पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान जनसभा को संबोधित करते हुए।
लुधियाना में शनिवार शाम मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आम आदमी पार्टी के उम्मीदवार संजीव अरोड़ा के लिए सराभा नगर मार्केट में वोट मांगे। मान ने जनसभा को संबोधित किया। उन्होंने विरोधियों पर जमकर निशाना साधा। जनसभा में बड़ी संख्या में आप वर्कर और लोग पहुंचे।
.
मान ने कहा कि कपड़ों की तरह विरोधी पार्टियों के नेता पार्टियां बदलते हैं। साइकिल का भी स्टेंड होता लेकिन इन नेताओं का कोई स्टेंड नहीं है। 19 जून को हलका पश्चिम के लोग फतवा आम आदमी पार्टी के हक में दे चुके हैं।
आज हम फतवा रिन्यू ही करवाने लोगों के बीच आए है। लुधियाना, पंजाब का दिल है। लोगों को उस उम्मीदवार को जितवाना चाहिए जिसके दिल में लुधियाना बसा है। उन लोगों को लोग वोट ना डाले जो अहंकार और गाली-गलसै करते रहे हैं।

मुख्यमंत्री भगवंत मान को सम्मानित करते हुए पार्टी के पदाधिकारी।
जो कहता हूं,वही करता हूं : मान
भगवंत मान ने कहा कि आम आदमी पार्टी तरक्की पर ध्यान देती है। मान ने कहा कि मैं जो कहता हूं वही करता हूं। जो मैं नहीं कर सकता, वह कहता नहीं हूं। जनता की आवाज मैं हमेशा उठाता रहा हूं। पानी का मसला था कि हरियाणा को पानी दे दीजिए। हरियाणा के साथ हमारी कोई दुश्मनी नहीं है।
प्रत्येक महीने उन्हें हम पत्र के जरिए हरियाणा को कहते रहे कि पानी का इस्तेमाल ध्यान से करें। 31 मार्च को हरियाणा के पानी का कोटा समाप्त हो गया। 21 मई से अगली 21 मई तक का हिसाब रखा जाता है। हरियाणा ने मार्च में पानी अपने हिस्से का समाप्त कर लिया।
फिर हरियाणा कहने लगा कि पीने के लिए पानी चाहिए। आबादी के मुताबिक 1600 या 1700 क्यूसिक पानी बनता है। फिर पशुओं के लिए 800 क्यूसिक पानी मांगा। इसके बाद खराब पानी का 800 क्यूसिक पानी हो गया। हमने उन्हें मानवता के आधार पर 4000 क्यूसिक पानी देने की बात कही।
फिर कहने लगे कि आप 4500 क्यूसिक पानी और छोड़े। हरियाणा जब जबरन भाखड़ा डेम पर आकर धक्का करने लगा तो मैं खुद गाड़ी लेकर वहां पहुंचा और भाखड़ा पर पानी छोड़ने से रोक दिया। मान ने कहा कि 1955 के समझौते हुए है। उस समय के कांटे अब हम चुग रहे हैं। सीएम मान ने कहा कि जमाने के मुताबिक एग्रीमेंट बदलने की जरूरत है।
आशू को नेल्सन मंडेला नहीं, जिसकी हलके को बहुत जरूरत
भगवंत मान ने कहा कि इन चुनाव में एक तरफ प्यार है तो दूसरी तरफ अहंकार है। बोर्डों पर लिखा है-आशु इज मस्ट। आशु क्यों जरूरी है यह कोई नेल्सन मंडेला है। यहां गुंडे जरूरी नहीं है।मां-बहनों को गालियां देने वाले जरूरी नहीं है। आशु प्रिंसिपल को बदतमीजी से बोलते थे। उस समय बिट्टू भी आशू के साथ। अब बिट्टू का भी नहीं पता चलता किस पार्टी में चला गया। आशु और बिट्टू कभी इकट्ठे थे और अब विरोधी पार्टियों में है। इसी तरह सुनील जाखड़ और कैप्टन अमरिंदर सिंह भी कभी कांग्रेस कभी भाजपा में।
मान ने कहा कि सिमरजीत सिंह बैंस ने तो हद ही कर दी। वह तो दो-दो बार पार्टियां बदल चुके है। मान ने कहा कि साइकिल का भी स्टेंड होता है लेकिन इनका कोई स्टेंड नहीं है। कांग्रेस में तो बोर्ड पर प्रधान की फोटो ना लगाने को लेकर भी विवाद हो रहा है। कांग्रेस अंतर कलह से पीड़ित है।
मान ने कहा कि जिसने अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को लुधियाना में चुनाव हराने के लिए काम किया, उसे चरणजीत चन्नी ने कांग्रेस में शामिल कर लिया। इसी तरह जिसने जालंधर में चन्नी को हराने के लिए काम किया उसे राजा वड़िंग ने मुल्लापुर दाखा में कांग्रेस में शामिल कर लिया।
विरोधियों की इन एक्टिविटीज में कहीं पंजाब के विकास की बात नहीं है। मान ने कहा कि विरोधी इतने बौखला गए हैं कि वह हर बात मेरे पर ले आते हैं।
मजीठिया अपने जीजा का भी रखे ध्यान
उन्होंने कहा कि, मैं यदि किसी अस्पताल में किसी का हाल जानने भी जाता हूं तो मजीठिया मेरा मेडिकल बुलेटिन जारी करने लगते हैं। वे अपने जीजा का भी ध्यान रखें। उन्हें पता होना चाहिए कि जीजा सुखबीर की बाजू कौन सी टूटी है। कभी दाईं बाजू में हेंड ग्रिप डालते हैं तो तभी बाईं बाजू पर।
मान ने कहा कि ये नेता कपड़ों की तरह पार्टियां बदलते हैं। मान ने कहा कि मैं कामरेडों की बहुत इज्जत करता हूं। चाहे उन्हें 500 वोट पड़े, लेकिन वह कम से कम अपने चुनाव चिन्ह पर तो कायम हैं। मान ने कहा कि दो दिन पहले सोहन सिंह ठंडल को सुखबीर बादल ने शिअद में शामिल किया और कहा कि ठंडल डेपुटेशन पर 4 महीने के लिए गए थे।
मान ने कहा कि क्या ठंडल तहसीलदार लगे हैं जो डेपुटेशन पर जाकर आए हैं। शिअद पंजाब के मुद्दों को ही भूल चुका है।