लखनऊ में मोहनलालगंज हिरकंशगढ़ी के पास किसान पथ पर चलती स्लीपर एसी बस में आग लगने के सही कारणों का पता अभी तक नहीं लग सका है। पुलिस ने इसके लिए बस को परिवाहन विभाग की कार्यशाला में टेक्निकल जांच के लिए भेजा है। दूसरी तरफ चालक और परिचालक की तलाश में एक
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बस चालक और परिचालक की हुई पहचान

लोगों ने बस से कूद कर बचाई थी जान।
मोहनलालगंज पुलिस के मुताबिक बस चालक की पहचान रामशंकर यादव और परिचालक की नीरज के रूप में हुई है। जिनकी तलाश में पुलिस की एक टीम बिहार में दबिश दे रही है। एसीपी मोहनलालगंज रजनीश वर्मा के मुताबिक इस पूरे मामले की जांच पड़ताल और आरोपियों की तलाश के लिए दो टीमें गठित की गई हैं। एक टीम बेगूसराय और दूसरी दिल्ली में चालक डेरा डाले है। सर्विलांस की मदद से चालक और परिचालक के बारे में पता लगाया जा रहा है। पुलिस ने आरोपियों के कुछ करीबियों से भी पूछताछ की है। घटना के बाद से ही दोनों के मोबाइल फोन बंद हैं। आरोपियों के पकड़े जाने और बस के टेक्निकल जांच के बाद आग लगने का कारण पता चल सकेगा।
गुरुवार सुबह बस में आग लगने से पांच लोगों की हुई थी मौत गुरुवार सुबह 4:45 बजे बस के इंजन में स्पार्किंग हुई और धुआं निकलने लगा इसके बाद अचानक आग लग गई। उस समय अधिकतर यात्री सो रहे थे। शोर सुनकर लोग जागे और बाहर की ओर भागने लगे। रास्ता संकरा होने के कारण पीछे वाले यात्री फंस गए। बस का इमरजेंसी एग्जिट भी नहीं खुला। आग लगने के बाद ड्राइवर और कंडक्टर मौके से भाग निकले थे। आग से बिहार सीतामढ़ी निवासी राम बालक के बच्चे देवराज (4) और बेटी साक्षी (2), समस्तीपुर निवासी वृद्ध अशोक की बेटी सोनी (26) और पत्नी लख्खी देवी (60) और मधुसूदन (26) की जिंदा जलकर मौत हो गई थी। मोहनलालगंज थाने में बिहार के सीतामढ़ी निवासी राम बालक ने बस के चालक, परिचालक और ट्रेवेल पॉइंट एजेंसी के मालिक के खिलाफ गैर इरादतन हत्या का केस दर्ज कराया था।25 बस सीज, नौ बस मालिकों के खिलाफ कार्रवाई
डग्गामार बसों के खिलाफ चला अभियान किसान पथ पर हादसे के बाद शुक्रवार को ट्रैफिक पुलिस ने परिवहन विभाग के साथ मिलकर डग्गामार और अवैध रूप से चल रही बसों के खिलाफ अभियान चलाया। डीसीपी ट्रैफिक कमलेश दीक्षित ने बताया कि अभियान पालिटेक्निक, कमता, बारा बिरवा और कानपुररोड पर चलाया गया है। इस दौरान 25 बसों को सीज किया गया और नौ बस मालिकों के खिलाफ चालान की कार्रवाई की गई है।