डॉ एच एल ताबियार और डॉ खुशपाल सिंह राठौड़।
जिले में दो सीएमएचओ का विवाद अब यह होई कोर्ट पहुंच गया। कोर्ट ने डॉ. हीरालाल ताबियार और राज्य सरकार दोनों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा है। इस मामले की सुनवाई जुलाई में होगी।
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राज्य सरकार ने पीएम डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ को प्रमोट कर सीएमएचओ के पद पर नियुक्त किया था। ऐसे में उन्होंने एमजीएच का कार्य छोड़ कर सीएमएचओ पद का कार्यभार ग्रहण कर लिया। इधर, डॉ. हीरालाल को सीएमएचओ के पद से तबादला कर एमजी अस्पताल में चिकित्सक के रूप में सेवाएं देने के आदेश दिए थे। डॉ. हीरालाल ने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। इसके बाद वह ट्रब्यूनल में चले गए। वहां से सीएमएचओ पद से हटाने के आदेश का निरस्त कर दिया गया। डॉ. हीरालाल कार्यालय पहुंचे और कार्यभार ग्रहण कर लिया। इसके बाद से जिले में दो सीएमएचओ हैं। कई बार कोई आदेश करता है तो कई बार कोई। ऐसे में कार्यालय में विवाद की स्थिति भी बन चुकी है। इसकी जानकारी के बावजूद राज्य सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया।
मामला पहुंचा हाई कोर्ट
सीएमएचओ डॉ. खुशपाल सिंह राठौड़ ने अपने अधिकारों को हनन व अन्य मामला बता कर हाई कोर्ट में वाद दायर कर दिया। डॉ. राठौड़ ने इस मामले में प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थय विभाग और संयुक्त सचिव के साथ ही डॉ. हीरालाल ताबियार को पार्टी बनाया। तीनों को मौखिक रूप से सुनने के बाद 2 सप्ताह में जवाब पेश करने के आदेश दिए हैं। अब इस मामले की सुनवाई जुलाई में होनी है।
सरकार की ढिलाई
इस मामले में राज्य सरकार की लापरवाही सामने आई है। कारण सरकार ने समय रहते कार्रवाई नहीं की। इस कारण डॉ. राठौड़ को कोर्ट से फायदा मिल सकता है।