Israel Vs Gaza Humanitarian Aid Ship; Madleen | Greta Thunberg | रोक के बावजूद ग्रेटा थनबर्ग गाजा के लिए निकलीं: राहत सामग्री लेकर जहाज से ईद पर पहुंचेंगी; इजराइली सेना गिरफ्तार कर सकती है

Actionpunjab
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तेल अवीव3 घंटे पहले

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ग्रेटा थनबर्ग के साथ मैडलीन नामक इस जहाज पर 11 और लोग मौजूद हैं। - Dainik Bhaskar

ग्रेटा थनबर्ग के साथ मैडलीन नामक इस जहाज पर 11 और लोग मौजूद हैं।

स्वीडिश पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग जहाज से गाजा की यात्रा पर निकली हैं। वे अपने साथ गाजा के लोगों के लिए दवा, अनाज, बच्चों के लिए दूध, डाइपर और वाटर प्यूरीफायर ले जा रही हैं। इसमें उनके साथ 11 और लोग हैं जो ‘मैडलीन’ नाम की एक जहाज पर सवार हैं।

थनबर्ग अपनी टीम के साथ इटली के सिसली द्वीप से 1 जून को रवाना हुई थी। अगर कोई रुकावट नहीं हुई तो 2000 किमी की दूरी तय कर मैडलीन जहाज 7 जून यानी कि ईद के दिन गाजा पहुंच जाएगा। इस यात्रा का मकसद सिर्फ मदद पहुंचाना ही नहीं, बल्कि इजराइल द्वारा गाजा पर लगाए गए प्रतिबंधों के खिलाफ शांतिपूर्ण विरोध जताना भी है।

इस बीच इजराइल ने ग्रेटा थनबर्ग की इस यात्रा को लेकर कड़ा रुख अपनाया है। इजराइली सेना ने कहा कि वे जरूरत पड़ने पर जरूरी कदम उठाएंगे। हालांकि ग्रेटा और उनके साथी इस अभियान को पूरी तरह शांतिपूर्ण और मानवीय बता रहे हैं।

ग्रेटा थनबर्ग की गाजा यात्रा से जुड़ीं 5 फोटोज…

मैडलीन जहाज का नाम गाजा की पहली और इकलौती मछुआरिन के नाम पर रखा गया है।

मैडलीन जहाज का नाम गाजा की पहली और इकलौती मछुआरिन के नाम पर रखा गया है।

तस्वीर जहाज पर मौजूद कार्यकर्ताओं की है।

तस्वीर जहाज पर मौजूद कार्यकर्ताओं की है।

ग्रेटा थनबर्ग ने 2 दिन पहले यह तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की।

ग्रेटा थनबर्ग ने 2 दिन पहले यह तस्वीर इंस्टाग्राम पर शेयर की।

ग्रेटा का जहाज 1 तारीख को इटली के सिसली द्वीप से रवाना हुआ था।

ग्रेटा का जहाज 1 तारीख को इटली के सिसली द्वीप से रवाना हुआ था।

यह जहाज 7 जून यानी ईद के दिन गाजा पहुंच सकता है।

यह जहाज 7 जून यानी ईद के दिन गाजा पहुंच सकता है।

जहाज की लाइव लोकेशन ट्रैक जा रही

ग्रेटा ने रवाना होने से पहले बयान दिया,

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अगर इंसानियत में कोई बची-खुची उम्मीद है, तो हमें फिलिस्तीन के लिए आवाज उठानी होगी। मैं इसलिए यहां हूं क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है।

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मैडलीन की लोकेशन लाइव ट्रैक की जा रही है। 4 जून को यह सिसिली से 600 किमी दूर था। मंगलवार रात को ग्रीस के तट से 68 किमी दूर एक ड्रोन इसके ऊपर मंडराता देखा गया, जो ग्रीक कोस्टगार्ड का था।

गाजा जा रहा मैडलीन मिशन क्या है?

इजराइल ने 2 मार्च से गाजा में राहत सामग्री की एंट्री पर पूरी तरह रोक लगा रखी है, जिससे वहां 23 लाख लोगों में से 93% भुखमरी का सामना कर रहे हैं। दर्जनों बच्चे भूख से मर चुके हैं। मैडलीन जहाज का मकसद इन लोगों तक मदद पहुंचाना है।

मैडलीन जहाज फ्रीडम फ्लोटिला कोएलिशन (FFC) का हिस्सा है। यह एक अंतरराष्ट्रीय संगठन है जो गाजा पर लगी इजराइली नाकेबंदी को चुनौती देने के लिए मानवीय अभियानों को चलाता है। यह जहाज दक्षिण इटली के कातानिया पोर्ट से रवाना हुआ है और इसमें जीवन रक्षक सामग्री लदी हुई है।

FFC ने इसे एक शांतिपूर्ण नागरिक प्रतिरोध बताया है। उनके मुताबिक, जहाज पर सवार सभी कार्यकर्ता और चालक दल के सदस्य अहिंसा के सिद्धांत में प्रशिक्षित हैं और यह मिशन पूरी तरह से शांतिपूर्ण है।

इजराइल जहाज को क्यों रोक रहा है

शुरुआत में इजराइल इस जहाज को गाजा में डॉक करने की अनुमति देने के लिए विचार कर रहा था, बशर्ते कि यह सुरक्षा के लिए कोई सुरक्षा खतरा न बने। लेकिन इजराइल की सरकारी ब्रॉडकास्टर KAN के मुताबिक, अब सरकार ने अपना फैसला बदल लिया है।

अब इजराइल का तर्क है कि अगर एक बार मैडलीन जैसे जहाज को मंजूरी दी गई, तो आगे चलकर इस तरह की कोशिशों को बढ़ावा मिलेगा।

इससे इजराइल के समुद्री प्रतिबंध कमजोर पड़ सकते हैं और अंतरराष्ट्रीय दबाव भी बढ़ सकता है। इसलिए सरकार ने यह साफ कर दिया है कि मैडलीन को गाजा तट से पहले ही रोक दिया जाएगा।

इससे पहले भी FCC के कॉन्साइंस नाम के जहाज ने मई 2025 में एक और कोशिश की थी। हालांकि इजराइल ने उसे परमिशन नहीं दी थी।

इजराइल ने ड्रोन से हमला करके कॉन्साइंस जहाज को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में रोक दिया था।

इजराइल ने ड्रोन से हमला करके कॉन्साइंस जहाज को अंतरराष्ट्रीय समुद्री सीमा में रोक दिया था।

इजराइली सेना ने गिरफ्तार करने की धमकी दी

येरुशलम पोस्ट के मुताबिक इजराइली अधिकारियों ने कहा कि वे किसी भी हाल में मैडलीन को तट पर उतरने की इजाजत नहीं देंगे। यदि जहाज में बैठे लोग इजराइली सेना के आदेश को मानने से इनकार करेंगे तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि इजराइली रक्षा मंत्री इजराइल काट्ज ने आदेश न मानने की हालत में कड़ा कदम उठाने का आदेश दे दिया है।

इजराइली सेना के प्रवक्ता ब्रिगेडियर जनरल एफी डेफ्रिन ने कहा-

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इस मामले में हम पूरी तरह तैयार हैं। हमे हाल के सालों में जो एक्सपीरियंस मिला है, हम उसी के मुताबिक काम करेंगे।

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17 साल से गाजा को घेरे हुए है इजराइल

इजराइल ने गाजा पट्टी 17 साल से नाकेबंदी कर रखी है। साल 2007 में जब हमास ने गाजा पर पूरी तरह से नियंत्रण हासिल कर लिया था, तो इजराइल ने सुरक्षा कारणों का हवाला देते हुए गाजा की समुद्री सीमाओं, हवाई रास्तों और भूमि सीमाओं पर कड़े प्रतिबंध लगा दिए। इजराइल ने गाजा की समुद्री सीमाओं पर एक नौसैनिक घेरा बना रखा है। इसका मतलब यह है कि कोई भी जहाज या नाव बिना इजराइल की अनुमति के गाजा के समुद्र तक नहीं पहुंच सकती।

इजराइल का कहना है कि यह नाकेबंदी उसकी सुरक्षा के लिए जरूरी है। अगर इसमें ढील दी गई, तो हमास जैसे आतंकी गुट समुद्र के रास्ते हथियार ला सकते हैं और इजराइली नागरिकों को खतरे में डाल सकते हैं।

कई बार इजराइली नाकेबंदी तोड़ने की कोशिश हुई

2007 से अब तक कई बार मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और सहायता समूहों ने इस नाकेबंदी को तोड़ने की कोशिश की है, लेकिन इजराइली नौसेना ने उन्हें रोक दिया या पकड़ लिया।

साल 2010 में ‘फ्रीडम फ्लोटिला’ नाम की एक नाव काफिला गाजा की तरफ जा रहा था, जिसमें सहायता सामग्री थी और इसमें कई अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता सवार थे। इजराइली नौसेना ने अंतरराष्ट्रीय पानी में इस पर हमला कर दिया था जिसमें 10 लोग मारे गए थे। इसे लेकर इजराइल की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी आलोचना हुई थी।

गाजा में 20 लाख लोगों पर भुखमरी का संकट

गाजा इस समय गंभीर मानवीय संकट से गुजर रहा है। अक्टूबर 2023 से शुरू हुए इजराइली हमलों में अब तक 54,600 से ज्यादा फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं। इनमें से बड़ी संख्या में महिलाएं और बच्चे शामिल हैं।

20 लाख से अधिक लोगों को भूख, दवाइयों और पीने के पानी की किल्लत झेलनी पड़ रही है। अंतरराष्ट्रीय सहायता एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि अगर हालात नहीं बदले तो गाजा में भुखमरी की स्थिति और गंभीर हो सकती है।

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