इस्लामाबाद1 घंटे पहले
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जैश-ए-मोहम्मद का बहावलपुर में मौजूद मरकज सुभान अल्लाह परिसर, जिस पर भारत ने एयर स्ट्राइक की थी। हमले से पहले की तस्वीर।
पाकिस्तानी सेना, सीक्रेट एजेंसी ISI और सरकार मिलकर भारत के ऑपरेशन सिंदूर में तबाह हुए आतंकी ठिकानों और ट्रेनिंग कैंप्स को फिर से बना रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पाकिस्तानी सेना की मदद से आतंकी संगठन अब लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) के पास घने जंगलों में छोटे और हाई-टेक ट्रेनिंग कैंप बना रहे हैं। इनका मकसद भारतीय सेना की निगरानी और हवाई हमलों से बचना है।
ये कैंप्स लुनी, पुटवाल, ताइपु पोस्ट, जमीला पोस्ट, उमरनवाली, चप्रार, फॉरवर्ड कहुटा, छोटा चक और जंगलोरा जैसे इलाकों में बनाए जा रहे हैं। इनमें थर्मल इमेजर, जंगल में निगरानी करने वाले रडार और सैटेलाइट को चकमा देने वाली तकनीकों का इस्तेमाल हो रहा है।
PoK और इंटरनेशनल बॉर्डर पर लॉन्चपैड बना रहे
पाकिस्तान PoK में फिर से 13 लॉन्चपैड डेवलप कर रहा है। इनमें केल, शारदी, दुधनियाल, अथमुकाम, जुरा, लीपा वैली, पचिबन चमन, तंदपानी, नैयाली, जानकोट, चकोटी, निकैल और फॉरवर्ड कहुटा शामिल हैं।
इसके अलावा, जम्मू सेक्टर की इंटरनेशनल बॉर्डर पर मसरूर बड़ा भाई, चप्रार, लुनी और शकरगढ़ में चार लॉन्चपैड बना रहे हैं।
भारत ने 22 अप्रैल को पहलगाम हमले के बाद 7 मई को ऑपरेशन सिंदूर चलाकर पाकिस्तान और PoK में मौजूद कई आतंकी ठिकानों को तबाह कर दिया था।



ISI का अब छोटे कैंप बनाने पर फोकस
ISI अब बड़े आतंकी कैप्स की जगह छोटे-छोटे कैंप बनाने पर फोकस कर रही है। ताकि किसी हमले में नुकसान को कम किया जा सके। हर कैंप की अपनी सिक्योरिटी सिस्टम होगी, जिसमें खास तरह से ट्रेंड पाकिस्तानी सैनिक तैनात होंगे। ये सैनिक थर्मल सेंसर, लो फ्रीक्वेंसी वाले रडार और एंटी-ड्रोन तकनीक से लैस होंगे।
सीक्रेट एजेंसियों ने बहावलपुर में हुई एक सीक्रेट बैठक की जानकारी भी इंटरसेप्ट की है। इस बैठक में जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिदीन और द रेसिस्टेंस फ्रंट (TRF) के सीनियर कमांडर्स के साथ ISI अधिकारी शामिल थे।
बैठक में ISI ने तबाह हुए आतंकी ठिकानों को फिर से बनाने के लिए धनराशि और जरूरी रिसोर्स देने का वादा किया है।
मुनीर ने तबाह अड्डों को 11 दिन में ठीक करने को कहा था
PAK आर्मी चीफ मुनीर ने एक हफ्ते पहले मरकज सुब्हान अल्लाह परिसर, बिलाल मस्जिद, उम्मुल कुर्रा, जामिया दावा इस्लामी मदरसा व भारतीय हमलों में तबाह हुए अन्य आतंकी ठिकानों को रिपेयर करने की डेडलाइन 31 जून तय की थी।
दरअसल, 1 जुलाई से पाकिस्तान में मदरसे खुलेंगे। पहले मदरसे 20 जून से खुलने थे, लेकिन इनके ठीक न हो पाने के चलते मदरसे खुलने की तारीख बदल दी गई है। मुनीर ने इन्हें रिपेयर करने के लिए एक टीम बनाई है। वह खुद इन कामों की निगरानी कर रहे हैं। जिससे साफ है कि पाक अपने यहां पाले गए आतंकवाद को फिर खड़ा कर रहा है।
क्या है ऑपरेशन सिंदूर?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमला हुआ था। आतंकियों ने 26 टूरिस्ट्स की हत्या की थी। इसका बदला लेने के लिए भारत ने 7 मई को पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) और पाक में मौजूद 9 आतंकी ठिकानों पर एयरस्ट्राइक की थी। सेना ने 100 आतंकियों को मार गिराया था।
आतंकी ठिकानों पर भारत के हमले के बाद, पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर नियंत्रण रेखा (LoC) पर गोलाबारी की। साथ ही बॉर्डर इलाकों में ड्रोन हमलों की भी कोशिश की। जवाब में, भारत ने पाकिस्तान के एयर डिफेंस मशीनरी, रडार इन्फ्रास्ट्रक्चर और कम्युनिकेशन सेंटर्स पर हमले किए और उन्हें नष्ट कर दिया।
भारतीय हमले ने पाकिस्तान के 11 एयरबेसों को भारी नुकसान पहुंचाया। इसके बाद, 10 मई को भारत और पाकिस्तान के बीच संघर्ष खत्म करने के लिए सीजफायर की घोषणा की गई।

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