44 मिनट पहले
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कर्नल सोफिया कुरैशी ऑपरेशन सिंदूर के बाद से चर्चा में हैं। 7 मई को कर्नल कुरैशी ने विंग कमांडर व्योमिका सिंह के साथ मिलकर ऑपरेशन सिंदूर को लेकर प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी। अब कर्नल सोफिया की जुड़वां बहन डॉ. शाइना सुन्सारा की भी बात हो रही है। शाइना के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर अच्छी संख्या में फॉलोअर्स हैं। जहां एक ओर सोफिया ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान देश को गर्वित किया, वहीं शाइना ने भी अपनी मेहनत और जज्बे से बहुत कुछ हासिल किया है।
शाइना और सोफिया दोनों का जन्म एक आर्मी फैमिली में हुआ था। उनके पिता ने 1971 के बांग्लादेश युद्ध में भाग लिया था और उनके दादा और परदादा भी सेना में थे। उनके चाचा सीमा सुरक्षा बल (BSF) में सेवा कर चुके थे और दादी अक्सर अपने पूर्वजों के बारे में सुनाया करती थीं जिन्होंने 1857 की क्रांति में रानी झांसी के साथ भाग लिया था। ऐसे में, सोफिया ने भारतीय सेना में अपनी जगह बनाई और कर्नल पद पर पहुंची, जबकि शाइना का रास्ता कुछ अलग था।
शाइना ने कई क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई सोफिया की बहन शाइना ने कई अलग-अलग क्षेत्रों में अपनी पहचान बनाई। वह एक अर्थशास्त्री, पर्यावरणविद, फैशन डिजाइनर, पूर्व सेना कैडेट, और गोल्ड मेडलिस्ट राइफल शूटिंग खिलाड़ी हैं। उन्हें भारत के राष्ट्रपति द्वारा गोल्ड मेडल से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा शाइना ने कई ब्यूटी पेजेंट्स में भी भाग लिया और मिस गुजरात, मिस इंडिया अर्थ 2017 और मिस यूनाइटेड नेशंस 2018 जैसे टाइटल जीते हैं। वह इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर बहुत काफी एक्टिव हैं। इंस्टाग्राम पर उनके 28 हजार से ज्यादा फॉलोअर्स हैं।

साथ ही उन्होंने गुजरात में 100,000 पेड़ लगाने की योजना बनाई, जिसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सराहा गया। इसके अलावा, शाइना को 2018 में दादासाहेब फाल्के अवॉर्ड भी मिला। हालांकि, शाइना ने सेना में सेवा नहीं दी, लेकिन उनके जीवन का उद्देश्य देश की सेवा का ही रहा है।

बचपन से ही शाइना को फैशन डिजाइन का शौक था हाल ही में रेडियो सिटी के साथ एक इंटरव्यू में शाइना ने अपने बचपन के सपनों के बारे में बताया। बचपन से ही शाइना को फैशन डिजाइन का बहुत शौक था। अपने स्कूल के दिनों में शाइना ने एक बार अपनी मां की साड़ी को काटकर एक ड्रेस डिजाइन की थी।

शाइना अपनी बहन कर्नल सोफिया कुरैशी पर गर्व महसूस करती हैं और उनका मानना है कि सोफिया ने जो किया, वह सिर्फ परिवार का नहीं, बल्कि देश का भी गौरव है। शाइना का कहना है कि जब उन्होंने अपनी बहन को ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस में बोलते देखा, तो उन्हें ऐसा लगा जैसे रानी झांसी की वीरता की भावना फिर से जीवित हो उठी हो।