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- Rambha Teej On Thursday And Chaturthi Fast On Friday, Significance Of Rambha Teej, Ganesh Chaturthi Vrat Importance In Hindi
9 घंटे पहले
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आज (गुरुवार, 29 मई) ज्येष्ठ शुक्ल तृतीया है, इसे रंभा तीज कहते हैं। कल यानी शुक्रवार, 30 मई को विनायकी चतुर्थी व्रत है। आज देवी पार्वती और कल भगवान गणेश के लिए व्रत-पूजा की जाएगी। तीज यानी तृतीया तिथि की स्वामी देवी पार्वती हैं और चतुर्थी तिथि के स्वामी भगवान गणेश हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पं. मनीष शर्मा के मुताबिक, पौराणिक कथा है कि स्वर्ग की अप्सरा रंभा ने सबसे पहले यह व्रत किया था। तभी से इस तीज का नाम रंभा तीज पड़ा। इस दिन सुहागन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र, सुख-समृद्धि और संतान प्राप्ति की कामना से व्रत करती हैं। इस तिथि पर गणेश जी, देवी पार्वती और शिव जी की विशेष पूजा करनी चाहिए।
रंभा तीज पर महिलाएं सोलह श्रृंगार करती हैं, पूजा और व्रत करती हैं। इस दिन खासतौर पर पांच दीप जलाकर पूजा की जाती है। सबसे पहले गणेश पूजा होती है, इसके बाद शिव-पार्वती का अभिषेक किया जाता है। देवी गौरी को कुमकुम, चंदन, हल्दी, मेंहदी, लाल फूल, चावल आदि चढ़ाए जाते हैं। शिवलिंग पर बिल्व पत्र, आंकड़े के फूल, धतूरा, शमी के पत्ते, जनेऊ आदि पूजन सामग्री चढ़ानी चाहिए। गणेश जी को दूर्वा, हार-फूल, मोदक जरूर चढ़ाएं। पूजा में श्री गणेशाय नम:, ऊँ नम: शिवाय, ऊँ गौर्ये नम: मंत्र का जप करना चाहिए।
सुहाग की चीजें करें दान
रंभा तिज पर जरूरतमंद महिलाओं को सुहाग की चीजें जैसे लाल साड़ी, चूड़ियां, कुमकुम, बिंदिया, आभूषण आदि चीजें दान करनी चाहिए। महिलाओं को भोजन कराएं। अनाज, जूते-चप्पल, छाता दान करें। किसी गौशाला में गायों की देखभाल के लिए धन का दान करें।
शुक्रवार को विनायकी चतुर्थी
कल 30 मई को ज्येष्ठ शुक्ल चतुर्थी है। इस तिथि पर घर-परिवार में सुख-समृद्धि बनाए रखने की कामना से भगवान गणेश की पूजा और व्रत किया जाता है। जो लोग ये व्रत करते हैं, उन्हें चतुर्थी तिथि पर सुबह जल्दी जागना चाहिए। स्नान के बाद घर के मंदिर में गणेश पूजा करें। पूजा में भगवान के सामने चतुर्थी व्रत करने का संकल्प लें। इसके बाद दिनभर निराहार रहें। जो भक्त भूखे नहीं रह पाते हैं, वे फलाहार करते हैं, दूध और फलों के रस का सेवन करते हैं।