Trump Imposes 50% Tariff on Steel, Aluminium Imports | Trade Tensions Rise | अमेरिका में स्टील और एल्युमिनियम पर 50% टैरिफ लागू: ट्रम्प ने आदेश पर साइन किए; भारत के 39 हजार करोड़ के एक्सपोर्ट पर असर

Actionpunjab
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वॉशिंगटन डीसी29 मिनट पहले

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ट्रम्प ने स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने का फैसला किया है। - Dainik Bhaskar

ट्रम्प ने स्टील और एल्युमीनियम के आयात पर टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने का फैसला किया है।

अमेरिका में आज से स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 50% टैरिफ लागू हो गया है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने इससे जुड़े आदेश पर साइन कर दिए हैं।

हालांकि उन्होंने इस टैरिफ से ब्रिटेन को बाहर रखा है। उस पर पहले की तरह 25% टैरिफ ही लागू होगा, क्योंकि अमेरिका और ब्रिटेन के बीच पहले से ट्रेड समझौते पर बातचीत जारी है।

ट्रम्प ने 30 मई को स्टील और एल्यूमीनियम इंपोर्ट पर मौजूदा टैरिफ को 25% से बढ़ाकर 50% करने घोषणा की थी। उन्होंने इसके लिए US ट्रेड एक्सपेंशन एक्ट 1962 की धारा 232 के तहत नेशनल सिक्योरिटी चिंताओं का हवाला दिया था।

अगर किसी तरह के आयात से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा होता है, तो इस कानून के तहत अमेरिकी राष्ट्रपति को व्यापार पर पाबंदियां लगाने का अधिकार होता है।

इससे पहले ट्रम्प ने फरवरी में स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाया था।

इससे पहले ट्रम्प ने फरवरी में स्टील और एल्युमिनियम के आयात पर 25% टैरिफ लगाया था।

भारत पर टैरिफ में बढ़ोतरी का डायरेक्ट असर होगा

ट्रम्प के स्टील और एल्यूमीनियम इंपोर्ट पर टैरिफ में अपकमिंग बढ़ोतरी से 4.56 बिलियन डॉलर यानी 39 हजार करोड़ रुपए के भारतीय मेटल एक्सपोर्ट पर असर पड़ने की संभावना है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (GTRI) ने अपने एक नई एनालिसिस रिपोर्ट में यह बात कही है।

अमेरिकी बाजार में इंडियन मैन्युफैक्चरर्स और एक्सपोर्टर्स के लिए प्रोडक्ट कॉस्ट बढ़ने की उम्मीद है, जिससे उनकी कॉम्पिटेटिवनेस पर असर पड़ सकता है।

GTRI ने कहा, ‘भारत पर टैरिफ में बढ़ोतरी का डायरेक्ट असर होगा। वित्त वर्ष 2025 में भारत ने अमेरिका को 4.56 बिलियन डॉलर की वैल्यू का लोहा, स्टील और एल्युमीनियम प्रोडक्ट्स का एक्सपोर्ट किया है।’

अमेरिका, भारत के मेटल सेक्टर के लिए एक प्रमुख बाजार बना हुआ है। वित्त वर्ष 2025 के एक्सपोर्ट में 587.5 मिलियन डॉलर का लोहा और स्टील, 3.1 बिलियन डॉलर का लोहा और स्टील प्रोडक्ट्स और 860 मिलियन डॉलर का एल्युमीनियम और रिलेटेड आइटम्स शामिल थे।

भारत की मार्केट हिस्सेदारी को चुनौती मिलेगी

GTRI की रिपोर्ट में चेतावनी दी गई है कि इन कैटेगरी पर टैरिफ में बढ़ोतरी से अमेरिका में भारत की मार्केट हिस्सेदारी और प्रॉफिटेबिलिटी को चुनौती मिलेगी।

अमेरिकी स्टील की कीमत 1 लाख प्रति टन हो सकती है

GTRI के अनुसार, टैरिफ में लेटेस्ट बढ़ोतरी से अमेरिकी स्टील की कीमतें 1,180 डॉलर यानी करीब 1 लाख रुपए प्रति टन से ऊपर जा सकती हैं, जिसका ऑटोमोटिव, कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग जैसे प्रमुख सेक्टर्स पर प्रभाव पड़ेगा। भारत ने टैरिफ बढ़ोतरी के संबंध में वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन (WTO) में एक नोटिफिकेशन फाइल किया है और एडिशनल रिस्पांस मेजर्स की खोज कर रहा है।

GTRI ने पर्यावरण प्रभावों को लेकर भी चिंता जताई

GTRI ने अमेरिकी कदम से पर्यावरण पर होने वाले प्रभावों को लेकर भी चिंता जताई है। थिंक टैंक ने कहा, ‘स्टील और एल्युमीनियम मैन्युफैक्चरिंग से ग्लोबल लेवल पर कार्बन उत्सर्जन होता है। जबकि अन्य देश एनवायरनमेंट फ्रेंडली प्रोडक्शन मेथड्स में निवेश करते हैं, अमेरिकी पॉलिसी में पर्यावरणीय विचारों का अभाव है।’

GTRI ने कहा, ‘यह फैसला ट्रम्प प्रशासन की पर्यावरण संरक्षण की तुलना में आर्थिक राष्ट्रवाद के प्रति प्राथमिकता को दर्शाता है।’ साथ ही GTRI ने यह भी कहा कि यह ग्लोबल क्लाइमेट गोल्स और सस्टेनेबल इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट के प्रति अमेरिका के कमिटमेंट पर भी सवाल उठाता है।

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