भारतीय सेना की अधिकारी कर्नल सोफिया कुरैशी पर विवादित बयान देकर मुसीबत में फंसे मध्यप्रदेश के जनजातीय कार्य मंत्री कुंवर विजय शाह के मामले में आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। शाह ने अपने खिलाफ 14 मई को मध्यप्रदेश हाईकोर्ट की ओर से दिए गए एफआईआर के
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सुप्रीम कोर्ट ने विजय शाह की याचिका पर 16 मई को सुनवाई की थी। इसमें अगली सुनवाई की तारीख 19 मई तय की गई थी।

विजय शाह ने कर्नल सोफिया को लेकर ये कहा था मंत्री विजय शाह ने 11 मई को इंदौर के महू के रायकुंडा गांव में आयोजित हलमा कार्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को लेकर कहा था, ‘उन्होंने कपड़े उतार-उतार कर हमारे हिंदुओं को मारा और मोदी जी ने उनकी बहन को उनकी ऐसी की तैसी करने उनके घर भेजा। अब मोदी जी कपड़े तो उतार नहीं सकते। इसलिए उनकी समाज की बहन को भेजा कि तुमने हमारी बहनों को विधवा किया है तो तुम्हारे समाज की बहन आकर तुम्हें नंगा करके छोड़ेगी। देश का मान-सम्मान और हमारी बहनों के सुहाग का बदला तुम्हारी जाति, समाज की बहनों को पाकिस्तान भेजकर ले सकते हैं।’
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद कर्नल सोफिया कुरैशी, विंग कमांडर व्योमिका सिंह और विदेश विभाग के सचिव विक्रम मिसरी प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ऑपरेशन और अन्य जानकारियां दे रहे थे।

मंत्री विजय शाह ने इंदौर जिले की महू विधानसभा क्षेत्र के रायकुंडा गांव में बयान दिया था।
हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था, FIR के आदेश दिए मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी को आतंकियों की बहन बताया था। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 14 मई को इस मामले में स्वत: संज्ञान लेते हुए प्रदेश के डीजीपी को मंत्री शाह पर एफआईआर के निर्देश दिए थे। जबलपुर हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की बेंच ने मंत्री विजय शाह की भाषा को गटर जैसी बताया था।

FIR की भाषा से हाईकोर्ट नाराज, कहा-अब पुलिस जांच हमारी निगरानी में होगी मंत्री के विवादित बयान पर दर्ज FIR की भाषा पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई थी। हाईकोर्ट के जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस अनुराधा शुक्ला की डिवीजन बेंच ने 15 मई को मंत्री विजय शाह के खिलाफ FIR को सिर्फ खानापूर्ति बताया था।
हाईकोर्ट ने कहा था कि अब इस मामले में पुलिस जांच की निगरानी कोर्ट करेगी। जांच किसी दबाव में प्रभावित न हो इसलिए ऐसा करना जरूरी है। चार पन्नों के आदेश में हाईकोर्ट ने मंत्री विजय शाह को लेकर तल्ख टिप्पणियां की थीं।
हाईकोर्ट ने कहा था- मंत्री को फायदा पहुंचाने की कोशिश की गई
- एफआईआर को पूरी तरह से देखने पर संदिग्ध के कार्यों का एक भी उल्लेख नहीं मिला। जो उसके खिलाफ दर्ज किए गए अपराधों के तत्वों को संतुष्ट करता हो।
- एफआईआर में ऐसी गलतियां की गई हैं, जिसमें कि भविष्य में एफआईआर रद्द हो जाए। विजय शाह को फायदा पहुंचाने की इसमें कोशिश की गई है।
- कानूनी कार्रवाई के लिए एफआईआर में भौतिक विवरण की कमी पाई गई है। कमजोर एफआईआर करना राज्य की ओर से घोर छल-कपट दर्शा रहा है।
- भविष्य में हाईकोर्ट यह पता लगाने की कोशिश करेगी कि इस अनाड़ी प्रयास के लिए पुलिस विभाग में कौन जिम्मेदार है?
- हाईकोर्ट ने कहा कि छल-कपट को खत्म करने के लिए एफआईआर में हाईकोर्ट का पूरा आदेश जोड़ा जाए।
- अगर इसकी निगरानी नहीं की गई तो पुलिस निष्पक्ष जांच नहीं करेगी और फिर इसमें संशय पैदा होगा। मामले की जांच हाईकोर्ट अपनी निगरानी में रखेगी।

जानिए, गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में क्या हुआ था सुप्रीम कोर्ट ने मंत्री कुंवर विजय शाह के खिलाफ कर्नल सोफिया कुरैशी को “आतंकवादियों की बहन” कहने वाली टिप्पणी पर दर्ज FIR में फिलहाल हस्तक्षेप करने से इनकार करते हुए फटकार लगाई थी। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने शाह के खिलाफ स्वतः संज्ञान लेते हुए FIR दर्ज करने का निर्देश दिया था।
इसके खिलाफ शाह ने सीनियर एडवोकेट विभा मखीजा के जरिए ‘अर्जेंट हियरिंग’ याचिका लगाई थी। याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया (सीजेआई) बीआर गवई ने कहा-

राज्य के कैबिनेट मंत्री जैसे संवैधानिक पद पर बैठे व्यक्ति को बहुत सोच समझकर बोलना चाहिए। राज्य के मंत्री के रूप में उनके मुंह से निकला प्रत्येक शब्द जिम्मेदारी भरा होना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट की खंडपीठ को एडवोकेट माखीजा ने बताया कि शाह पर FIR पहले ही दर्ज हो चुकी है। मखीजा ने जोर देकर कहा कि शाह के बयान को व्यापक रूप से गलत समझा गया है। उन्होंने कहा कि मीडिया ने बयान को संदर्भ के बाहर ले लिया है। इस मामले में शाह माफी मांग चुके हैं।
क्योंकि शाह ने मामले में सुनवाई होने तक कोई दंडात्मक कदम नहीं उठाने की मांग की, इसलिए जस्टिस एजी मसीह की पीठ ने उन्हें हाईकोर्ट जाने का निर्देश दिया। खंडपीठ ने कहा, “जाओ और हाईकोर्ट में आवेदन करो। हम कल इस पर सुनवाई करेंगे।” इस सबके बीच सुप्रीम कोर्ट ने मामले में कोई अंतरिम आदेश पारित करने से इनकार कर दिया था।

बिहार के मुजफ्फरपुर की अदालत में 26 मई को होगी सुनवाई बिहार के मुजफ्फरपुर की अदालत में भी विजय शाह के खिलाफ परिवाद दर्ज किया गया है। जिसकी सुनवाई 26 मई को होगी। मंत्री विजय शाह द्वारा कर्नल सोफिया पर विवादित टिप्पणी पर मुजफ्फरपुर के पक्की सराय निवासी सामाजिक कार्यकर्ता मोहम्मद मोजाहिद ताहिर उर्फ एम. राजू नैय्यर ने सीजेएम (पूर्वी) की कोर्ट में उनके खिलाफ केस दर्ज कराया है।
अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह का कहना है कि मंत्री ने कर्नल सोफिया कुरैशी को ‘आतंकियों की बहन’ कहकर अपमानित किया है। राजू नैय्यर ने अदालत से उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।
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कर्नल सोफिया कुरैशी को लेकर विवादास्पद टिप्पणी करने वाले मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है, लेकिन उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया जबकि शाह की इस हरकत का पूरे देश में विरोध हो रहा है। शाह से इस्तीफा लेने के बजाय पार्टी डैमेज कंट्रोल में लगी है। सवाल यह है कि मामले के इतना तूल पकड़ने के बाद भी आखिर शाह से बीजेपी इस्तीफा क्यों नहीं ले पाई? पूरी खबर पढ़ें…