6 से ज्यादा पंचायतों ने डीसी से की शिकायत।
बठिंडा में निजी अस्पतालों ने दो गांवों के मरीजों का इलाज करने से मना कर दिया है। यह फैसला रामपुरा फूल के निजी अस्पतालों ने लिया है। इस फैसले के विरोध में हल्का रामपुरा की छह से अधिक पंचायतों ने डिप्टी कमिश्नर शौकत अहमद परे और कार्यकारी सीएमओ डॉ. रमनद
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प्रतिनिधिमंडल में कोठे मंडी कलां के सरपंच जसवंत दर्द प्रीत सिंह, खोखर गांव की सरपंच करमजीत कौर और सरबजीत कौर, मांडी कलां की सरपंच मनजिंदर कौर, दिख के सरपंच गुरदीप सिंह और बुग्गरां गांव के सरपंच शामिल थे। यह विवाद एक हालिया घटना से शुरू हुआ। सूच गांव का जसप्रीत सिंह नाम का एक युवक ट्रैक्टर दुर्घटना में घायल हो गया था।
उसे रामपुरा के निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। इसके बाद भारतीय किसान यूनियन सिद्धूपुर के नेता दीपू मंडी कला और अन्य ग्रामीणों ने अस्पताल के सामने धरना दिया। उन्होंने डॉक्टरों पर शराब पीने और इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया। पंचायत प्रतिनिधियों के अनुसार, युवक की मौत के बाद डॉक्टरों ने परिवार को कुछ आर्थिक सहायता देकर मामला निपटाने का प्रयास किया।
उधर डॉक्टरों का कहना है कि पैसे लेते ही धरना खत्म किया गया और इलाके में डॉक्टरों को बदनाम किया गया। डिप्टी कमिश्नर ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।