की क्या जरूरत थी।
बता दें कि राजकुमार राव और वामिका गब्बी की फिल्म ‘भूल चूक माफ’ पहले 9 मई को सिनेमाघरों में रिलीज होने वाली थी। लेकिन मैडॉक ने अचानक इसे थियेटर के बजाए ओटीटी प्लेटफॉर्म पर रिलीज करने का फैसला किया है।