Pakistan India War Briefing Update; PAK Army | Bunyan Al Marsus | पाकिस्तानी सेना का दावा- युद्धविराम की मांग भारत ने की: कश्मीर मुद्दे के हल के बिना दोनों देशों के बीच शांति संभव नहीं

Actionpunjab
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इस्लामाबाद2 मिनट पहले

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भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर के दूसरे दिन पाकिस्तानी सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इसमें सेना के प्रवक्ता अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी युद्धविराम की मांग नहीं की। भारतीयों ने युद्ध विराम की मांग की थी।

उन्होंने ये भी कहा कि जब तक कश्मीर मुद्दे का हल नहीं हो जाता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच शांति संभव नहीं होगी। साथ ही उन्होंने इस बात की भी सफाई दी कि पाकिस्तान के पास कोई भारतीय पायलट हिरासत में नहीं है। यह सब सोशल मीडिया की अफवाहों का हिस्सा है।

चौधरी ने कहा कि पाकिस्तानी सेना ने देश से किए अपने वादे पूरे किए हैं। पाकिस्तानी सेना ने देश से तीन वादे किए थे- हम भारतीय हमले का माकूल जवाब देंगे, यह जवाब हमारी अपनी चुनी हुई जगह, वक्त और तरीके से होगा, और जब हम भारत पर हमला करेंगे, तो पूरी दुनिया को पता चलेगा।

चौधरी ने दावा किया कि उनकी सेना ने भारत में 26 मिलिट्री ठिकानों को निशाना बनाया। इनमें सूरतगढ़, सिरसा, आदमपुर, भुज, नलिया, भठिंडा, बरनाला, हरवाड़ा, अवंतीपुरा, श्रीनगर, जम्मू, मामून, अंबाला, उदमपुर और पठानपुर में एयर पोर्ट और एयरफोर्स के ठिकाने शामिल हैं।

इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तान एयरफोर्स (PAF) के डायरेक्टर जनरल पब्लिक रिलेशंस एयर वाइस मार्शल औरंगजेब अहमद और नेवी के डिप्टी चीफ ऑफ ऑपरेशंस वाइस एडमिरल राजा राब नवाज भी मौजूद थे।

पढ़िए प्रेस कॉन्फ्रेंस में पाकिस्तानी सैन्य अधिकारियों के बड़े दावे…

1. हमने भारत की ब्रह्मोस फैसिलिटी पर हमला किया

अहमद शरीफ चौधरी ने दावा किया कि जिन ब्रह्मोस फैसिलिटी से पाकिस्तान पर हमला किया गया था, उन्हें भी तबाह कर दिया गया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान की आर्मी, एयरफोर्स और नेवी ने तालमेल से शानदार प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि तीनों सेनाओं और साइबर तालमेल ने हमले को सटीक और तेज बनाया।

पाकिस्तान सेना की फतह मिसाइल F1 और F2, वायुसेना के सटीक हथियारों, लंबी दूरी के घातक लॉइटरिंग हथियारों और सटीक लंबी दूरी की तोपों का इस्तेमाल किया गया।

2. भारत ने ड्रोन भेजकर लोगों को डराने की कोशिश की

चौधरी ने कहा कि भारत ने ड्रोन का इस्तेमाल करके पाकिस्तानी हवाई क्षेत्र का उल्लंघन किया और आम नागरिकों को डराने के इरादे से दहशत फैलाने की कोशिश की। उन्होंने बताया, ‘ऑपरेशन बुनयान-उल-मर्सूस के दौरान दर्जनों पाकिस्तानी सशस्त्र ड्रोन भारत के बड़े शहरों और नई दिल्ली समेत कई संवेदनशील राजनीतिक व सरकारी ठिकानों के ऊपर मंडराते रहे।’

सैन्य प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान की सशस्त्र सेनाओं ने एक व्यापक और असरदार साइबर हमला भी किया। इससे भारत की उन अहम व्यवस्थाओं और ढांचों को अस्थायी रूप से नुकसान पहुंचाया गया जो उसकी सेना की युद्ध गतिविधियों को बनाए रखने में मदद कर रहे थे।

3. भारत की तरफ से आतंकवाद का सामना करना पड़ा

चौधरी ने कहा कि पूर्वी मोर्चे पर मिलिट्री ऑपरेशन के दौरान पाकिस्तान को भारत की तरफ से स्पॉन्सर आतंकवाद का भी सामना करना पड़ा। यह साबित करता है कि भारत पाकिस्तान में आतंकवाद को बढ़ावा देने में सीधे तौर पर शामिल हैं।

पाकिस्तान सेना ने भारत के खिलाफ कार्रवाई करने के साथ साथ पश्चिमी इलाके (बलूचिस्तान) में बिना रुके आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन चलाया।

चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी भी आम लोगों को निशाना नहीं बनाया क्योंकि हमारा धर्म और संस्कृति हमें इसकी इजाजत नहीं देती है। हम कभी भी आम लोगों को निशाना नहीं बनाएंगे।

4. पाकिस्तान ने नहीं, भारत ने युद्धविराम की अपील की थी

अहमद शरीफ चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान ने कभी युद्धविराम की मांग नहीं की। भारतीयों ने युद्ध विराम की मांग की थी। हमने साफ जवाब दे दिया था कि तब तक कोई बात नहीं करेंगे, जब तक हम भारतीय हमले का जवाब नहीं दे देते।

इसलिए 10 मई को, हमारी जवाबी कार्रवाई पूरी होने के बाद और अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थों की अपील पर हमने भारत की और से की गई मांग का जवाब दिया। जब तक कश्मीर मुद्दे का हल नहीं हो जाता, तब तक भारत और पाकिस्तान के बीच शांति संभव नहीं होगी।

चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान के पास कोई भारतीय पायलट हिरासत में नहीं है। यह सब सोशल मीडिया की अफवाहों का हिस्सा है।

5. दो न्यूक्लियर पावर के बीच संघर्ष ठीक नहीं

पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता अहमद चौधरी ने कहा कि दो न्यूक्लियर पावर के बीच संघर्ष एक मूर्खता है। भारत और पाकिस्तान के मामले में, ऐसा संघर्ष 1.6 अरब से ज्यादा लोगों के लिए खतरनाक हो सकता है। हकीकत तो यह है कि भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध की कोई गुंजाइश नहीं है। लेकिन अगर कोई युद्ध का माहौल बनाने की कोशिश करता है, तो वह आपसी तबाही के हालात बना रहा है।

इसीलिए आपने देखा कि इस संघर्ष में पाकिस्तान ने बहुत जिम्मेदारी से काम किया। हमने सैनिकों के जरिए तनाव को कंट्रोल रखा, इसके साथ ही यह भी तय किया कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में लगे पाकिस्तानी सैनिकों पर एक्स्ट्रा प्रेशर न पड़े।

6. हमारे जहाज और सबमरीन पूरी तरह तैयार

वाइस एडमिरल रब नवाज ने कहा कि पाकिस्तानी नेवी अपने कई गुना ज्यादा शक्तिशाली दुश्मन को रोकने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि हम साल के हर दिन हमेशा तैयार रहते हैं। हमारे जहाज और पनडुब्बियां पूरी तरह तैयार हैं

कश्मीर में जब पहलगाम की घटना हुई थी, तो हमने तुंरत ही पाकिस्तानी की यूनिट्स और कोस्ट कमान यूनिट्स के ऑपरेशन की तैनाती की तैयारी कुछ ही घंटे में पूरी कर ली थी। हम समुद्र से किसी भी हमले को नाकाम करने के लिए तैयार थे।

7. हम INS विक्रांत पर पूरी नजर बनाए थे

वाइस एडमिरल रब नवाज ने कहा कि INS विक्रांत के कराची की ओर बढ़ने की काफी चर्चा थी। हम समुद्र में एक्टिविटी पर करीब से नजर रख रहे थे। 6 और 7 मई की रात को यह मुंबई के पास था और 9 मई को यह पाकिस्तानी तट से करीब 400 नॉटिकल मील दूर था, फिर यह मुंबई के करीब लौट गया।

उन्होंने कहा- अगर कोई एयरक्राफ्ट करियर 400 नॉटिकल मील के दायरे में आता है, तो हमारा काम आसान हो जाता है। अगर समुद्र से कोई एक्शन होता, तो हम दमदार तरीके से जवाब देने के लिए तैयार थे।

एक पेशेवर सैन्य अधिकारी के तौर पर मैं दुश्मन को कम नहीं आंकना चाहता, लेकिन कुछ चीजों को सही तरीके से देखें। विक्रांत 8-12 मिग-29 विमानों के साथ चलता है, जो उसके एयर डिफेंस के लिए पर्याप्त नहीं है। दुश्मन को समझ आ गया था कि हम पर समुद्र में हमला करने की कीमत क्या है, इसलिए उन्होंने ऐसा नहीं किया।

8. हमने भारतीय वायु सेना के कई एयरपोर्ट्स पर हमला किया

एयर वाइस मार्शल औरंगजेब ने कहा कि पाकिस्तान वायु सेना ने अपनी चुनी हुई जगह और वक्त पर जवाब दिया जो हमारे मजबूत संकल्प को दिखाता है। मुझे अपनी टॉप लीडरशिप की तारीफ करनी पड़ेगी, वो अपने फैसलों को लेकर पूरी तरह से क्लियर थे।

एयरफोर्स के पलटवार ने पाकिस्तान के डिफेंस को मजबूत किया। इसके पीछे का असली दिमाग एयर स्टाफ चीफ जहीर अहमद बाबर का था। जहीर अहमद बाबर ने हमें तीन काम करने को कहा था, पहला फिर से कंट्रोल हासिल करना, प्रमुख खतरे को न्यूट्रल करना और एयर स्पेस में कंट्रोल बनाए रखना।

हमारे पहले जवाबी हमले में हमने भारतीय वायु सेना राफेल विमानों को निशाना बनाया, जिसके बाद यह पूरा बेड़ा जमीन पर ठप हो गया। इसके बाद वे उड़ान नहीं भर सके, खासकर अपनी पश्चिमी बॉर्डर के पास।

उन्होंने पाकिस्तान के आम लोगों और इन्फ्रास्ट्रक्चर को निशाना बनाकर ड्रोन से हमला शुरू किया। लेकिन उनके सभी ड्रोन और यूएवी को हमारे रडार ने बॉर्डर में एंट्री करने से पहले ही पकड़ लिया।

एयरफोर्स, नेवी और आर्मी के एंटी ड्रोन सिस्टम ने दुश्मन के अमेरिकी ड्रोन से किए गए हमलों को जैमिंग और स्पूफिंग के जरिए बेकार कर दिया। सभी ड्रोन्स को स्वदेशी जैमिंग सिस्टम के जरिए पकड़ा गया।

PM शहबाज शरीफ ने कहा था- हमने भारत को जवाब दिया

पाकिस्तानी PM शहबाज ने कल देश को संबोधित करते हुए दावा किया था कि भारत ने हमला करके जो गलती की है उसका खामियाजा उसे जरूर भुगतना होगा। पिछली रात पूरी दुनिया ने देखा कि हमारी सेना ने अपने से कई गुना ताकतवर दुश्मन को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

उन्होंने दावा किया कि इतिहास हमेशा याद रखेगा कि पाकिस्तान की सेना और लड़ाकू विमानों ने कैसे कुछ ही घंटों में भारतीय सेना की तोपों को खामोश कर दिया। शरीफ ने भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष रुकवाने में अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रम्प का शुक्रिया अदा किया था।

PM शहबाज शरीफ ने शनिवार रात 11:30 बजे देश को संबोधित किया था।

PM शहबाज शरीफ ने शनिवार रात 11:30 बजे देश को संबोधित किया था।

भारत-पाकिस्तान में कल ही सीजफायर हुआ

भारत पाकिस्तान के बीच कल ही 4 दिन के संघर्ष के बाद सीजफायर हुआ। शनिवार शाम करीब 5:30 बजे सीजफायर का ऐलान होने के 3 घंटे बाद पाकिस्तान ने दावा किया कि भारत ने सीजफायर का उल्लंघन किया था। पाकिस्तान का कहना है कि पेशावर एयरपोर्ट के पास एयर डिफेंस सिस्टम ने भारतीय ड्रोन को मार गिराया था।

पेशावर में ड्रोन के नजर आते ही एयर डिफेंस सिस्टम एक्टिव कर दिया गया था। कुछ लोगों को एंटी एयरक्राफ्ट गन फायरिंग आवाज सुनाई दी थी।

पाकिस्तान बोला- हम सीजफायर को मानने के लिए प्रतिबद्ध

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने शनिवार को कहा था पाकिस्तान संघर्ष विराम का पालन करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। कुछ इलाकों में भारत सीजफायर का उल्लंघन कर रहा है, लेकिन हमारे सैनिक जिम्मेदारी और संयम के साथ स्थिति संभाल रहे हैं।

हमारा मानना है कि सीजफायर का क्रियान्वयन अधिकारी लेवल पर आपस में बातचीत करके किया जाना चाहिए। जबकि जंग के हालात में मौजूद सैनिकों को संयम बरतना चाहिए।

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