गोविंद गुरु जनजातीय विश्वविद्यालय में सुरक्षा बंदोबस्त के तहत निगरानी के लिए सीसीटीवी कैमरे लगाने की कवायद तीन साल बाद भी अधूरी है। यहां पहले फेज में लगाए कई कैमरों की तीसरी आंख मानो मोतियाबिंद की शिकार है, तो दूसरे फेज का काम आधा पसरा है। बड़े आयोजन
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पुरानों के रखरखाव की मियाद बीती
दो साल तक रखरखाव का जिमा फर्म का था। उसने देखरेख की, लेकिन भुगतान सबंधी अड़चनों के बीच दो साल पूरे होते ही हाथ खींच लिए। अब कुछ कैमरे नाकारा हो गए। राज्यपाल के दौरे से पहले यहां कैमरों से कनेक्डेट कंट्रोल रूम का एनवीआर ही बिगड़ गया। कैमरे काम नहीं करने और डेटा सेव नहीं होने पर तत्काल दूसरी फर्म से एनवीआर जुटाकर लगाया, वहीं महत्वपूर्ण जगह के खराब कैमरे दुरुस्त करवाए। बाकी खराब कैमरो की सार-सभाल भी नहीं हो रही।
फर्म ने रोका काम
प्रशासनिक भवन, परीक्षा नियंत्रक कार्यालय, छात्रावासों सहित अन्य जगह वर्ष 2022 में कैमरे 60 कैमरे लगाए गए। प्रशासनिक भवन के एक कमरे में बाकायदा कंट्रोल रूम बनाया। जब कुछ और महत्वपूर्ण स्थान छूट गए, तो दूसरे फेज में 21 जगह चिह्नित की गई, लेकिन कैमरे 11 ही लगाए। जानकारी में आया कि पहले दौर में भुगतान देरी से होने पर फर्म ने अगले फेज में समय पर भुगतान नहीं होने पर शेष कैमरे लगाए ही नहीं।
इनका कहना है
फर्म के बिल भुगतान की समस्या दूर करते हुए सीसीटीवी कैमरे लगाना सुनिश्चित करेंगे।
प्रो मनोज पंड्या,मीडिया प्रभारी, जीजीटीयू