Eknath Shinde Pilot Controversy | Jalgaon Airport | पायलट के कारण जलगांव एयरपोर्ट पर फंसे महाराष्ट्र डिप्टी CM: ड्यूटी खत्म होने पर प्लेन उड़ाने से मना किया था; एकनाथ ने किडनी पेशेंट को लिफ्ट दी

Actionpunjab
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जलगांव23 मिनट पहले

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शिंदे के चार्टर्ड प्लेन में किडनी पेशेंट शीतल बोर्डे और उनके पति को मुंबई तक लिफ्ट दी गई। - Dainik Bhaskar

शिंदे के चार्टर्ड प्लेन में किडनी पेशेंट शीतल बोर्डे और उनके पति को मुंबई तक लिफ्ट दी गई।

महाराष्ट्र के डिप्टी CM एकनाथ शिंदे शुक्रवार को जलगांव के मुक्ताईनगर में संत मुक्ताई की पालकी यात्रा में शामिल होने गए थे। जब वे लौटे तो जलगांव एयरपोर्ट पर उनके पायलट ने प्लेन उड़ाने से इनकार कर दिया।पायलट ने बताया कि उसका ड्यूटी टाइम खत्म हो गया है, और उसे नई परमिशन लेने में कुछ समय लगेगा।

शिंदे के साथ मंत्री गिरीश महाजन, गुलाबराव पाटिल और कुछ दूसरे प्रशासनिक अधिकारी भी थे।हालांकि पायलट को मनाने में अधिकारियों को लगभग एक घंटा लग गया। मंत्री गिरीश महाजन ने एयरलाइन कंपनी से बात की और उन्होंने अपने तरीके से पायलट को स्थिति समझाई। इसके बाद वह तैयार हुआ।

इतना ही नहीं इसके बाद, शिंदे किडनी ट्रांसप्लांट करवाने मुंबई जा रही पेशेंट की मदद के लिए आगे आए और उसे अपने चार्टर्ड प्लेन में बैठाया। शीतल बोर्डे नाम की महिला सर्जरी के लिए मुंबई जा रही थी।

किडनी पेशेंट शीतल बोर्डे और उनके पति ने एयरपोर्ट पर मौजूद कार्यकर्ता से मदद मांगी।

किडनी पेशेंट शीतल बोर्डे और उनके पति ने एयरपोर्ट पर मौजूद कार्यकर्ता से मदद मांगी।

शिंदे ने किडनी पेशेंट की सर्जरी के लिए व्यवस्था करने के निर्देश दिए

बोर्डे ने एयरपोर्ट पर मौजूद कार्यकर्ताओं को अपनी स्थिति बताई, तो उन्होंने तुरंत राज्य मंत्री गिरीश महाजन से संपर्क किया। महाजन ने शिंदे से मदद मांगी। बिना किसी हिचकिचाहट के शिंदे ने महिला और उसके पति दोनों को मुंबई के लिए अपने चार्टर्ड विमान में बैठा लिया। यात्रा के दौरान उन्होंने महिला से बातचीत की और उसके इलाज के बारे में पूछताछ की।

मुंबई में उतरने के बाद, शिंदे ने सुनिश्चित किया कि तुरंत एम्बुलेंस की व्यवस्था की जाए और व्यक्तिगत रूप से अस्पताल में उसके प्रवेश की देखरेख की जाए।

पायलट ने क्यों दिया ड्यूटी टाइम खत्म होने का हवाला

  • कोई पायलट एक दिन में 8-9 घंटे से ज्यादा फ्लाइंग नहीं कर सकता। यह वह समय है जब पायलट रिपोर्ट करता है और अगले रेस्‍ट तक ड्यूटी पर रहता है। जलगांव में भी पायलट का ड्यूटी टाइम खत्म हो गया था।
  • हालांकि ड्यूटी टाइम आमतौर पर 8 से 13 घंटे तक हो सकता है, लेकिन कई चीजों पर निर्भर करता है, इनमें दिन/रात का समय, फ्लाइट की संख्या, उड़ान की लंबाई और क्रू मेंबर्स जैसे फैक्टर शामिल होते हैं।
  • ड्यूटी के बाद पायलट को कम से कम 12 से 14 घंटे का रेस्ट दिया जाता है। यह टाइम इस बात पर निर्भर करता है कि पिछली ड्यूटी कितनी लंबी थी और उसने कितनी फ्लाइट्स उड़ाईं। अगर पायलट ने लम्बी उड़ान भरी है या नाइट ड्यूटी की है तो रेस्ट और भी लंबा हो सकता है।
  • अगर पायलट को एक फ्लाइट के बाद दूसरी उड़ानी हो तो उसे तब तक फ्लाइट डेक में वापस नहीं बैठाया जा सकता, जब तक वह निर्धारित रेस्ट टाइम पूरा न कर ले। इसके लिए एयरलाइन को वैकल्पिक पायलट बुलाना होता है या फ्लाइट में एक्स्ट्रा रिलीफ क्रू भेजना होता है।
  • एयरफोर्स/गवर्नमेंट या DGCA के विशेष निर्देश पर VVIP मूवमेंट के चलते इस नियम में बदलाव किए जा सकते हैं।

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