Congress Party Donation Income Tax Case; ITAT | Appellate Tribunal | कांग्रेस को ₹199 करोड़ डोनेशन पर टैक्स से राहत नहीं: ट्रिब्यूनल में याचिका खारिज, 6 साल पहले पार्टी ने जीरो इनकम बताकर टैक्स भरा था

Actionpunjab
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नई दिल्ली29 मिनट पहले

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इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल ने टैक्स अफसरों के 2023 के फैसले को बरकरार रखा। - Dainik Bhaskar

इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल ने टैक्स अफसरों के 2023 के फैसले को बरकरार रखा।

इनकम टैक्स अपील ट्रिब्यूनल ( ITAT) ने मंगलवार को कांग्रेस को डोनेशन में मिले 199 करोड़ रुपए पर टैक्स में छूट देने से जुड़ी याचिका खारिज कर दी। ट्रिब्यूनल ने आयकर रिटर्न देर से दाखिल करने और नकद दान की सीमा के उल्लंघन को इसकी वजह बताया।

दो सदस्यीय बेंच ने फैसला सुनाते हुए कहा कि 2 फरवरी, 2019 को दाखिल किया गया कांग्रेस का टैक्स रिटर्न, उसे छूट के लिए योग्य बनाने के लिए निर्धारित तिथि के भीतर नहीं है। ट्रिब्यूनल ने टैक्स अफसरों के फैसले को बरकरार रखते हुए कहा कि पार्टी को डोनेशन के रुपयों पर भी टैक्स देना होगा।

दरअसल, कांग्रेस ने वित्तीय वर्ष 2018-19 में धारा 139(1) के तहत 2 फरवरी, 2019 को इनकम टैक्स रिटर्न भरा था। हालांकि टैक्स भरने की डेडलाइन 31 दिसंबर, 2018 थी। कांग्रेस ने टैक्स रिटर्न में धारा 13ए के तहत डोनेशन में मिले 199.15 करोड़ रुपए की छूट का दावा करने के बाद अपनी इनकम जीरो बताई थी।

कांग्रेस को डोनेशन में 14.49 लाख रुपए कैश भी मिले थे सितंबर 2019 में, टैक्स अफसर को जांच के दौरान पता चला कि कांग्रेस ने डोनेशन के तौर पर 14.49 लाख रुपए कैश स्वीकार किए थे। इसमें से कई डोनर ने 2 हजार रुपए से ज्यादा दान दिया था, जो वित्त अधिनियम, 2017 के तहत तय लिमिट से ज्यादा थे। 2000 रुपए से ज्यादा के दान चेक या बैंक ट्रांसफर जैसे बैंकिंग माध्यमों से ही किया जाता है।

इसके चलते, इनकम टैक्स ने कांग्रेस को मिले डोनेशन की पूरी रकम पर टैक्स लगाया। जब कांग्रेस ने धारा 13ए के तहत छूट मांगी, तो आयकर विभाग ने 2021 में पार्टी के दावे को खारिज कर दिया। मार्च 2023 में, इनकम टैक्स के कमिश्नर (अपील) ने इस फैसले को बरकरार रखा।

इसके बाद कांग्रेस ने अपील ट्रिब्यूनल में याचिका लगाई थी। कांग्रेस ने आयकर अधिनियम की धारा 139(4) के तहत राहत की मांग की, जिसके तहत देरी से टैक्स दाखिल करने की इजाजत दी जानी चाहिए। हालांकि ITAT ने कांग्रेस को राहत देने से इनकार कर दिया।

कांग्रेस के खिलाफ टैक्स से जुड़े दो और मामले

1.₹53 करोड़ टैक्स का मामला (वित्त वर्ष 1994–95) यह मामला लगभग 30 साल पुराना है, जिसमें कांग्रेस को ₹53 करोड़ टैक्स भुगतान के लिए कहा गया था। पार्टी ने इसे अदालत में चुनौती दी है और कहा कि टैक्स डिमांड गलत है। मामला दिल्ली हाई कोर्ट और बाद में सुप्रीम कोर्ट में लंबित रहा है। अंतिम निर्णय अभी तक नहीं आया है।

2. ₹3, 567 करोड़ का पुनर्मूल्यांकन मामला (वित्त वर्ष 2014 से 2021) यह मामला पुरानी असेसमेंट को फिर से खोलने (reassessment) से जुड़ा है। इस मामले में कांग्रेस को मार्च 2024 में आयकर विभाग से दो नोटिस मिले थे। पहला नोटिस ₹1,823 करोड़ का मिला था। कुछ दिनों बाद ₹1745 करोड़ से ज्यादा के कर की मांग का नया नोटिस मिला।

कुल मिलाकर, आयकर विभाग ने इस मामले में कांग्रेस से अब तक 3,567 करोड़ रुपए टैक्स की मांग की है। आरोप है कि पार्टी ने कुछ दान और आय के स्रोत ठीक से घोषित नहीं किए। कांग्रेस ने इसे ‘टैक्स टेररिज्म’ करार दिया गया और कहा गया कि यह राजनीतिक बदले की भावना से किया गया है। पार्टी ने आयकर नोटिस के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में याचिका भी लगाई है।

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