नागौर जिले के खड़काली गांव में गत 11 मार्च 2024 को हुई उम्मेदाराम की हत्या के मामले ने अब चौंकाने वाला मोड़ आया है। पहले मृतक उम्मेदाराम के 2 सालों दुर्गाराम और किशनाराम को आरोपी मानते हुए पुलिस ने चालान पेश किया था, अब उसी मामले में मृतक के चाचा परि
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घटना के अनुसार उम्मेदाराम की ट्रेलर से कुचलकर मौत हो गई थी। पांचौड़ी थाने में मृतक उम्मेदाराम के चाचा ताजूराम ने रिपोर्ट दर्ज करवाई थी कि मृतक के साले दुर्गाराम और किशनाराम ने जानबूझकर ट्रेलर चढ़ाकर उम्मेदाराम की हत्या की है। इस पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरु कर दी थी। पुलिस ने मृतक उम्मेदाराम के चाचा ताजूराम व चचेरे के भाई चूनाराम के बयान लेकर मृतक के साले रमेश व किशनाराम के विरूद्ध न्यायालय में आरोप पत्र पेश कर दिया था।
पुलिस जांच में यह पाया गया कि उम्मेदाराम को सबसे पहले लाठी से सिर पर वार कर गिराया गया था और यह हमला चूनाराम ने किया। इसके तुरंत बाद मौके पर खड़े दुर्गाराम और किशनाराम ने ट्रेलर चढ़ाकर उम्मेदाराम की हत्या कर दी। कड़ी पूछताछ के बाद लाठी को पुलिस ने बरामद कर लिया। दुर्गाराम, किशनाराम और चूनाराम को जेल भेजा जा चुका है। अभी प्रकरण नागौर के अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश संख्या-1 कोर्ट में विचाराधीन है।
मृतक की पत्नी ने एडवोकेट डॉ. पवन श्रीमाली के जरिए पुलिस अधीक्षक व न्यायालय को रिपोर्ट प्रस्तुत करते हुए मृतक के चचेरे भाई के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। घटना की फुटेज के आधार पर जांच नागौर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक प्रवेंद्र महला को सौंपी गई। एडवोकेट डाॅ. पवन श्रीमाली ने बताया कि इस केस की शुरुआत में सच्चाई को दबाने और दोषियों को बचाने की सुनियोजित कोशिश की गई। जब मृतक का भाई जगदीश ने सीसीटीवी फुटेज लेकर आया, तब स्पष्ट हो गया कि यह हत्या एकतरफा नहीं थी। उम्मेदाराम दोनों पक्षों के बीच झगड़ा सुलझाने आया था, लेकिन उसी के साथ विश्वासघात हुआ। पहले लाठी मारकर घायल किया गया और फिर गाड़ी चढ़ाकर मार डाला गया। इस फुटेज के आधार पर जांच की दिशा बदली।