CDS chouhan Confirms India Lost Fighter Jets In Pakistan Conflict | CDS से सवाल- पाकिस्तान ने कितने भारतीय फाइटर जेट गिराए: जनरल चौहान ब्लूमबर्ग से बोले- महत्वपूर्ण यह नहीं- जेट विमान गिरे, जरूरी यह- क्यों गिरे

Actionpunjab
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2 मिनट पहले

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यह पहली बार है जब किसी भारतीय शीर्ष सैन्य अधिकारी ने भारत के विमान गिरने की बात सार्वजनिक रूप से मानी है। - Dainik Bhaskar

यह पहली बार है जब किसी भारतीय शीर्ष सैन्य अधिकारी ने भारत के विमान गिरने की बात सार्वजनिक रूप से मानी है।

चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) अनिल चौहान से सिंगापुर में ब्लूमबर्ग ने सवाल किया- क्या पाकिस्तान ने संघर्ष के दौरान भारतीय जेट गिराए? क्या आप इसकी पुष्टि कर सकते है।

इसके जवाब में CDS चौहान ने कहा- असली मुद्दा यह नहीं है कि कितने विमान गिरे, बल्कि यह है कि वे क्यों गिरे और हमने उनसे क्या सीखा। भारत ने अपनी गलतियों को पहचाना, उन्हें जल्दी सुधारा और फिर दो दिन के भीतर दुश्मन के ठिकानों को लंबी दूरी से निशाना बनाकर एक बार फिर प्रभावी तरीके से जवाब दिया।

रिपोर्टर ने उनसे पूछा- पाकिस्तान ने दावा किया था की उसने 6 भारतीय जेट गिराए, क्या ये सही है?

इसके जवाब में CDS चौहान बोले- बिल्कुल गलत है। गिनती मायने नहीं रखती, बल्कि यह मायने रखता है कि हमने क्या सीखा और कैसे सुधार किया।

CDS चौहान यह भी साफ किया कि इस संघर्ष में कभी भी परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की नौबत नहीं आई, जो कि एक राहत की बात है।

शांगरी-ला डायलॉग के दौरान जनरल चौहान ने जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के रक्षा अधिकारियों से मुलाकात की।

शांगरी-ला डायलॉग के दौरान जनरल चौहान ने जापान, फ्रांस, जर्मनी, ब्रिटेन, यूरोपीय संघ और कई अन्य देशों के रक्षा अधिकारियों से मुलाकात की।

इससे पहले 12 मई को एयर मार्शल अवधेश कुमार भारती से पूछा गया था कि क्या ऑपरेशन सिंदूर के दौरान राफेल पाकिस्तान में क्रैश हुआ या मार गिराया गया?

इस पर एयर मार्शल भारती ने कहा था- इस वक्त मैं इस पर कोई कमेंट नहीं करना चाहूंगा क्योंकि हम अभी भी युद्ध की हालत में हैं। अगर मैं इस पर कुछ कहूंगा तो इसका उल्टा असर होगा। हम उन्हें (पाकिस्तान को) इस वक्त कोई फायदा नहीं देना चाहते हैं। बस इतना कहूंगा कि जो मकसद हमने तय किया उसे हासिल किया और हमारे सभी पायलट सुरक्षित वापस आए।

CDS चौहान बोले- पाकिस्तान के साथ बेहतर रिश्ते का दौर खत्म

इससे पहले CDS जनरल अनिल चौहान सिंगापुर में हुए शांगरी-ला डायलॉग कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर कहा कि अब भारत बिना किसी रणनीति के कोई काम नहीं करता है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के साथ कूटनीतिक संबंध कायम रखने का दौर खत्म हो चुका है।

CDS चौहान ने याद दिलाया कि कैसे PM मोदी ने अपने पहले शपथ ग्रहण में पाकिस्तान के तत्कालीन PM नवाज शरीफ को न्योता भेजा था। उन्होंने कहा कि ताली बजाने के लिए दोनों हाथ चाहिए होते हैं, लेकिन अगर बदले में सिर्फ दुश्मनी ही मिले तो दूरी बनाए रखना एक समझदारी भरा फैसला है।

CDS चौहान ने कहा कि जब भारत को आजादी मिली थी, तब पाकिस्तान सामाजिक विकास, GDP या फिर प्रति व्यक्ति आय जैसे कई मामलों में भारत से आगे था। अब स्थिति बदल गई है। अब भारत, पाकिस्तान से हर मोर्चे पर आगे है। जनरल चौहान ने कहा कि यह बदलाव किसी संयोग की वजह से नहीं, बल्कि सोची-समझी रणनीति का नतीजा है।

CDS बोले- जंग में भारत ने खुद की टेक्नोलॉजी पर भरोसा किया

CDS जनरल अनिल चौहान ने सिंगापुर में शांगरी-ला डायलॉग के दौरान ‘भविष्य के युद्ध’ विषय पर बात की। उन्होंने कहा कि अब युद्ध पहले जैसे नहीं रह गए हैं। अब युद्ध जमीन, हवा, समुद्र के अलावा साइबर और अंतरिक्ष जैसे नए क्षेत्रों में भी लड़े जा रहे हैं।

जनरल चौहान ने ऑपरेशन सिंदूर का उदाहरण देते हुए बताया कि भारत ने इस दौरान अपनी स्वदेशी तकनीक का बेहतरीन इस्तेमाल किया। उन्होंने खासतौर पर ‘आकाश’ मिसाइल सिस्टम और देश में बना वायु रक्षा नेटवर्क का जिक्र किया, जिसमें कई रडार सिस्टम को जोड़कर एक मजबूत सुरक्षा ढांचा तैयार किया गया। भारत ने यह सब विदेशी कंपनियों पर निर्भर हुए बिना किया।

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने भले ही चीनी या पश्चिमी सैटेलाइट तस्वीरों का इस्तेमाल किया हो, लेकिन भारत ने खुद की टेक्नोलॉजी पर भरोसा किया। भारत ने युद्ध के लिए जरूरी नेटवर्क और रडार प्रणाली को खुद से खड़ा किया और यह हमारी बड़ी कामयाबी रही।

सिंगापुर में आयोजित IISS शांगरी-ला वार्ता 2025 में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (बाएं) एक यूरोपीय अधिकारी से बातचीत के दौरान।

सिंगापुर में आयोजित IISS शांगरी-ला वार्ता 2025 में भारत के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल अनिल चौहान (बाएं) एक यूरोपीय अधिकारी से बातचीत के दौरान।

‘युद्ध में गलत जानकारी और अफवाहें बड़ी चुनौती’

CDS चौहान ने कहा कि युद्ध में आजकल एक और चुनौती है- गलत जानकारी और अफवाहें। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भी हमारे सैनिकों को काफी समय फर्जी खबरों का मुकाबला करने में देना पड़ा। उन्होंने बताया कि भारत की रणनीति यह रही कि बिना जल्दबाजी किए, पक्के तथ्यों के साथ अपनी बात रखी जाए।

उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि ऑपरेशन के शुरुआती दिनों में दो महिला अफसर मीडिया से बात कर रही थीं, क्योंकि उस वक्त सीनियर अफसर वास्तविक ऑपरेशन में व्यस्त थे।

साइबर युद्ध पर भी उन्होंने कहा कि भले ही दोनों देशों ने एक-दूसरे पर साइबर हमले किए हों, लेकिन भारत की सैन्य प्रणालियां इंटरनेट से जुड़ी नहीं होतीं, इसलिए वो सुरक्षित रहीं।

उन्होंने बताया कि युद्ध के बाद भारत तुरंत पीछे हट गया, क्योंकि लंबे समय तक सेना को तैनात रखना आर्थिक रूप से भारी पड़ता है और इससे विकास प्रभावित होता है।

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