Manipur Violence Update; Meitei | Imphal Curfew Internet Shutdown | मणिपुर में प्रदर्शनकारियों ने खुद पर पेट्रोल डाला: मैतेई लीडर की गिरफ्तारी के विरोध में हिंसक प्रदर्शन किया, गाड़ियां फूंकीं; 5 जिलों में इंटरनेट बंद

Actionpunjab
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इंफाल2 मिनट पहले

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राजधानी इंफाल के कई इलाकों में शनिवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए। - Dainik Bhaskar

राजधानी इंफाल के कई इलाकों में शनिवार को हिंसक विरोध-प्रदर्शन हुए।

3 मई 2023 को कुकी-मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जो आज भी जारी है। इन दो सालों में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं।

मणिपुर में मैतेई संगठन अरम्बाई टेंगोल के नेता करन सिंह को रविवार को CBI ने गिरफ्तार कर लिया। उन पर 2023 में हिंसा भड़काने के आरोप है। इनकी गिरफ्तारी की खबर फैलने के बाद शनिवार देर रात मणिपुर में हिंसा भड़क गई थी।

राजधानी इंफाल के कई इलाकों में प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, सड़कों पर टायर और पुराने फर्नीचर भी जलाए। प्रदर्शनकारियों ने पेट्रोल डालकर खुद को जलाने की भी कोशिश की।

सरकार ने 7 जून की रात 11:45 बजे से पांच दिनों के लिए 5 जिलों में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सर्विस सस्पेंड कर दी है। इनमें इंफाल पश्चिम, इंफाल पूर्व, थौबल, काकचिंग और बिष्णुपुर शामिल हैं। इंफाल ईस्ट और बिष्णुपुर में कर्फ्यू भी लगाया गया है।

मणिपुर में 3 मई 2023 को कुकी-मैतेई समुदाय के बीच संघर्ष शुरू हुआ था, जो अब तक जारी है। हिंसा में 300 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है। 1500 से ज्यादा घायल हुए। 70 हजार से ज्यादा लोग विस्थापित हैं। 6 हजार से ज्यादा FIR दर्ज हुई हैं।

हिंसा की 4 तस्वीरें…

इंफाल की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर-फर्नीचर को आग लगा दी।

इंफाल की सड़कों पर प्रदर्शनकारियों ने टायर-फर्नीचर को आग लगा दी।

इंफाल वेस्ट जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग लगा दी।

इंफाल वेस्ट जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग लगा दी।

इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिलों में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग लगा दी।

इंफाल ईस्ट और वेस्ट जिलों में शनिवार को प्रदर्शनकारियों ने कई गाड़ियों को आग लगा दी।

मणिपुर के 25 विधायकों और एक सांसद ने रविवार को राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की।

मणिपुर के 25 विधायकों और एक सांसद ने रविवार को राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की।

प्रदर्शनकारियों ने खुद को आग लगाने की कोशिश की मैतेई नेता की रिहाई की मांग करते हुए प्रदर्शनकारियों ने इंफाल के क्वाकेथेल और उरीपोक में सड़क के बीचों-बीच टायर और पुराने फर्नीचर जलाए। एयरपोर्ट का भी घेराव किया गया। इंफाल के अलग-अलग इलाकों में प्रदर्शन कर रहे लोगों और पुलिस के बीच झड़प भी हुई। कुछ प्रदर्शनकारियों ने खुद पर पेट्रोल डालकर आग लगाने की कोशिश की।

गुस्साई भीड़ ने इंफाल वेस्ट जिले के खुरई लामलोंग में एक बस को भी आग के हवाले कर दिया। क्वाकेथेल में कई गोलियों की आवाजें सुनी गईं, लेकिन यह पता नहीं चल पाया कि गोलियां किसने चलाईं। तीन लोगों के घायल होने की भी जानकारी सामने आई है। रविवार सुबह भी स्थिति तनावपूर्ण रही।

राजभवन की सुरक्षा बढ़ाई गई

राजभवन की ओर जाने वाली सड़कों पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। केंद्रीय बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है। प्रशासन ने चेतावनी दी है कि जो भी व्यक्ति जारी आदेशों का उल्लंघन करेगा, उसके खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन, नई सरकार 15 जून तक बनने की संभावना मणिपुर में 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन है, लेकिन मौजूदा विधानसभा भंग नहीं हुई है। सिर्फ निलंबित है। हालांकि, 30 अप्रैल को 21 विधायकों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को पत्र भेजकर राज्य में तत्काल लोकप्रिय सरकार बनाने की मांग की थी। पत्र पर भाजपा के 14 विधायकों ने साइन किए हैं।

इसके बाद इंफाल राजभवन में 28 मई को NDA के 10 विधायकों ने राज्यपाल अजय भल्ला से मुलाकात की थी। इनमें से एक विधायक ने भास्कर को बताया था, ‘नई सरकार के ढांचे पर चर्चा हुई है। उम्मीद है कि 15 जून तक एक सरकार बन जाएगी।’

4 पॉइंट्स में समझिए मणिपुर हिंसा की वजह… मणिपुर की आबादी करीब 38 लाख है। यहां तीन प्रमुख समुदाय हैं- मैतेई, नगा और कुकी। मैतई ज्यादातर हिंदू हैं। नगा-कुकी ईसाई धर्म को मानते हैं। ST वर्ग में आते हैं। इनकी आबादी करीब 50% है। राज्य के करीब 10% इलाके में फैली इंफाल घाटी मैतेई समुदाय बहुल ही है। नगा-कुकी की आबादी करीब 34 प्रतिशत है। ये लोग राज्य के करीब 90% इलाके में रहते हैं।

  1. कैसे शुरू हुआ विवाद: मैतेई समुदाय की मांग है कि उन्हें भी जनजाति का दर्जा दिया जाए। समुदाय ने इसके लिए मणिपुर हाई कोर्ट में याचिका लगाई। समुदाय की दलील थी कि 1949 में मणिपुर का भारत में विलय हुआ था। उससे पहले उन्हें जनजाति का ही दर्जा मिला हुआ था। इसके बाद हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से सिफारिश की कि मैतेई को अनुसूचित जनजाति (ST) में शामिल किया जाए।
  2. मैतेई का तर्क क्या है: मैतेई जनजाति वाले मानते हैं कि सालों पहले उनके राजाओं ने म्यांमार से कुकी काे युद्ध लड़ने के लिए बुलाया था। उसके बाद ये स्थायी निवासी हो गए। इन लोगों ने रोजगार के लिए जंगल काटे और अफीम की खेती करने लगे। इससे मणिपुर ड्रग तस्करी का ट्राएंगल बन गया है। यह सब खुलेआम हो रहा है। इन्होंने नागा लोगों से लड़ने के लिए आर्म्स ग्रुप बनाया।
  3. नगा-कुकी विरोध में क्यों हैं: बाकी दोनों जनजाति मैतेई समुदाय को आरक्षण देने के विरोध में हैं। इनका कहना है कि राज्य की 60 में से 40 विधानसभा सीट पहले से मैतेई बहुल इंफाल घाटी में हैं। ऐसे में ST वर्ग में मैतेई को आरक्षण मिलने से उनके अधिकारों का बंटवारा होगा।
  4. सियासी समीकरण क्या हैं: मणिपुर के 60 विधायकों में से 40 विधायक मैतेई और 20 विधायक नगा-कुकी जनजाति से हैं। अब तक 12 CM में से दो ही जनजाति से रहे हैं।

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मणिपुर में हिंसा भड़काने में पाकिस्तान का कनेक्शन आया सामने, ISI के निशाने पर कुकी-मैतेई समुदाय

मणिपुर में हिंसा भड़काने के पीछे पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान का कनेक्शन सामने आया है। पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI इसकी साजिश रच रही है। इसके लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया जा रहा है। इसके लिए बाकायदा 15-20 फेसबुक अकाउंट बनाए गए हैं। इसके माध्यम से कुकी और मैतेई समुदाय को भड़काने वाले कंटेंट-वीडियो डाले जा रहे हैं। ऐसे तमाम अकाउंट्स की डिटेल दैनिक भास्कर के पास है। पूरी खबर पढ़ें…

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