गुडाना माइनिंग जोन में पहुंची पुलिस व ग्रामीण।
चरखी दादरी जिले में अवैध माइनिंग का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। जिले में बार-बार अवैध माइनिंग का मुद्दा उठाया जा रहा है यहां तक कि विधानसभा में भी बाढड़ा विधायक इस मुद्दे को उठा चुके हैं लेकिन समस्या लगातार बनी हुई है और गुडाना के ग्रामीण इसको ल
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ग्रामीणों की निजी जमीन पर हो रही माइनिंग ध्गरना दे रहे गुडाना निवासी ग्रामीण संदीप, विनोद आदि ने कहा कि उनके गांव में उनकी मलकियत जमीन पर अवैध रूप से माइनिंग की जा रही है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस माइनिंग कंपनी ने लीज ली है वो पिचौपा की जमीन है जबकि साथ लगते गुडाना की जमीन पर माइनिंग की जा रही है। उन्होंने पैमाइश करवाने और अवैध माइनिंग को बंद करवाने की मांग की है।

माइनिंग जोन से निकलता पत्थर से भरा ट्रक।
जमीन पर कब्जा करने के आरोप ग्रामीणों ने कहा कि उनकी निजी जमीन है लेकिन माइनिंग कंपनी द्वारा जमीन पर तारबंदी कर वहां कब्जा कर लिया गया है। वे अपने खुद के खेतों में नहीं जा पा रहे हैं। वहीं ग्रामीणों का ये भी आरोप है कि वहां माइनिंग करने के लिए हरे पेड़ों को काटा गया है।
पुलिस धरने से उठा रही ग्रामीणों ने बताया कि ग्राम पंचायत की ओर से माइनिंग क्षेत्र में धरना शुरू किया गया है। लेकिन पुलिस बार-बार वहां आ रही है उन्हें धरने से उठने के लिए बोला जा रहा है। पुलिस का कहना है कि माइनिंग के दौरान ब्लास्टिंग से पत्थर लगने का खतरा है। ग्रामीणों ने कहा कि पैमाइश करवाकर अवैध माइनिंग को रोका जाए। जिले में कई बार उठा है अवैध माइनिंग का मुद्दा चरखी दादरी जिले में अवैध माइनिंग का मामला नया नहीं हैं। जिले में कई बार अवैध माइनिंग का मुद्दा ग्रामीणों द्वारा उठाया जा चुका है और विरोध में धरने प्रदर्शन हुए हैं। यहां तक कि रामलवास के ग्रामीणों ने तो विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। पिचौपा के लोग कर चुके विरोध चरखी दादरी के पिचौपा के ग्रामीण अवैध माइनिंग के खिलाफ कई बार विरोध जता चुके है। ग्रामीणों के विरोध के चलते माइनिंग को बंद भी करवाया गया था। वहीं रामलवास के ग्रामीणों ने भी करीब 6 महीने तक अवैध माइनिंग व जल दोहन के विरोध में धरना दिया था।