Maharashtra government made CJI Gavai a permanent state guest | महाराष्ट्र सरकार ने CJI गवई को परमानेंट स्टेट गेस्ट बनाया: प्रोटोकॉल गाइडलाइन जारी की; चीफ जस्टिस को राज्य के चीफ सेक्रेटरी-DGP ने रिसीव नहीं किया था

Actionpunjab
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मुंबई52 मिनट पहले

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जस्टिस बीआर गवई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद 18 मई को को पहली बार मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने 14 मई को CJI का कार्यभार संभाला है। - Dainik Bhaskar

जस्टिस बीआर गवई चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद 18 मई को को पहली बार मुंबई पहुंचे थे। उन्होंने 14 मई को CJI का कार्यभार संभाला है।

महाराष्ट्र सरकार ने भारत के चीफ जस्टिस (CJI) की यात्रा के दौरान राज्य में आधिकारिक शिष्टाचार का पालन तय करने के लिए प्रोटोकॉल गाइडलाइन्स जारी की हैं। मंगलवार देर शाम जारी गाइडलाइन्स के तहत, CJI बी आर गवई को आधिकारिक तौर पर महाराष्ट्र में परमानेंट स्टेट गेस्ट का दर्जा दिया है।

जस्टिस बीआर गवई 14 मई को चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया बनने के बाद 18 मई को पहली बार महाराष्ट्र गए थे। हालांकि, मुंबई में उन्हें स्टेट चीफ सेक्रेटरी, DGP या मुंबई पुलिस कमिश्नर में से कोई भी रिसीव करने नहीं आए थे, जिसपर CJI गवई ने नाराजगी जाहिर की थी।

इस घटना के बाद महाराष्ट्र सरकार को काफी शर्मिंदगी उठानी पड़ी थी। सोमवार को राज्य के कैबिनेट मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि उन्होंने प्रोटोकॉल में चूक के लिए राज्य सरकार की ओर से CJI गवई से फोन पर माफी मांगी है।

स्टेट गेस्ट को एयरपोर्ट पर स्वागत-विदाई देने का नियम महाराष्ट्र स्टेट गेस्ट रूल्स, 2004 के अनुसार, स्टेट गेस्ट के तौर पर नामित या माने जाने वाले किसी पदाधिकारी को राज्य प्रोटोकॉल सब-डिवीजन की तरफ से एयरपोर्ट पर स्वागत और विदाई की व्यवस्था की जाती है। जिलों में कलेक्टर ऑफिस नामित प्रोटोकॉल अधिकारियों को रिसीव करने या छोड़ने की व्यवस्था करता है।

अब महाराष्ट्र में परमानेंट स्टेट गेस्ट के तौर पर नामित किए जाने के बाद CJI सभी प्रोटोकॉल-संबंधी सुविधाओं के हकदार होंगे। उन्हें राज्य के किसी भी हिस्से में अपनी यात्रा के दौरान आवास, गाड़ी की व्यवस्था और सुरक्षा दी जाएगी।

चीफ जस्टिस के मुंबई दौरे के दौरान चीफ सेक्रेटरी या उनके सीनियर प्रतिनिधि, DGP या सीनियर प्रतिनिधि उनका स्वागत करेंगे। किसी जिले के दौरे पर वहां के जिला कलेक्टर और पुलिस कमिश्नर या SP या उनके सीनियर अफसरों को CJI का स्वागत करने का निर्देश दिया गया है।

CJI ने कहा था- महाराष्ट्र के अफसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते मुंबई में 18 मई को महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल ने चीफ जस्टिस बीआर गवई का सम्मान समारोह रखा था। गवई इसी कार्यक्रम में पहुंचे थे। उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि जब किसी संस्था का प्रमुख पहली बार राज्य में आ रहा हो, खासकर जब वह भी उसी राज्य का हो, तो उन्हें खुद ही सोचना चाहिए कि जो व्यवहार किया गया वह सही था या नहीं।

CJI गवई ने कहा, ‘मैं ऐसे छोटे-मोटे मुद्दों पर बात नहीं करना चाहता, लेकिन मैं इस बात से निराश हूं कि महाराष्ट्र के बड़े अफसर प्रोटोकॉल का पालन नहीं करते। अगर भारत के चीफ जस्टिस पहली बार महाराष्ट्र आ रहे हैं तो ये उम्मीद की जाती है कि यहां के चीफ सेक्रेटरी, DGP और मुंबई के पुलिस कमिश्नर को मौजूद रहना चाहिए। ऐसा न करना सोचने पर मजबूर करता है।’

CJI बोले- तीनों स्तंभों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए स्पीच के दौरान CJI गवई अपने लिए लोगों का सम्मान और प्यार देखकर भावुक हो गए। उन्होंने कहा, ’14 मई को जब मैंने भारत के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली तो महाराष्ट्र ने मुझ पर बहुत प्यार बरसाया। पूरे राज्य से लोगों ने समारोह देखने की इच्छा व्यक्त की, लेकिन सीमाओं के कारण मैं सभी को शामिल नहीं कर सका।’

‘मैं सभी का बहुत आभारी हूं। मुझे जो प्यार और सम्मान मिला है, उससे मैं अभिभूत हूं। 40 साल से मुझे यह प्यार मिल रहा है। आज का समारोह अविस्मरणीय है। मैं अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के लिए शब्द नहीं ढूंढ पा रहा हूं।’ उन्होंने आगे कहा-

  • देश न केवल मजबूत हुआ है, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मोर्चों पर भी विकसित हुआ है और ऐसा करना जारी है।
  • देश का मूल ढांचा मजबूत है और संविधान के तीनों स्तंभ समान हैं। संविधान के सभी अंगों को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए।
  • न तो न्यायपालिका, न ही कार्यपालिका और संसद सर्वोच्च है, बल्कि भारत का संविधान सर्वोच्च है और तीनों अंगों को संविधान के अनुसार काम करना है।

चीफ जस्टिस गवई महाराष्ट्र-गोवा बार काउंसिल के कार्यक्रम के बाद मुंबई के दादर में डॉ. बी.आर. अंबेडकर के समाधि स्थल चैत्यभूमि पर श्रद्धांजलि देने गए। इस दौरान महाराष्ट्र के स्टेट चीफ सेक्रेटरी, DGP और मुंबई पुलिस कमिश्नर, तीनों वहां मौजूद दिखे थे। हालांकि, तब तक CJI की टिप्पणी मीडिया में आ चुकी थी।

मुंबई में हुए इवेंट की 2 तस्वीरें…

सम्मान समारोह में CJI की मां कमला गवई भी मौजूद रहीं।

सम्मान समारोह में CJI की मां कमला गवई भी मौजूद रहीं।

इवेंट में जस्टिस गवई के सुनाए गए 50 बड़े फैसलों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।

इवेंट में जस्टिस गवई के सुनाए गए 50 बड़े फैसलों पर आधारित किताब का विमोचन किया गया।

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जस्टिस गवई का राजनीति में एंट्री से इनकार: बोले- रिटायरमेंट के बाद कोई पद नहीं लूंगा, देश खतरे में हो तो SC अलग नहीं रह सकता

सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस बी.आर. गवई ने रिटायर होने के बाद पॉलिटिक्स में एंट्री लेने से इनकार किया। उन्होंने कहा- CJI के पद पर रहने के बाद व्यक्ति को कोई जिम्मेदारी नहीं लेनी चाहिए। रविवार को मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने ये बात कही। उन्होंने कहा- 14 मई को बुद्ध पूर्णिमा के शुभ अवसर पर देश के CJI पद की शपथ लेना मेरे लिए बहुत सौभाग्य की बात है। पढ़ें पूरी खबर…

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