Pakistan Lashkar Terrorists Karachi Rally Video | PAK Army | पाकिस्तान सेना के समर्थन में जुटे हजारों आतंकी: 2 दिन पहले कराची में निकाली रैली; बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे खड़े होकर भारत विरोधी भाषण दिए

Actionpunjab
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इस्लामाबाद8 घंटे पहले

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पाकिस्तान के कराची में 12 मई को कट्टरपंथी मजहबी नेताओं ने भारत के लिए चलाए गए ऑपरेशन को लेकर भड़काऊ बयानबाजी की। - Dainik Bhaskar

पाकिस्तान के कराची में 12 मई को कट्टरपंथी मजहबी नेताओं ने भारत के लिए चलाए गए ऑपरेशन को लेकर भड़काऊ बयानबाजी की।

कराची में 12 मई को हजारों कट्‌टरपंथी नेताओं और आतंकवादियों ने पाकिस्तान सेना के समर्थन में रैली की। इस रैली में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) और अहले सुन्नत वल जमात शामिल थे। दोनों ही अंतरराष्ट्रीय स्तर पर आतंकवादी संगठन घोषित हैं।

ऑपरेशन बनयान-उन-मर्सूस का जश्न मनाते हुए रैली में आतंकियों और कट्‌टरपंथी नेताओं ने बुलेटप्रूफ ग्लास के पीछे खड़े होकर भारत विरोधी भाषण दिए।

पाकिस्तान की दिफा-ए-वतन काउंसिल (DWC) की दिफा-ए-वतन रैली का आयोजन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने किया था।

यह रैली भारतीय सेना के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन का जश्न मनाने के लिए निकाली गई थी।

यह रैली भारतीय सेना के खिलाफ पाकिस्तानी सेना के ऑपरेशन का जश्न मनाने के लिए निकाली गई थी।

दिफा-ए-वतन नाम की इस रैली का आयोजन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने किया था।

दिफा-ए-वतन नाम की इस रैली का आयोजन जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम-फजल (JUI-F) के प्रमुख मौलाना फजलुर रहमान ने किया था।

पाकिस्तान के कराची में दिफा-ए-वतन काउंसिल के तहत जमा हुए कट्टरपंथी नेताओं ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ की।

पाकिस्तान के कराची में दिफा-ए-वतन काउंसिल के तहत जमा हुए कट्टरपंथी नेताओं ने पाकिस्तानी सेना की तारीफ की।

यहां भारत विरोधी भाषण दिए गए और दोनों देशों के तनाव को धर्म से जोड़कर पेश किया गया।

यहां भारत विरोधी भाषण दिए गए और दोनों देशों के तनाव को धर्म से जोड़कर पेश किया गया।

इस रैली में प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा और अहल-ए-सुन्नत वल जमात के आतंकी शामिल हुए।

इस रैली में प्रतिबंधित समूह लश्कर-ए-तैयबा और अहल-ए-सुन्नत वल जमात के आतंकी शामिल हुए।

पाकिस्तान का धार्मिक और राजनीतिक संगठन है DWC

दिफा-ए-वतन काउंसिल (DWC) पाकिस्तान के धार्मिक और राजनीतिक संगठनों का गठबंधन है। इसका मकसद देश की रक्षा करना है।

इस रैली में कई कट्टरपंथी मौलाना भी शामिल भी शामिल हुए। इन्होंने भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी की और दोनों देशों के संघर्ष को धर्म से जोड़कर पेश किया।

पाकिस्तानी मुफ्ती बोले- हमारी सेना सेक्युलर नहीं है

कट्टरपंथी मुफ्ती तारिक मसूद ने कहा कि पाकिस्तान के गद्दार PAK आर्मी को सेक्युलर कहते हैं, जबकि हमारे दुश्मन हमारी आर्मी को मजहबी आर्मी कहते हैं। इस युद्ध को जीतने के बाद यह तय हो गया है कि हमारी सेना सेक्युलर नहीं है।

यह एक ऐसी सेना है जो शहादत (बलिदान) का जुनून रखती है और मजहब और इस्लाम के नाम पर, अल्लाह के नाम पर अपनी जान कुर्बान कर देती है।

राफेल और S-400 को तबाह करने का भी दावा किया

जमीयत उलेमा-ए-इस्लाम (सिंध) के महासचिव अल्लामा राशिद महमूद ने भारत को खुलेआम धमकी दी। उन्होंने कहा कि पाकिस्तानी आर्मी ने इजराइली ड्रोनों को गिराकर उसका घमंड चकनाचूर कर दिया।

फ्रांस के राफेल जेट को मार गिराया और रूस में बने S-400 डिफेंस सिस्टम को भी तबाह कर दिया। इससे रूस को भी पता चल गया है कि पाकिस्तान से पंगा लेने से पहले तुम्हें सौ बार सोचना चाहिए।

PAK सेना के अफसर-नेता आतंकी के जनाजे की नमाज पढ़ते दिखे थे

पाकिस्तान आर्मी और आतंकियों के बीच लंबे वक्त से गठजोड़ रहा है। भारत के ऑपरेशन सिंदूर के दौरान मारे गए पाकिस्तानी आतंकियों के जनाजे में वहां की सेना के सीनियर अफसर और नेता भी शामिल हुए थे। इसकी एक फुटेज भी सामने आई थी।

इस फुटेज में पाकिस्तानी नेता ओर अफसर, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर अब्दुल रऊफ के साथ जनाजे की नमाज पढ़ते दिख रहे थे। इनमें लेफ्टिनेंट जनरल फैयाज हुसैन, मेजर जनरल राव इमरान सरताज, मेजर जनरल मोहम्मद फुरकान शब्बीर, पंजाब पुलिस के IG डॉक्टर उस्मान अनवर और सांसद मलिक अहमद शामिल थे।

पाकिस्तानी नेता-अफसर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कमांडर अब्दुल रऊफ के साथ जनाजे की नमाज पढ़ते दिख रहे हैं।

पाकिस्तानी नेता-अफसर लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के कमांडर अब्दुल रऊफ के साथ जनाजे की नमाज पढ़ते दिख रहे हैं।

पहलगाम हमले के 15 दिन बाद भारत ने PAK पर एक्शन लिया था

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को आतंकियों ने धर्म पूछकर 26 टूरिस्ट की हत्या कर दी थी। महिलाओं और बच्चों के सामने पुरुषों को सिर और सीने में गोली मारी थी। घटना के दौरान प्रधानमंत्री मोदी सऊदी अरब में थे। वे दौरा बीच में ही छोड़कर देश लौटे और कैबिनेट की मीटिंग बुलाई।

पहलगाम घटना के 15 दिन बाद सेना ने पाकिस्तान और PoK में एयर स्ट्राइक की। 25 मिनट में 9 आतंकी ठिकाने तबाह कर दिए थे। 100 से ज्यादा आतंकियों को ढेर कर दिया।

ट्रम्प ने 10 मई को दी थी सीजफायर की जानकारी

भारत और पाकिस्तान की बीच 7 मई को रात 1:05 मिनट पर सीधा टकराव शुरू हुआ था। भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर के तहत पाकिस्तान में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया था।

जिसके बाद दोनों देशों में 4 दिन तक संघर्ष चला, जिसके बाद ट्रम्प ने 10 मई को शाम करीब 5:30 बजे सोशल मीडिया पोस्ट के जरिए दोनों देशों में सीजफायर की जानकारी दी थी।

अहले सुन्नत वल जमात को 2012 में बैन किया गया अहले सुन्नत वल जमात पाकिस्तान में बरेलवी आंदोलन से जुड़ा हुआ है। यह संगठन जमीयत उलेमा-ए-पाकिस्तान जैसे राजनीतिक दलों से भी जुड़ा है। इसे पहले सिपाह-ए-सहाबा पाकिस्तान नाम से जाना जाता था। 2002 में पाकिस्तान सरकार ने इस आतंकी संगठन घोषित कर दिया थी।

2003 में इसने नाम बदलकर अहले सुन्नत वल जमात कर लिया गया, लेकिन इसे 2012 में फिर से बैन कर दिया गया।

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