Are you your mother’s shadow? | क्या आप अपनी मां की परछाई हैं?: आपके किस अंदाज में झलकता है मां का अंदाज, सिर्फ 5 सवाल के जवाब देकर खुद जानें

Actionpunjab
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मुंबई52 मिनट पहले

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मां की भूमिका, त्याग और समर्पण को सम्मानित करने के लिए हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है। - Dainik Bhaskar

मां की भूमिका, त्याग और समर्पण को सम्मानित करने के लिए हर साल मई महीने के दूसरे रविवार को मदर्स डे मनाया जाता है।

दुनिया में सबसे अनमोल और खास रिश्ता मां और बच्चे का होता है। यह ऐसा रिश्ता है, जो जन्म से पहले ही बन जाता है और जीवनभर साथ रहता है। बच्चे के जीवन में मां का रोल बेहद अहम होता है। क्योंकि, वह जीवन में पहली सीख मां से ही लेता है। इसीलिए कहीं न कहीं हमारे हर अंदाज में मां का अंदाज झलकता है।

तो आइए, आज मदर्स डे के मौके पर एक क्विज से पता करते हैं कि क्या आप मां की परछाई हैं?

इस क्विज में 5 प्रश्न हैं और हरेक के तीन-तीन ऑप्शंस हैं। इन ऑप्शंस के आधार पर आप खुद को स्कोर दें।

(अ) के लिए 5, (ब) के लिए 3 और (स) के लिए 2 अंक दें।

आपके अंक… ▶ 21 से 25 के बीच हैं तो… आप मां की जीती-जागती परछाई हैं। हर भाव, हर अंदाज में वही अपनापन। ▶ 11 से 20 के बीच हैं तो… आपमें मां की झलक बहुत है और आप उनसे गहराई से जुड़े हुए हैं। ▶ और यदि 10 से कम हैं तो… आपमें मां की हल्की सी परछाई है। यह धीरे-धीरे और मजबूत हो सकती है।

आइए, अब हम क्विज के प्रश्नों पर चलते हैं… 1. क्या आपकी आंखें मां जैसी हैं? अ) हां, सब कहते हैं– तुम्हारी आंखें मां जैसी हैं। ब) कुछ लोग कहते हैं आंखों में मां की झलक है। स) नहीं, आंखें अलग हैं।

2. क्या आपकी मुस्कान मां जैसी है? अ) लोग कहते हैं– जब भी हंसता/हंसती हूं, तो मां का अक्स झलकता है। ब) कुछ हद तक लगता है– मुस्कान मां जैसी है। स) मेरी मुस्कान अलग है।

3. जब आप रिएक्ट करते हैं, तो मां जैसा महसूस होता है? अ) हां, अक्सर लोग कहते हैं– तुम मां की तरह रिएक्ट करते/करती हो। ब) कभी-कभी ऐसा लगता है, दुख या खुशी में। स) मेरी अभिव्यक्ति अलग है।

4. क्या आपके बोलने के तरीके में मां का अंदाज झलकता है? अ) हां, लोग कहते हैं– तुम्हारी आवाज का टोन, पिच व तरीका मां जैसा है। ब) कुछ लहजा और कुछ शब्द मिलते हैं। स) नहीं, मेरा अंदाज अलग है।

5. आपके हावभाव, आत्मविश्वास मां की याद दिलाते हैं? अ) हां, लगता है जैसे उनके ही कदमों की छाप पर चल रहा/रही हूं। ब) कुछ-कुछ उनका अंदाज लगता है। स) नहीं, मेरे हावभाव अलग हैं।

भास्कर एक्सपर्ट- डॉक्टर राधिका गाद क्लीनिकल साइकोलॉजिस्ट, कोकिला बेन हॉस्पिटल, मुंबई

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