उवैस चौधरी | इटावा7 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

इटावा में बिजली विभाग की लापरवाही और सुरक्षा इंतजामों की अनदेखी एक बार फिर जानलेवा साबित हुई। सोमवार को दो अलग-अलग स्थानों पर हाईटेंशन लाइन की चपेट में आने से एक मूकबधिर मजदूर की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई, जबकि एक युवक गंभीर रूप से झुलस गया और अस्पताल में जिंदगी से जूझ रहा है।
पहली घटना सिविल लाइन थाना क्षेत्र के चंद्रपुरा गांव की है। गांव निवासी 35 वर्षीय राजेश कुमार पुत्र अर्नेस्ट चंद्र उर्फ मेवाराम, जो जन्म से मूकबधिर थे, गांव के ही सतीश के निर्माणाधीन मकान में मजदूरी कर रहे थे। बताया जा रहा है कि मकान के ऊपर से 11 हजार वोल्ट की हाईटेंशन लाइन गुज़र रही है। सोमवार सुबह जब राजेश छत पर सामान चढ़ा रहा था, तभी उसका कंधा लाइन से छू गया। करंट लगते ही वह बुरी तरह झुलसकर नीचे गिर पड़ा।
मौके पर मौजूद लोग आनन-फानन में उसे जिला अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। मृतक की पत्नी करीब दस साल पहले उसे बच्चों के साथ छोड़ चुकी थी। परिवार में उसकी मौत से मातम पसरा है, परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है।

युवक मेडिकल कॉलेज रेफर दूसरी घटना इकदिल थाना क्षेत्र के मानिकपुर मोड़ स्थित एक ईंट भट्ठे की है। 32 वर्षीय सुनील कुमार पुत्र श्रीराम किशोर, निवासी थाना अगैनल, महगांव, भिंड (म.प्र.) अपने चाचा ओमकार के साथ डीसीएम में भूसा लेकर आया था। भूसा उतारते वक्त जैसे ही वह डीसीएम पर चढ़ा, उसका सिर ऊपर से गुज़र रही हाईटेंशन लाइन से टकरा गया। तेज करंट लगने से वह बुरी तरह झुलस गया और नीचे गिर पड़ा।
चीख-पुकार सुनकर लोग दौड़े और परिजनों की मदद से घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया, जहां से उसकी गंभीर हालत को देखते हुए मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया।
दोनों घटनाओं के बाद स्थानीय लोगों ने प्रशासन और बिजली विभाग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। ग्रामीणों का कहना है कि रिहायशी और कार्यस्थलों के ऊपर से गुजरने वाली हाईटेंशन लाइनें जानलेवा साबित हो रही हैं, लेकिन इन्हें हटाने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया जा रहा है।