तेहरान9 मिनट पहले
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ईरान का फोर्डो न्यूक्लियर प्लांट। अमेरिकी हमले से इसके एंट्रेंस को नुकसान पहुंचा था। सोर्स- प्लैनेट लैब्स
अमेरिका ने पिछले हफ्ते 21 जून को ईरान की फोर्डो परमाणु साइट पर हमला किया था। इस हमले में अमेरिका ने पहली बार 30,000 पाउंड वजनी GBU-57 सीरीज के ‘बंकर बस्टर’ बमों का इस्तेमाल किया था। ये बम खास तौर पर गहरे बंकरों और जमीन के नीचे बनी साइट्स को नष्ट करने के लिए बनाए गए हैं।
अमेरिकी सेना के चेयरमैन लेफ्टिनेंट जनरल डैन केन ने गुरुवार को बताया कि इन बमों को बनाने में 15 साल लगे। 2009 में जब अमेरिका को ईरान की फोर्डो साइट के बारे में पता चला, तब उनके पास इसे तबाह करने के लिए कोई सही हथियार नहीं था। इसके बाद अमेरिका ने इन शक्तिशाली बमों को डेवलप किया।
अमेरिका ने ईरान के 3 परमाणु ठिकानों पर 7 B-2 बॉम्बर से हमला किया था। B-2 बॉम्बर ने फोर्डो और नतांज साइट पर एक दर्जन से ज्यादा GBU-57 बंकर बस्टर बम गिराए।

1000 फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से हमला किया
ईरान पर अमेरिकी हमले का नाम ऑपरेशन मिडनाइट हैमर था। इस हमले में फोर्डो साइट के दो मुख्य वेंटिलेशन शाफ्ट्स को निशाना बनाया गया। ईरान ने इन शाफ्ट्स को कंक्रीट से बंद करने की कोशिश की थी, लेकिन अमेरिकी सेना ने पहले से इसकी तैयारी कर ली थी।
पहला बम कंक्रीट को तोड़ने के लिए इस्तेमाल हुआ, जिससे शाफ्ट खुल गया। फिर चार बमों को मेन शाफ्ट पर गिराया गया, जो 1,000 फीट प्रति सेकेंड की रफ्तार से साइट के अंदर गिरे और जोरदार विस्फोट किया।
जनरल केन ने बताया कि इस ऑपरेशन में 15 साल की मेहनत शामिल थी। पायलटों, हथियार बनाने वाली टीम और लोड क्रू ने मिलकर इस हमले को सफल बनाया।
GBU-57 बंकर बम – दुनिया का सबसे शक्तिशाली हथियार
GBU-57 को मासिव ऑर्डनेंस पेनेट्रेटर (MOP) भी कहते हैं, एक ऐसा बम है जो जमीन के 60 मीटर (200 फीट) नीचे तक घुसकर विस्फोट कर सकता है। यह बम खास तौर पर गहरे बंकरों और सुरक्षित ठिकानों को तबाह करने के लिए बनाया गया है।
वॉशिंगटन के सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक एंड इंटरनेशनल स्टडीज (CSIS) के मासाओ डाहलग्रेन ने बताया कि इस बम में मोटी स्टील की परत होती है, जो चट्टानों और कंक्रीट को तोड़कर अंदर घुस सकती है। इसमें एक खास फ्यूज भी है, जो भारी दबाव और झटके सहने के बाद भी सही समय पर विस्फोट करता है।

B-2 विमानों से ही गिराया जा सकता है GBU-57 बम
यह बम केवल B-2 स्पिरिट स्टेल्थ बॉम्बर विमान से ही गिराया जा सकता है। B-2 एक ऐसा विमान है जो दुश्मन की मजबूत डिफेंस सिस्टम को चकमा दे सकता है और 9,600 किलोमीटर तक बिना रुके उड़ सकता है।
21 जून को ईरान की परमाणु साइट्स पर हमले में अमेरिका ने 7 B-2 विमानों का इस्तेमाल किया। यह अमेरिकी इतिहास का सबसे बड़ा B-2 हमला था और दूसरा सबसे लंबा B-2 मिशन।
जनरल डैन केन ने बताया कि कुछ B-2 विमानों को प्रशांत महासागर की ओर भेजा गया ताकि दुश्मन का ध्यान भटकाया जाए, जबकि असली हमला करने वाले विमान दूसरी दिशा में गए। यह एक सीक्रेट प्लानिंग थी, जिसके बारे में सिर्फ कुछ चुनिंदा लोग जानते थे।

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