Shiromani Akali leader Bikram Singh Majithia disproportionate assets case petition Punjab and Haryana High Court hearing update | मजीठिया की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई आज: खुद को गिरफ्तारी और रिमांड को बताया गलत, अब 4 दिन के रिमांड पर चल रहे – Punjab News

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बिक्रम सिंह मजीठिया की याचिका पर आज पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई।

आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार सीनियर अकाली नेता व पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के मामले की पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट पहुंच गए है। उनके वकीलों तरफ से अदालत में दायर याचिका में उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी बताया है। रिमांड ऑर्डर रद्द करने क

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मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर का कहना यह केस उस खारिज रिपोर्ट के आधार पर दर्ज किया गया है। जिसे सुप्रीम कोर्ट द्वारा रद्द कर दिया गया था। शीर्ष अदालत में भी पंजाब सरकार के वकीलों ने यही तथ्य रखे थे।

इससे पहले दो जुलाई को मजीठिया को सात दिन का रिमांड खत्म होने पर पेश किया गया। अदालत ने विजिलेंस ने जांच में उनकी प्रॉपर्टी को लेकर नए चीजें सामने रखी। साथ ही कहा कि यूपी गोरखपुर जाकर मामले की जांच करनी है।

अदालत ने सारे तथ्य सुनने के बाद चार दिन का रिमांड दिया है। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल के काफी नेता मोहाली में जुटे थे। सुखबीर बादल सभी नेताओं को पुलिस ने अरेस्ट कर लिया था।

8 प्वाइंटों में जाने गिरफ्तारी से अब तक की कहानी

1. अमृतसर से गिरफ्तारी

विजिलेंस ब्यूरो ने 540 करोड़ रुपए ड्रग मनी से जुड़े आय से अधिक संपत्ति मामले में 25 जून की सुबह साढ़े 4 बजे केस दर्ज किया। इसके बाद राज्य के 26 स्थानों पर मजीठिया से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की गई। फिर सुबह साढ़े 11 बजे के बाद मजीठिया को अमृतसर स्थित उनके घर से गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 29 मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 3 आईपैड, 2 डेस्कटॉप, 8 डायरियां और अन्य दस्तावेज बरामद करने का दावा किया। दावा किया गया कि ये मजीठिया से मिली हैं।

2. मोहाली अदालत से मिला सात दिन का रिमांड

26 जून को विजिलेंस ब्यूरो ने मजीठिया को मोहाली अदालत में पेश किया। मगर, इस दौरान विजिलेंस ने मीडिया के सामने मजीठिया को नहीं आने दिया। पहली बार 4 गेटों को बंद कर दो बजे तक आम जनता को रोका गया और मजीठिया को पेश किया गया। 3 जिलों की पुलिस वहां तैनात की। साथ ही वहां पहुंचे अकाली वर्करों को हिरासत में लिया। इस दौरान अदालत में विजिलेंस ने 12 दिन की रिमांड मांगी, लेकिन उन्हें 7 दिन की ही मिली।

3. पूर्व डीजीपी ने दर्ज करवाए बयान 27 जून को इस मामले में पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की एंट्री हो गई। उन्होंने चंडीगढ़ स्थित पंजाब पुलिस के ऑफिस में पहुंचकर अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2021 में जब वह डीजीपी के पद पर तैनात थे, उस समय मजीठिया पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था। ऐसे में विजिलेंस को अपने बयान दर्ज करवाकर आया हूं, उन्हें केस की सारी हिस्ट्री बताकर आया हूं, क्योंकि यह केस उसी मामले पर आधारित है।

4. ईडी के पूर्व डायरेक्टर की स्टमेंट

28 जून को ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह ने विजिलेंस मुख्यालय पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जब ड्रग तस्करी से जुड़े मनी लॉन्डरिंग केस की जांच हुई थी, उस समय उन्होंने करीब 41 लोगों से पूछताछ की थी। उस समय ड्रग तस्करी केस के आरोपी जगदीश भोला और अन्य लोगों ने मजीठिया का नाम स्टेटमेंट में लिया था। मैंने सब विजिलेंस को बताया है। अब विजिलेंस यह स्टेटमेंट ईडी से मांग सकती है।

5. बोनी अजनाला भी मजीठिया के खिलाफ आए

29 जून को पूर्व विधायक बोनी अजनाला ने विजिलेंस ऑफिस पहुंचकर बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि 2013 में जो पत्र उन्होंने तत्कालीन सीएम प्रकाश सिंह बादल और डीजीपी को लिखा था, उसी को बताकर आया हूं। उन्होंने दावा किया कि बिक्रम मजीठिया ने नशा तस्करी से जुड़े सत्ता और पिंडी को अपना जिगरी यार कहकर अपने घर पर उनसे मिलवाया था। इसी दिन शाम को मजीठिया के पूर्व पीए और आम आदमी पार्टी के नेता दलबीर गिल ने अपने बयान दर्ज करवाए। उन्होंने कहा कि उन्होंने अपनी सारी जानकारी विजिलेंस को बताई है।

6. विजिलेंस शिमला लेकर गई

30 जून को विजिलेंस ब्यूरो की टीमें मजीठिया को पंजाब और हिमाचल के विभिन्न स्थानों पर संदिग्ध प्रॉपर्टी की निशानदेही के लिए लेकर गई थी। विजिलेंस का आरोप है कि मजीठिया ने जांच में सहयोग नहीं किया, जिससे उन्हें मुश्किल आई है।

मनिंदर सिंह उर्फ बिट्टू और जगजीत सिंह चहल ने अपने बयान दर्ज करवाए हैं। उन्होंने कहा कि 2010 तक उनके मजीठिया से अच्छे संबंध रहे हैं। वहीं, उन्होंने कहा कि ड्रग केस की भी दोबारा जांच होनी चाहिए। उधर, पूर्व सीएम चरणजीत सिंह चन्नी ने कहा वह भी मजीठिया के खिलाफ विजिलेंस को बयान दर्ज करवाने के लिए तैयार हैं।

विजिलेंस की टीम जब मजीठिया को लेकर शिमला गई थी।

विजिलेंस की टीम जब मजीठिया को लेकर शिमला गई थी।

7. एनसीबी की हुई एंट्री

दो तारीख को सामने आया कि अब इस मामले की जांच NCB भी करेगी। NCB ने पंजाब विजिलेंस ब्यूरो से केस बारे रिकॉर्ड मांगा है। इसका पंजाब सरकार ने विरोध किया और कहा कि ऐसा कर केंद्र सरकार अपनी पुरानी साझीदार पार्टी के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को बचाने की कोशिश कर रही है। इसके अलावा मजीठिया को लेकर पंजाब के अलावा हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और चंडीगढ़ में एक साथ रेड की गई। मजीठिया को लेकर पुलिस अमृतसर तक गई। वहीं, मजीठिया ने रिमांड को चुनौती देने वाली याचिका हाईकोर्ट में दायर की है।

दिल्ली और शिमला में गिनाईं प्रॉपर्टी

2 जुलाई को विजिलेंस ने सात दिन का रिमांड खत्म होने पर मजीठिया को मोहाली अदालत में पेश किया। विजिलेंस ने कहा कि मजीठिया जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। शिमला की प्रॉपर्टी का कागजों में बहुत थोड़ा जिक्र है, लेकिन वह बहुत बड़ा हिस्सा है। दिल्ली में ‘सैनिक फार्म’ नाम से एक फार्महाउस है,

जिसे पहले नीलाम किया गया था लेकिन बाद में मजीठिया के पिता द्वारा दोबारा खरीदा गया। यह उस समय खरीदा गया जब मजीठिया पंजाब सरकार में मंत्री थे। जालंधर में ‘ग्रीन एवेन्यू’ नाम की एक सोसाइटी विकसित की गई है, जिसमें मजीठिया की पत्नी की 25% हिस्सेदारी है। वहीं, सैनिक फार्म की मौजूदा कीमत सैकड़ों करोड़ आंकी गई है। इसके अलावा गोरखपुर में भी प्रॉपर्टी है। वहां भी लेकर जाना है। ऐसे में चार दिन का रिमांड मिला है।

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