नंद कुमार | एटा3 मिनट पहले
- कॉपी लिंक

एटा के विकास भवन में तैनात एडीपीएम अंशुल शाक्य पर रिश्वतखोरी का आरोप लगाते हुए एक फर्म संचालक सुरजीत यादव ने फेसबुक पोस्ट कर सनसनी फैला दी। पोस्ट में उन्होंने डेढ़ लाख की मांग के आरोप लगाए और कई UPI ट्रांजैक्शन के स्क्रीनशॉट भी साझा किए।
चार महीने से ब्लैकमेल हो रहा था
श्रीकृष्णा इंटरप्राइजेज नाम की फर्म चलाने वाले सुरजीत यादव ने कहा कि अधिकारी लगातार फोन और मैसेज कर पैसों की मांग कर रहे थे। बिना हस्ताक्षर के नोटिस भेजे गए और बाद में दस्तखत करवा कर दोबारा भेजे गए।
जीएसटी और टैक्स को लेकर जारी हुआ था नोटिस
शनिवार को डीपीआरओ कार्यालय की ओर से फर्म को एक आधिकारिक पत्र जारी किया गया था, जिसमें 6 करोड़ के लेनदेन का हवाला देते हुए जीएसटी, रॉयल्टी, लेबर सेस और अन्य विवरण मांगे गए थे। इसके बाद ही रिश्वत के आरोपों की सोशल मीडिया पर एंट्री हुई।

एडीपीएम बोले–विभागीय कार्रवाई के डर से बनाया जा रहा दबाव
अंशुल शाक्य ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया और दावा किया कि फर्म के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के चलते वह दबाव बनाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि जांच में सब कुछ स्पष्ट हो जाएगा।
डीपीआरओ ने कहा- शिकायत लिखित में मिलने पर होगी जांच
जिले के पंचायत राज अधिकारी प्रीतम सिंह ने बताया कि यह मामला जांच योग्य है, लेकिन सिर्फ फेसबुक पोस्ट से जांच नहीं होती। उन्होंने बताया कि इस फर्म समेत कई अन्य को भी नोटिस भेजे गए हैं।
फर्म मालिक ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि उनका कोई टेंडर नहीं है। वह सिर्फ मांग के अनुसार ग्राम प्रधान व सचिव को बिल्डिंग मटेरियल सप्लाई करते हैं। जीएसटी रिटर्न व अन्य कानूनी जिम्मेदारी का पालन करने की बात कही। सुरजीत यादव का कहना है कि वह अब पूरे मामले की शिकायत जिलाधिकारी एटा से करेंगे।