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- Avdheshanand Giri Maharaj Life Lesson. Self satisfaction Is Achieved When A Person Becomes Pure In Thought, Deed And Word
1 दिन पहले
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आत्म संतुष्टि तब मिलती है, जब व्यक्ति मन, कर्म और वचन से पवित्र हो जाता है। जब व्यक्ति के विचारों में, चिंतन में पवित्रता आती है, जब उसका आचरण पारदर्शी हो जाता है, तब वह संतुष्ट रहता है और दूसरों को भी लाभ पहुंचा पाता है। जीवन की सफलता इसमें है कि आप कितने लोगों को लाभ पहुंचा रहे हैं।
आज जूनापीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद जी गिरि के जीवन सूत्र में जानिए हम अपने परिवार के लोगों को कैसे लाभ पहुंचा सकते हैं?
आज का जीवन सूत्र जानने के लिए ऊपर फोटो पर क्लिक करें।
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